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VIIKAS KUMAR

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Anamika Nautiyal

पता है शुक्र ग्रह पर जीवन की संभावना मिली है... हाँ तो ? तो क्या...अब सारे स्पेस रिसर्च सेंटर एक नई दुनिया की खोज करेंगे... क्या हमने कभ #नईदुनिया #अनाम_ख़्याल #pc_byअनाम #अनाम_संवाद #रात्रिख़्याल

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 संवाद पता है शुक्र ग्रह पर जीवन की संभावना मिली है...

हाँ तो ?

तो क्या...अब सारे स्पेस रिसर्च सेंटर एक नई दुनिया की खोज करेंगे... 

क्या हमने कभ

Vikas Sharma Shivaaya'

शुक्र प्रेम का ग्रह माना जाता है-शुक्र देव की पूजा करने से प्रेम विवाह की संभावनाएं प्रबल होती है-प्रेम का पूरा मामला शुक्र ग्रह पर र्निभर क #समाज

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शुक्र प्रेम का ग्रह माना जाता है-शुक्र देव की पूजा करने से प्रेम विवाह की संभावनाएं प्रबल होती है-प्रेम का पूरा मामला शुक्र ग्रह पर र्निभर करता है, शुक्र मजबूत है तो रिश्ते बनेंगे। 

वैसे बहुत कुछ बाकी ग्रहों के शुक्र से मिलन पर भी निर्भर करता है- जीवन में मुख्य रूप से शुक्र ग्रह प्रेम की भावनाओं को प्रदर्शित करता है।

शुक्र देव सामान्य मन्त्र: " ॐ शुं शुक्राय नमः "

शुक्र देव बीज मन्त्र: " ॐ द्राम द्रीम द्रौम सः शुक्राय नमः "

शुक्र  गायत्री मन्त्र: " ॐ शुक्राय विद्महे , शुक्लाम्बर - धरः , धीमहि तन्न: शुक्र प्रचोदयात "

शुक्र देव वैदिक मन्त्र: " ॐ अन्नात्परिश्रुतो रसं ब्रह्म्न्नाव्य पिबत् - क्षत्रम्पयः सोमम्प्रजापति ! ऋतेन सत्यमिन्द्रिय्वीपानं-गुं -शुक्र्मन्धस्य - इन्द्रस्य - इन्द्रियम - इदं पयो - अमृतं मधु !!"

शुक्र देव पौराणिक मन्त्र: " ॐ हिमकुंद - मृनालाभं दैत्यानां परमं गुरुं ! सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रन्माम्य्हम !!"

शुक्र देव ध्यान मन्त्र : " दैत्यानां गुरु : तद्वत श्वेत - वर्णः चतुर्भुजः ! दंडी च वरदः कार्यः साक्ष - सूत्र - कमंड - लु: !!

विष्‍णु सहस्‍त्रनामम्(एक हजार नाम) आज 89 से 99 नाम 

89	प्रजाभवः	वह जिससे सभी प्रजा आती है
90	अहः	वह जो समय का स्वरूप है
91	संवत्सरः	वह जिससे समय की अवधारणा आती है
92	व्यालः	नास्तिकों को सर्प (वलय)
93	प्रत्ययः	वह जिसका स्वभाव ज्ञान है
94	सर्वदर्शनः	सब देख रहे है
95	अजः	वर्तमान
96	सर्वेश्वरः	सभी का नियंत्रक
97	सिद्धः	सबसे प्रसिद्ध
98	सिद्धिः	वह जो मोक्ष देता हो
99	सर्वादिः	सभी की शुरुआ

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' शुक्र प्रेम का ग्रह माना जाता है-शुक्र देव की पूजा करने से प्रेम विवाह की संभावनाएं प्रबल होती है-प्रेम का पूरा मामला शुक्र ग्रह पर र्निभर क

N S Yadav GoldMine

#boat तुलसी की माला से स्वास्थ्य और शांति की प्राप्ति होती है 💠💠 {Bolo Ji Radhey Radhey} 🔯 तुलसी की माला पहनने से मन शांत और आत्मा पवित्र #जानकारी

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Vikas Sharma Shivaaya'

शुक्र जिसका संस्कृत भाषा में एक अर्थ है शुद्ध, स्वच्छ, भृगु ऋषि के पुत्र एवं असुर गुरु शुक्राचार्य का प्रतीक शुक्र ग्रह है- भारतीय ज्योतिष म #समाज

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शुक्र जिसका संस्कृत भाषा में एक अर्थ है शुद्ध, स्वच्छ, भृगु ऋषि के पुत्र एवं असुर गुरु शुक्राचार्य का प्रतीक शुक्र ग्रह है- भारतीय ज्योतिष में इसकी नवग्रह में भी गिनती होती है- यह सप्तवारों में शुक्रवार का स्वामी होता है-यह श्वेत वर्णी, मध्यवयः, सहमति वाली मुखाकृति के होते हैं, इनको ऊंट, घोड़े या मगरमच्छ पर सवार दिखाया जाता है-ये हाथों में दण्ड, कमल, माला और कभी-कभार धनुष-बाण भी लिये रहते हैं...,

