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Sangeeta Patidar

काश ! लिखने  से उसका दर्द भी कम हो जाता,
कैंडल मार्च से इंसाफ़-ए-चिराग़ रोशन हो जाता।
तारीख-दर-तारीख मिलने से बस भरम हो जाता,
काश ! किसी भी तरह बस ये सब हरण हो जाता।। आज चैलेंज के लिए कोई लफ़्ज नहीं दिया जाएगा,
आज प्रियंका रेड्डी को इंसाफ दिलाने के लिए और अपना विरोध दर्ज कराने के लिए  कुछ भी लिख सकते हैं,

आज चैलेंज के लिए कोई लफ़्ज नहीं दिया जाएगा, आज प्रियंका रेड्डी को इंसाफ दिलाने के लिए और अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कुछ भी लिख सकते हैं, #India #YourQuoteAndMine #justice #punish #urduhindi_poetry #aamirshaikh #priyankareddy #justicforpriyankareddy

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Vibha Katare

रागिनी जी द्वारा लिखित आज चैलेंज के लिए कोई लफ़्ज नहीं दिया जाएगा,
आज प्रियंका रेड्डी को इंसाफ दिलाने के लिए और अपना विरोध दर्ज कराने के लिए  कुछ भी लिख सकते हैं,

आज चैलेंज के लिए कोई लफ़्ज नहीं दिया जाएगा, आज प्रियंका रेड्डी को इंसाफ दिलाने के लिए और अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कुछ भी लिख सकते हैं, #India #YourQuoteAndMine #justice #punish #urduhindi_poetry #aamirshaikh #priyankareddy #justicforpriyankareddy

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Mamta Singh

प्रिंयका के लिये इंसाफ कि गुहार लगाने वालाे,
Candle जला कर social media पर फाेटाे डालने वालाे,
रैली निकालने वालाे,और बहस करने वालाे,
     आप सब से विन्रम निवेदन है,अगर आप सब काे भी कभी सूनसान रास्ते पर,परेशानी में,या किसी भी विपरीत परीस्थिती में पड़ी हुयी काेई प्रिंयका मिले ताे कृप्या आप उसे नुकसान न पंहुचाये।
       काेई भी कानून बनाने से समाज में सुधार नहीं हाेता,सुधार तब हाेता है जब समाज बदलता है।
और समाज काैन है..........?????? आज चैलेंज के लिए कोई लफ़्ज नहीं दिया जाएगा,
आज प्रियंका रेड्डी को इंसाफ दिलाने के लिए और अपना विरोध दर्ज कराने के लिए  कुछ भी लिख सकते हैं,

आज चैलेंज के लिए कोई लफ़्ज नहीं दिया जाएगा, आज प्रियंका रेड्डी को इंसाफ दिलाने के लिए और अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कुछ भी लिख सकते हैं, #India #YourQuoteAndMine #justice #punish #aamirshaikh #priyankareddy #justicforpriyankareddy

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Ravendra

पुलिस ने किया रूट मार्च

पुलिस अधीक्षक बहराइच वृन्दा शुक्ला* के निर्देशानुसार आगामी त्यौहारों, लोकसभा चुनाव-2024 तथा देश में लागू CAA के मद्

पुलिस ने किया रूट मार्च पुलिस अधीक्षक बहराइच वृन्दा शुक्ला* के निर्देशानुसार आगामी त्यौहारों, लोकसभा चुनाव-2024 तथा देश में लागू CAA के मद् #न्यूज़

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Anamika Nautiyal

वह बिलखती रही सड़कों 
पर कोई ना सुनने वाला था,
आज ऊपर वाला भी ना
उसकी इज्जत का रखवाला था।
गिड़गिड़ाई चिल्लाई वो पर 
हैवानों ने एक न सुनी,
तार-तार कर दिया गरिमा को 
जाने समय ने कौन सी चाल चली।
ए कानून के रखवाले 
मुझको भी इंसाफ दिला दो,
मुझे नोच जाने वाले को 
चौराहे पर लटका दो।।

