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Ball kishan Dadhich
joshi joshi diljala
गणपति उसका राज दुलारा जो है सब ,,,देवों का प्यारा। पर्वतों पर नहीं उसका तो है कैलाश पर ही,,,, ,;,,गुजारा। गोरा का पति सती का स्वामी वह कहलाती ,,;,अंतर्यामी। हम भक्त नादान है व ह हम सब का स्वामीम, अंतर्यामी। ©joshi joshi diljala गणपति उसका राज दुलारा जो है सब ,,,देवों का प्यारा। पर्वतों पर नहीं उसका तो है कैलाश पर ही,,,, ,;,,गुजारा। गोरा का पति सती का स्वा
Jacks Sahu
हे जगदम्बा के स्वामी देवादि देव नमामि सबके मन की तुम जानो शिव शंकर अंतर्यामी दुःख आप मेरे मन का महादेव मिटा देना भोले मेरी नैया को भव पा
CHIRANJIT
ये profile क्या देखती हो कभी inbox में भी आया कर !! जो राज़ छुपाती हो जो दिल में कभी हमें भी बताया कर !! मै कोई अंतर्यामी नहीं जो जान लूं तेरे जज़्बातो को महोब्बत है तुझे तो जताया कर !! #beparwa# ये profile क्या देखती हो कभी inbox में भी आया कर!! जो राज़ छुपाती हो जो दिल में कभी हमें भी बताया कर !! मै कोई अंतर्यामी नहीं जो जान लूं ते
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जिस समय जटिल परिस्थिति की उत्पत्ति होती है, उसी समय पूर्ण एकाग्रता की उत्पत्ति भी होती है, यूँही नहीं कहलाते वो देवो के देव महादेव हर लेते है जो संकट सृष्टि के सारे, कैसे कह दूँ उनसा कोई सानी नहीं है, कण कण में बसा मेरे प्रभु का
Anjali Singhal
Bhupendra Rawat
Jai shree ram हे प्रभु तुम अंतर्यामी हम सबके तुम स्वामी हो हम सब मूर्ख है लेकिन प्रभु तुम तो ज्ञानी हो प्रभु जो अज्ञानी है, उन्हे भी चरणों मे स्थान दो थोड़ी दया करो प्रभु तुम उन्हें ज्ञान का दान दो समस्त जगत के दाता तुम, इस जगत के निर्माता हो खोज में भटक रहे है तेरी, प्रभु तुम ही हमारे ज्ञाता हो अगर भूल हुई हमसे तो प्रभु तुम हमें क्षमा करो हम चरणों की धूल है तेरी प्रभु हम पर दया करो ©Bhupendra Rawat #JaiShreeRam हे प्रभु तुम अंतर्यामी हम सबके तुम स्वामी हो हम सब मूर्ख है लेकिन प्रभु तुम तो ज्ञानी हो प्रभु जो अज्ञानी है, उन्हे भी चरणों मे
Dr Jayanti Pandey
मेरे कृष्ण सुनो मेरी भी तुम सा नहीं सगा कोई भी, अपने हिय की किसे बताऊं बोलो तुम तक कैसे आऊं? अदृश्य बंधनों के जंजाल इस जीवन के सौ बवाल अपनी गिरहें खोल न पाऊं बोलो तुम तक कैसे आऊं? मन में हैं ढेरों शंकाएं हर एक कदम पर सौ बाधाएं बाधाएं मैं लांघ न पाऊं बोलो तुम तक कैसे आऊं? सब कहते हैं तुम अंतर्यामी मेरे मन की कैसे नहीं जानी; अपनी दुविधा कैसे मिटाऊं बोलो तुम तक कैसे आऊं? मेरे कृष्ण सुनो मेरी भी तुम सा नहीं सगा कोई भी, अपने हिय की किसे बताऊं बोलो तुम तक कैसे आऊं? अदृश्य बंधनों के जंजाल इस जीवन के सौ बवाल अपनी