शुक्र (Venus), सूर्य से दूसरा ग्रह है और प्रत्येक 224.7 पृथ्वी दिनों मे सूर्य परिक्रमा करता है-ग्रह का नामकरण प्रेम और सौंदर्य की रोमन देवी पर हुआ है,चंद्रमा के बाद यह रात्रि आकाश में सबसे चमकीली प्राकृतिक वस्तु है- इसका आभासी परिमाण -4.6 के स्तर तक पहुँच जाता है और यह छाया डालने के लिए पर्याप्त उज्जवलता है...,

शुक्र के शुभ प्रभाव से जातक में रचनात्मकता आती है और उसकी रूचि कलात्मक कार्यों में होती है- शुक्र के मजबूत स्थिति में होने से जातक के प्रेम वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और इसी के साथ व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी मजबूत रहती है व उसको भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है...,

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 454 से 465 नाम
454 ज्ञानमुत्तमम् जो प्रकृष्ट, अजन्य, और सबसे बड़ा साधक ज्ञान है
455 सुव्रतः जिन्होंने अशुभ व्रत लिया है
456 सुमुखः जिनका मुख सुन्दर है
457 सूक्ष्मः शब्दादि स्थूल कारणों से रहित हैं
458 सुघोषः मेघ के समान गंभीर घोष वाले हैं
459 सुखदः सदाचारियों को सुख देने वाले हैं
460 सुहृत् बिना प्रत्युपकार की इच्छा के ही उपकार करने वाले हैं
461 मनोहरः मन का हरण करने वाले हैं
462 जितक्रोधः क्रोध को जीतने वाले
463 वीरबाहुः अति विक्रमशालिनी बाहु के स्वामी
464 विदारणः अधार्मिकों को विदीर्ण करने वाले हैं
465 स्वापनः जीवों को माया से आत्मज्ञानरूप जाग्रति से रहित करने वाले हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' शुक्र जिसका संस्कृत भाषा में एक अर्थ है शुद्ध, स्वच्छ, भृगु ऋषि के पुत्र एवं असुर गुरु शुक्राचार्य का प्रतीक शुक्र ग्रह है- भारतीय ज्योतिष म

Vikas Sharma Shivaaya'

कुबेर लक्ष्मी मंत्र : ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥ पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी के मानस प #समाज

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कुबेर लक्ष्मी मंत्र :
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥

पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी के मानस पुत्र भृगु ऋषि का विवाह प्रजापति दक्ष की कन्या ख्याति से हुआ जिससे धाता,विधाता दो पुत्र व श्री नाम की कन्या का जन्म हुआ। भागवत पुराण के अनुसार भृगु ऋषि के कवि नाम के पुत्र भी हुए जो कालान्तर में शुक्राचार्य नाम से प्रसिद्ध हुए। 

शुक्र -जिसका संस्कृत भाषा में एक अर्थ है शुद्ध, स्वच्छ, भृगु ऋषि के पुत्र एवं दैत्य-गुरु शुक्राचार्य का प्रतीक शुक्र ग्रह है। भारतीय ज्योतिष में इसकी नवग्रह में भी गिनती होती है। यह सप्तवारों में शुक्रवार का स्वामी होता है। यह श्वेत वर्णी, मध्यवयः, सहमति वाली मुखाकृति के होते हैं। इनको ऊंट, घोड़े या मगरमच्छ पर सवार दिखाया जाता है। ये हाथों में दण्ड, कमल, माला और कभी-कभार धनुष-बाण भी लिये रहते हैं।

उषानस एक वैदिक ऋषि हुए हैं जिनका पारिवारिक उपनाम था काव्य (कवि के वंशज, अथर्व वेद अनुसार जिन्हें बाद में उषानस शुक्र कहा गया।

शुक्र एकाक्षरी बीज मंत्र-
 'ॐ शुं शुक्राय नम:। 
' शुक्र तांत्रिक मंत्र- 'ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:। '

सो शिंगार वा चित्र में हतो ,
तैसोई वस्त्र आभूषन अपने श्रीहस्त में धारण किये !
गाय ग्वाल सखा सब साथ ले के आप पधारे !!

इस दोहे में रसखान जी कहते है कि चित्र में जैसा श्रृंगार था ठीक उसी प्रकार का श्रृंगार करके श्री कृष्ण पीताम्बर रूप में अपने ग्वाल बाल गोपो के साथ वे रसखान से मिलने पहुँच जाते है जहाँ रसखान बैठकर कृष्ण के प्रेम में आंसू बहा रहे थे !


🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' कुबेर लक्ष्मी मंत्र :
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥

पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी के मानस प
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