 आज चैलेंज के लिए कोई लफ़्ज नहीं दिया जाएगा,
आज प्रियंका रेड्डी को इंसाफ दिलाने के लिए और अपना विरोध दर्ज कराने के लिए  कुछ भी लिख सकते हैं,

आज चैलेंज के लिए कोई लफ़्ज नहीं दिया जाएगा, आज प्रियंका रेड्डी को इंसाफ दिलाने के लिए और अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कुछ भी लिख सकते हैं, #YourQuoteAndMine #justice #punish #urduhindi_poetry #aamirshaikh #priyankareddy #justicforpriyankareddy #गढवालीगर्ल

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ताजदार

अनुशीर्षक में पढ़ें 🙏 #yostowrimo में आज कहानी आपके टीवी की। सारी दुनिया इसे बुद्धू बक्सा कहती है लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है। 
इस कहानी का मुख्य पात्र टीवी है। ज

#yostowrimo में आज कहानी आपके टीवी की। सारी दुनिया इसे बुद्धू बक्सा कहती है लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है। इस कहानी का मुख्य पात्र टीवी है। ज #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqhindi #bestyqhindiquotes #yqbesthindiquotes #aprichit #बुद्धूबक्सा

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Mayank Aggarwal

पढ़ा लिखा निकम्मा 

     भाग-1 मैं अपने बचपन के दोस्त से मिलने उसके घर के लिए निकला ही था कि नुक्कड़ पर चचा ने पीछे से टोक दिया, "शहर में सब कैसा चल रिया है"...पुरे गाँव मे

मैं अपने बचपन के दोस्त से मिलने उसके घर के लिए निकला ही था कि नुक्कड़ पर चचा ने पीछे से टोक दिया, "शहर में सब कैसा चल रिया है"...पुरे गाँव मे #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqhumour #DarkMan

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Roopanjali singh parmar

अश्लील क्या है- नज़रिया या कपड़े??

(कृप्या अनुशीर्षक में पढ़ें) एक शब्द है जिस पर अक्सर ही बहुत सारे विचार पढ़ने या सुनने को मिलते हैं..
और वो शब्द है 'अश्लीलता'।
अगर चर्चा अश्लीलता पर होगी तो महिलाओं का ज़

एक शब्द है जिस पर अक्सर ही बहुत सारे विचार पढ़ने या सुनने को मिलते हैं.. और वो शब्द है 'अश्लीलता'। अगर चर्चा अश्लीलता पर होगी तो महिलाओं का ज़ #रूपकीबातें

6 Love

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Madanmohan Thakur (मैत्रेय)

होना क्या है,हम पुरी मुस्तैदी से केस लङेंगे! लेकिन सरकार ने तो जानेमाने अधिवक्ता मधुर सहाय को चुना है!राजीव विचलीत होकर बोला! तो इसमे चिंता

होना क्या है,हम पुरी मुस्तैदी से केस लङेंगे! लेकिन सरकार ने तो जानेमाने अधिवक्ता मधुर सहाय को चुना है!राजीव विचलीत होकर बोला! तो इसमे चिंता

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Diwan G

बस इतनी सी बात कहूंगा प्रिये।
धड़कनें धड़कती हैं तेरे ही लिए।

©Diwan G
  #प्रिये #प्रिया #प्रिय #प्रियतमा #प्रेयसी #प्रेम #valantineday
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Kishore Nallanchakravartula

