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Anant Nag Chandan
इक कबीले में था सरदार का बेटा शायर, उस कबीले को कभी खूं न बहाते देखा। अज्ञात ©Anant Nag Chandan इक कबीले में था सरदार का बेटा शायर, उस कबीले को कभी खूं न बहाते देखा।
Deepak Mubarakpuri
एक और सच जिस इंसान ने चमकाया तेरा चेहरा उसे ही गुमनाम करने की ठानी है जिसे तू कहता है कबीले तारीफ ये तो सरा सर बेईमानी है DK SAYAR ©D.K. Sayar Multiple articles #कबीले #तारीफ #Nojoto #dk_sayar_multiple_articles #hangout Writer Golu Arvind Dixit Rohan davesar Jyoti Gupta ratan mishra
Alok
हमने ऐसी भी क्या खता कर दी, जो कबीले माफी नहीं तुम्हें देखा नहीं है कई दिनों से, क्या ये सज़ा काफी नहीं ©Alok हमने ऐसी भी क्या खता कर दी, जो कबीले माफी नहीं तुम्हें देखा नहीं है कई दिनों से, क्या ये सज़ा काफी नहीं #Her
jk parikh
"तुमने अपने होंठों से जब छुई थी ये पलकें नींद के मुक़द्दर में ख़्वाब लौट आये थे रंग ढूंढने निकले लोग जब कबीले के तितलियों ने मीलों तक रास्ते
zubiyaeshams
Paramjeet kaur Mehra
#कबीरपरमेश्वर_के_चमत्कार ‘मृत कमाल बालक को जीवित करना‘‘ किसी कबीले ने अपने 12 वर्षीय मृत लड़के का अंतिम संस्कार दरिया में जल प्रवाह करके कर
Zoga Bhagsariya
लड़ेंगे ज़रूर,मैदान "ए"शहादत में। मरने का खोफ, खुदा के बन्दों को, ज़रा सा भी नहीं। KAFIR ZOGA GULAM वो बादशाह भी ......... वो बादशाह भी , तबाह कर दिए , सुल्तान थे, कहलवाते आलम के , फिर तेरी विसात क्या,। "राम" बनाया , ज़रिया"ए"हुकूमत ,
Zoga Bhagsariya
उनके ही खबरी , बस उनकी ही खबरें , बता रहे थे,,, नकली ही , तकनीकी प्रदर्शन, से तोपें चला रहे थे, कहते हैं के,इतने मार दिए हैं, विरोधी कबीले के,,,,,, हमने तो सुना कि, बस जंगलों में ही, बम चला रहे थे । बस इतना सा बयान क्या दिया यह,, देशद्रोही बना दिया,,, जालिमों ने ,,, वो खुद , जहनुम्म के वासी हैं, जो हमें , गद्दार बता रहे थे। ZOGA BHAGSARIYA RAJASTHANI KAFIR ZOGA GULAM उनके ही खबरी , बस उनकी ही खबरें , बता रहे थे,,, नकली ही , तकनीकी प्रदर्शन, से तोपें चला रहे थे, कहते हैं के,इतने मार दिए हैं, विरोधी कबीले क
Zoga Bhagsariya
हर कबीले से निकला है ,बशर तेरी खिलाफत में , अब जो होगा ,देखा जाएगा ,कैसा खोफ़ ,शहादत में , सामने आ ,नज़र मिला , हम रिज्क दानों से , आदमियत जगा , आजा मजलूमों की अयादत में , ये लश्कर तो इक रोज़ आना ही था , ए बादशाह , अरे सलत्नतें लुट जाती हैं , हमसे अदावत में , ये सारा मसला ,तेरे आमालों से पैदा हुआ है , जैसा करे है ,वैसा भरे है ,ले आ इमां इस कहावत में , घिर गया है तुं अब ,अहल "ए" ज़मीं से , जोगा" सुपुर्द"ए"ख़ाक तो होगा ही ,चाहे हो , तूं जियारत में ।। जोगा भागसरिया ।। ZOGA BHAGSARIYA RAJASTHANI KAFIR ZOGA GULAM ©ZOGA BHAGSARIYA RAJASTHANI_KAFIR ZOGA GULAM हर कबीले से निकला है ,बशर तेरी खिलाफत में , अब जो होगा ,देखा जाएगा ,कैसा खोफ़ ,शहादत में , सामने आ ,नज़र मिला , हम रिज्क दानों से , आदमियत