एक घटना
ये तब की बात है जब मैं दिल्ली में कार्यरत था।  अपनी घरवाली और बच्चे को ससुराल से लेकर आ रहा था।  हम दिल्ली सेंट्रल स्टेशन पहुंचने वाले थे।  मेरी पत्नी फ्रेश होने बाथरूम गई थी और अचानक मेरा छोटा सा हीरो मेरे करीब आया और उसने पूछा "केला खाओगे"। मैने कहा "अभी नहीं बेटा घर जाने के बाद खाऊंगा"!  वो चुपचाप खिड़की से बाहर देखने लगा ।  थोड़ी देर के बाद वो फिर मेरे करीब आया और बोला "केला खाओगे"। मैने कहा नहीं बेटा अभी नहीं घर जाके खाऊंगा। इस तरह तीन चार बार उसने यही सवाल किया और मैंने भी वही जवाब दिया।  अंत में उसने दो उंगलियां अपने मुंह की तरफ दिखाई और बोला "केला खाओगे"। और मेरी समझ में आया कि केला उसको खाना था।  भूख लगी थी और उसे केला खाओगे ही बोलना आता था।

©Kishore Nallanchakravartula ,#घटना
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KAHANI WALA

" सत्य घटना "

" सत्य घटना "

1,041 Views

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Samar Rao

मैं अपने देश की सेवा करते हुए शहीद हुआ हूँ मगर मेरे रब की कसम मै अपनी जगह से एक इन्च भी नहीं हिला हू  जय हिंद सच्ची घटना

सच्ची घटना #कहानी

4 Love

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Dr.Laxmi Kant trivedi (lucky)

#Encounter   बहुत ही बेखौफ है दरिन्दे
इन में भी खौफ लाइये
कुछ दिन जो पहले हुआ
उसे फिर से दुहराइए 
इन्सानियत के नाम पर
जो भी कलंक हो
उनको भी इस जमीन पे ज़िन्दा ही दफनाए
या सीधे जहन्नुम का रास्ता दिखाइए
बलात्कारी वैसे भी इंसान नहीं है
वो इंसान के रूप में शैतान छिपे है
फिर उपर से पीड़िता को जिन्दा जलाना
इनको ना मिलेगा नर्क मैं भी ठीकना
हे राम के अनुयायी इनकी भी ख़बर लो
करो खेल खत्म इनका तड़पाके मौत दो

उन्नाव घटना उन्नाव घटना #

उन्नाव घटना # #Encounter

5 Love

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Writer Veeru Avtar

युक्रेन और रसिया के बीच हो रहे युद्ध से सभी लोग भली भाँति परिचित हैं.और इस समय भारत की स्थिति किसी के भी पक्ष में नहीं है.. याद करो, भारत-पाक 1971 का युद्ध, उस समय पाकिस्तान के साथ अमेरिका, श्रीलंका और भी कई देश खड़े थे, और भारत अकेला ही था और पराजय की कगार पर खड़ा था, ऐसे में रूस ने ही अमेरिका जैसे कई देशों से दुश्मनी लेकर भारत का साथ दिया (सैन्य ताक़त और हथियारों से) ,,, रूस ने अपनी सच्ची मित्रता का परिचय दिया था... 
सोचिये जरा, अगर चीन ने पाकिस्तान को उक्साकर(जैसे अमेरिका ने युक्रेन को उक्साया है),भारत से फिर से युद्ध कराने के लिये खड़ा कर दिया(इतिहास दोहराने के लिये) और पाकिस्तान को सैन्य और हथियारों की भी सहायता कर दी,, और सिर्फ इतना ही नहीं ईरान, तुर्की जैसे कई देश भी पाक के साथ खड़े हो गए तो क्या होगा,, क्या रूस से भारत मदद ले सकेगा और अगर भारत विनती भी करता है रूस से तो क्या रूस साथ देने आयेगा.. 
भारत सरकार को इस विषय पर भी सोचना चाहिये..

©Writer Veeru Avtar सच्ची घटना

सच्ची घटना #विचार

10 Love

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motivational writter Surendra kumar bharti

सच्ची घटना की कहानी



हमारे जीवन के रास्ते का वो इक मंजर जो आज भी याद आता रहता है
एक बार की बात है । कि मैं अपनी गाड़ी लोडर से लखनऊ से आगे महमूदा बाद जा रहा था । रात लगभग  2 बजे का टाइम था ।
मैं गाड़ी में सिर्फ अकेले म्यूजिक लगा कर गाने सुनते गुनगुनाते हुवे चला जा रहा था ।
महमूदा बाद लगभग 25 किलो मीटर बचा होगा रास्ता बिल्कुल वीरान था चारो तरफ बस काली रात का भयानक सन्नाटा और जानवरों की वो ख़ौफ़नाक आवाजें 
दूर दूर तक कोई नजर नही आ रहा था । मैं अपनी धुन में गाने गुनगुनाते हुवे चला जा रहा था ।
तभी अचानक दूर सड़क धुंधली लाइट में दो काली परछाईं सी नजर आती है । कोई दूर हांथ हिलाकर कर हमें रोकने की कोशिश कर रहा था । मैं काफी डर गया की इतनी रात को कौन होगा । धीरे धीरे वो वो काली परछाईं इंसान के रूप में नजर आने लगी तभी देखता हूँ की इक औरत अपनी गोद में इक बच्चा लिए हांथ हिलाकर मुझे रोक रही मैं डरा सहमा सा धीरे से अपनी गाड़ी रोता हूं । तभी वो औरत मेरे पास आकर रोती हुवी बोलती है । भईया मेरे बच्चे का एक्सीडेंट हो गया है मैंने देखा उस औरत की गोद में इक बच्चा था जिसके सर में चोट लगी थी । फिर हमने उस औरत से कहा हम इस रास्ते पर नए है । हमें नही मालूम की यहां खान डॉ. मिलेंगे तभी वो औरत बोली यहाँ से थोड़ी दूर पर ही एक डॉ. हैं उन्हीं के पास जल्दी चलिए हमनें भी देर ना करते हुवे गाड़ी को जल्दी से वहां से बढ़ा लिया । लगभग 5 किलो मीटर चलने के बाद एक अंधेरा मोड़ आता है औरत बोलती है हमसे की भईया बस मोड़ से मोड़ लीजिये बस 100 मीटर पर डॉ. का घर है । हमने भी गाड़ी मोड़ी और थोड़ी देर चलने के बाद देखा की दूर इक घर दिखाई दे रहा था । लेकिन वहां दूर दूर तक बस पेड़ ही पेड़ थे किसी दूसरे घर का नामोनिशान नही था मैं काफी डरा और उस औरत से पूछने के लिए जैसे ही सर घुमा कर देखता हूँ तो वो औरत और बच्चा दोनों गाड़ी में नही थे । मैं बहोत डर गया और फिर आगे की तरफ देखाता हूँ  तो वहां वो जो घर दिख रहा था वो घर भी नही था । मैं और भी डर गया । मैंने डरते डरते गाड़ी घुमाई और वहां से वहां से गाड़ी भगाते हुवे महमूदा बाद ना जाकर सीधे घर चला आया  । लेकिन वो मंजर आज भी अगर याद आ जाता है दिल दहल सा जाता है । दोबारा अगर उस तरफ जाना होता है तो मैं दिन दिन ही अपना काम खत्म करके चला आता हूँ । लेकिन वो मंजर आज भी आंखों के सामने घूमता रहता है ।

©Surendra kumar bharti सच्ची घटना

सच्ची घटना #ज़िन्दगी

21 Love

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ARUN KUMAR

एक तस्वीर है मेरे पास जो  (घटना)


यू ही कट जाएगी उम्र,
किसी का दिल ना दुखाया करो,
दो पल में क्या हो जाये,
उसका भी अंदाजा लगाया करो,
बुरे बक्त में जो काम आये ,
उसका एहसान कभी ना भुलाया करो,
औऱ दोस्त हो या दुश्मन,
घर आये तो गले से लगाया करो।

अरुण राजपूत की कलम से----

©ARUN KUMAR घटना

#AdhureVakya

10 Love

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Sumit R Das

कुछ लोग कैंडिल मार्च करेंगे हफ्ते दस दिन शोक मनायेंगे
कवि लेखक साहित्यकार अपने शब्दों से आवाज उठायेंगे
फिर सब भूल जायेंगे जो जैसा चलता रहा वैसा ही चलेगा
कोई कानून नहीं आयेगा नेतागण बस संसद में चिल्लायेंगे हाथरस घटना

हाथरस घटना

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motivational writter Surendra kumar bharti

सच्ची घटना की कहानी



हमारे जीवन के रास्ते का वो इक मंजर जो आज भी याद आता रहता है
एक बार की बात है । कि मैं अपनी गाड़ी लोडर से लखनऊ से आगे महमूदा बाद जा रहा था । रात लगभग  2 बजे का टाइम था ।
मैं गाड़ी में सिर्फ अकेले म्यूजिक लगा कर गाने सुनते गुनगुनाते हुवे चला जा रहा था ।
महमूदा बाद लगभग 25 किलो मीटर बचा होगा रास्ता बिल्कुल वीरान था चारो तरफ बस काली रात का भयानक सन्नाटा और जानवरों की वो ख़ौफ़नाक आवाजें 
दूर दूर तक कोई नजर नही आ रहा था । मैं अपनी धुन में गाने गुनगुनाते हुवे चला जा रहा था ।
तभी अचानक दूर सड़क धुंधली लाइट में दो काली परछाईं सी नजर आती है । कोई दूर हांथ हिलाकर कर हमें रोकने की कोशिश कर रहा था । मैं काफी डर गया की इतनी रात को कौन होगा । धीरे धीरे वो वो काली परछाईं इंसान के रूप में नजर आने लगी तभी देखता हूँ की इक औरत अपनी गोद में इक बच्चा लिए हांथ हिलाकर मुझे रोक रही मैं डरा सहमा सा धीरे से अपनी गाड़ी रोकता हूं । तभी वो औरत मेरे पास आकर रोती हुवी बोलती है । भईया मेरे बच्चे का एक्सीडेंट हो गया है मैंने देखा उस औरत की गोद में इक बच्चा था जिसके सर में चोट लगी थी । फिर हमने उस औरत से कहा हम इस रास्ते पर नए है । हमें नही मालूम की यहां खान डॉ. मिलेंगे तभी वो औरत बोली यहाँ से थोड़ी दूर पर ही एक डॉ. हैं उन्हीं के पास जल्दी चलिए हमनें भी देर ना करते हुवे गाड़ी को जल्दी से वहां से बढ़ा लिया । लगभग 5 किलो मीटर चलने के बाद एक अंधेरा मोड़ आता है औरत बोलती है हमसे की भईया बस मोड़ से मोड़ लीजिये बस 100 मीटर पर डॉ. का घर है । हमने भी गाड़ी मोड़ी और थोड़ी देर चलने के बाद देखा की दूर इक घर दिखाई दे रहा था । लेकिन वहां दूर दूर तक बस पेड़ ही पेड़ थे किसी दूसरे घर का नामोनिशान नही था मैं काफी डरा और उस औरत से पूछने के लिए जैसे ही सर घुमा कर देखता हूँ तो वो औरत और बच्चा दोनों गाड़ी में नही थे । मैं बहोत डर गया और फिर आगे की तरफ देखाता हूँ  तो वहां वो जो घर दिख रहा था वो घर भी नही था । मैं और भी डर गया । मैंने डरते डरते गाड़ी घुमाई और वहां से वहां से गाड़ी भगाते हुवे महमूदा बाद ना जाकर सीधे घर चला आया  । लेकिन वो मंजर आज भी अगर याद आ जाता है दिल दहल सा जाता है । दोबारा अगर उस तरफ जाना होता है तो मैं दिन दिन ही अपना काम खत्म करके चला आता हूँ । लेकिन वो मंजर आज भी आंखों के सामने घूमता रहता है ।

©Surendra kumar bharti
  सच्ची घटना

सच्ची घटना #ज़िन्दगी

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motivational writter Surendra kumar bharti

सच्ची घटना की कहानी



हमारे जीवन के रास्ते का वो इक मंजर जो आज भी याद आता रहता है
एक बार की बात है । कि मैं अपनी गाड़ी लोडर से लखनऊ से आगे महमूदा बाद जा रहा था । रात लगभग  2 बजे का टाइम था ।
मैं गाड़ी में सिर्फ अकेले म्यूजिक लगा कर गाने सुनते गुनगुनाते हुवे चला जा रहा था ।
महमूदा बाद लगभग 25 किलो मीटर बचा होगा रास्ता बिल्कुल वीरान था चारो तरफ बस काली रात का भयानक सन्नाटा और जानवरों की वो ख़ौफ़नाक आवाजें 
दूर दूर तक कोई नजर नही आ रहा था । मैं अपनी धुन में गाने गुनगुनाते हुवे चला जा रहा था ।
तभी अचानक दूर सड़क धुंधली लाइट में दो काली परछाईं सी नजर आती है । कोई दूर हांथ हिलाकर कर हमें रोकने की कोशिश कर रहा था । मैं काफी डर गया की इतनी रात को कौन होगा । धीरे धीरे वो वो काली परछाईं इंसान के रूप में नजर आने लगी तभी देखता हूँ की इक औरत अपनी गोद में इक बच्चा लिए हांथ हिलाकर मुझे रोक रही मैं डरा सहमा सा धीरे से अपनी गाड़ी रोता हूं । तभी वो औरत मेरे पास आकर रोती हुवी बोलती है । भईया मेरे बच्चे का एक्सीडेंट हो गया है मैंने देखा उस औरत की गोद में इक बच्चा था जिसके सर में चोट लगी थी । फिर हमने उस औरत से कहा हम इस रास्ते पर नए है । हमें नही मालूम की यहां कहाँ डॉ. मिलेंगे तभी वो औरत बोली यहाँ से थोड़ी दूर पर ही एक डॉ. हैं उन्हीं के पास जल्दी चलिए हमनें भी देर ना करते हुवे गाड़ी को जल्दी से वहां से बढ़ा लिया । लगभग 5 किलो मीटर चलने के बाद एक अंधेरा मोड़ आता है औरत बोलती है हमसे की भईया बस मोड़ से मोड़ लीजिये बस 100 मीटर पर डॉ. का घर है । हमने भी गाड़ी मोड़ी और थोड़ी देर चलने के बाद देखा की दूर इक घर दिखाई दे रहा था । लेकिन वहां दूर दूर तक बस पेड़ ही पेड़ थे किसी दूसरे घर का नामोनिशान नही था मैं काफी डरा और उस औरत से पूछने के लिए जैसे ही सर घुमा कर देखता हूँ तो वो औरत और बच्चा दोनों गाड़ी में नही थे । मैं बहोत डर गया और फिर आगे की तरफ देखाता हूँ  तो वहां वो जो घर दिख रहा था वो घर भी नही था । मैं और भी डर गया । मैंने डरते डरते गाड़ी घुमाई और वहां से वहां से गाड़ी भगाते हुवे महमूदा बाद ना जाकर सीधे घर चला आया  । लेकिन वो मंजर आज भी अगर याद आ जाता है दिल दहल सा जाता है । दोबारा अगर उस तरफ जाना होता है तो मैं दिन दिन ही अपना काम खत्म करके चला आता हूँ । लेकिन वो मंजर आज भी आंखों के सामने घूमता रहता है ।

©Surendra kumar bharti
  सच्ची घटना

सच्ची घटना #ज़िन्दगी

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Trap Facts Hindi

एक सच्ची घटना

एक सच्ची घटना #ज़िन्दगी

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Ravi Saral

चूड़ी पर केवल महिलाओं का ही हक़ नाजायज़ है,

कुछ दो कौड़ी के लोग लहू में पानी बेशक़ रखते है,

ऐसे कैसे उनको उनका हक भी न दे पाएं हम,

कुछ ख़ाकी वाले भी चूड़ी पर उतना ही हक़ रखते है। #Nature पालघर घटना

#Nature पालघर घटना

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Usha bhadula



हाल ही में हुई एक दर्दनायक घटना जहाँ दो औरतों को निर्वस्त्र घुमाया गया तमाम भीड़ के बीच कहाँ था ये समाज, 

क्या किसी में भी साहस नहीं था क्या  पौरूष शक्ति की यही आजादी है क्या वेदना में वेदना अत्याचार यह महिलाओं की आजादी है? अरे नौ महीने पेट में रख स्वयं मौत के मुंह से ऐसी औलाद को जन्म देती है जो बड़ा हो इस तरह आजाद देश में अपनी आजादी दिखाए। 


बात बहुत पुरानी है पर सुनकर वहाँ का हाल सिहर उठता है आज भी मन, मेरी बड़ी दीदी समान सुधा सेन जी जो एक मध्यप्रदेश के रिवा गाँव में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं उन्होंने उस समय की आंखों देखी घटना बतायी कि जब बाबरी मस्जिद ढहाई गयी तब वह घटनास्थल से सिर्फ सौ मीटर की दूरी में ही रहती थी। मुझे बताते हुए वह कहती हैं उस समय नालियों में खून बहा हिन्दू मुसलमानों पर प्रहार करते तो मुसलमान हिन्दुओं पर, हद तब हुई जब मेरे सामने एक घर को आग लगा दी गयी जहाँ माँ बेटी तो बाहर कहीं छिप गए पर एक मासूम व बाप जल गया मासूम के मुख से दो शब्द निकले अब्बा, अल्लाह बस फिर… . 


जब दंगाइयों ने बच्ची को छिपे देखा तो खींच उसे  निर्वस्त्र किया लेकिन कहते हैं हरेक एक जैसा नहीं होता हर युवा बेरहम नहीं होता एक ने अपनी धोती निकाल उसे ढका व अपने घर पर बंद कर दिया, आवाज लगायी जितने भी आगे आये तो राम कसम काट दूंगा। उस युवा को मेरा सलाम पर वहाँ बहुत थे लेकिन भीड़ से सिर्फ एक ही आगे आया। 

  



ये है आजादी का समाज जिसे हमने ही बनाया है हम ही हैं जो घर - घर  फूंकते हैं फिर दूर जा उसपे पानी डालते हैं। 


क्या ऐसे समाज की रक्षा के लिए हमारे जवान सीमा पर दुश्मनों की गोली झेलते हैं क्या इस समाज के लिए वह शहीद होते हैं। 


समाज को हमने बनाया है हमने ही मिलकर अंग्रेजों से आजादी पायी है  पर क्या ऐसे समाज के लिए?
क्रमशः.....

©Usha bhadula
  #Chalachal एक घटना

#Chalachal एक घटना #विचार

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N Arya Chauhan

#NationalMaritimeDay  काश तुम्हें यह मालूम होता तुम मेरे लिए कितने खास हो
 हम यह जान कर भी खुश हो जाते कि तुम मेरे पास तो हो

©s Arya Chauhan सच्ची घटना

#NationalMaritimeDay

सच्ची घटना #NationalMaritimeDay

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Ankit Ghosh

लहर खुशी की आते ही चली जाती है,


घड़ी गम की जाते जाते जाती है...!

©Ankit Ghosh
  Internet Jockey #घटना

Internet Jockey #घटना

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Saurav

सच्ची घटना

#Majdoorkikahani

सच्ची घटना #Majdoorkikahani #ज़िन्दगी

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Saddam Akoda

ख़ाकी पर थूकने वाला "मुज़रिम"मुस्लिम था,
इसीलिए खलबली मचा दी।
कानून के हाथ काटने वाला "जल्लाद" आपकी 
बिरादरी का था, इसीलिए मुंह पर चुप्पी साध ली।
S.A पटियाला पुलिस घटना।

पटियाला पुलिस घटना। #Shayari

13 Love

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👦Mysterious Words🧒

आज के पड़े लिखे  प्रतिष्ठित समाज के कुछ लोगों से यही उम्मीद की जा सकती है। # बेहद शर्मनाक घटना #

# बेहद शर्मनाक घटना #

46 Love

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