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UjjawaL
*यतो धर्मस्ततो जयः* (जहाँ धर्म है, वहाँ विजय है।) HAPPY DUSSEHRA ©UjjawaL नकारात्मक शक्तियों के दमन के प्रतीक इस विजय-पर्व *"विजयदशमी"* की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आपमें साहस और ऊर्जा की गति निरंतर व्याप्त रहे, ऐस
DR. LAVKESH GANDHI
प्रिय मैं हमेशा तुम्हारे बारे में ही सोचता हूंँ ना जाने क्यों तुम्हारे विचारों में ही खोया रहता हूंँ यहांँ तक की नींद में भी तुम्हारे ही ख्याल आते हैं नमस्कार लेखकों🌸 आज के #rzdearcharacters में हम लेकर आये हैं #rzप्रियसकारात्मकविचार। एक सकारात्मक सोच ही इंसान के मस्तिष्क का धन होता है |
Monalisa Guje
बस ऐसे ही बने रहो l नमस्कार लेखकों🌸 आज के #rzdearcharacters में हम लेकर आये हैं #rzप्रियसकारात्मकविचार। एक सकारात्मक सोच ही इंसान के मस्तिष्क का धन होता है |
Soulmate (Yuhee)
बादल बन सपनों को साकार करने मेरे आंगन ख़ुशियाँ बन बरसों यूँही नमस्कार लेखकों🌸 आज के #rzdearcharacters में हम लेकर आये हैं #rzप्रियसकारात्मकविचार। एक सकारात्मक सोच ही इंसान के मस्तिष्क का धन होता है |
Wallflower Wallflower
आप के हम तलबगार है...!!! क्यूकी आप के साथ रहने से ...!!! जिदंगी ने खुशियां से राब्ता जोड़ा...!!! आप रूह की माजून है...!!! आप ने नकारात्मक सोच की रस्सियों से रिहा कर हमें...!!! तम्मानों की जेल से छुड़ाया..!!! सही और गलत की समझ दी ...!! रूह को काबिल बना रहे हो ..!! खुदा के करीब जाने कर लिए..!!🧚 नमस्कार लेखकों🌸 आज के #rzdearcharacters में हम लेकर आये हैं #rzप्रियसकारात्मकविचार। एक सकारात्मक सोच ही इंसान के मस्तिष्क का धन होता है |
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} क्या आप जानते हैं कि घर की किस दिशा में पितरों की फोटो लगानी चाहिए !! 🌇🌇 {Bolo Ji Radhey Radhey} घर की इस दिशा में लगाएं पितरों की फोटो :- 🔶 हिंदू धर्म में पितृपक्ष का बहुत महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि 15 दिन चलने वाले पितृपक्ष में पितरों का आगमन होता है। इसलिए इस दौरान पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध आदि करना बेहद जरूरी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर की दिशाएं भी पितृों को समर्पित होती हैं। इसके लिए हमें कुछ चीजों का विशेष ध्यान रखना होता है। यदि इन बातों का ध्यान नहीं रखा गया तो घर में पितृ दोष हो सकता है। इसके साथ ही आर्थिक तंगी जैसी कई समस्याएं भी हो सकती हैं। इस दिशा में लगाएं पितरों की फोटो :- 🔶 घर में दिशाओं का विशेष महत्व होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा को बेहद शुभ माना जाता है। माना जाता है कि यह दिशा यम की होती है। इसके चलते इस दिशा में पितरों की फोटो लगाना सही होता है। हालांकि, फोटो को लगााते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पितरों का मुंह दक्षिण दिशा में हो, जबकि फोटो उत्तर दिशा की दिवार पर लगी होनी चाहिए। यहां भूलकर भी लगाएं पितरों की फोटो :- 🔶 घर के बेडरूम या ड्राइंग रूम में पितरों की फोटो लगाना गलत माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इन जगहों पर फोटो लगाने से घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। इसके अलावा घर परिवार में तरह-तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ता है। घर में कितनी फोटो लगाना सही :- 🔶 वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में पितरों की फोटो लगाने से पहले कई सावधियां भी जरूरी होती हैं. बता दें कि, घर में पितरों की एक से अधिक फोटो लगाना लगत माना जाता है। क्योंकि एक से अधिक फोटो होने से घर में नकारात्मक शक्तियों के दाखिल होने का खतरा बढ़ता है। इसके चलते ऐसा करने की मनाही होती है। पितरों का मिलता है आशीर्वाद :- 🔶 15 दिन चलने वाले पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा समय-समय पर उनको याद करते रहना भी ठीक माना जाता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, पितरों का श्राद्ध करने से वे खुश होते हैं. इसके चलते हमें उनका आशीर्वाद मिलता है। साथ ही जीवन भी सुखमय होता है। ©N S Yadav GoldMine #Parchhai {Bolo Ji Radhey Radhey} क्या आप जानते हैं कि घर की किस दिशा में पितरों की फोटो लगानी चाहिए !! 🌇🌇 {Bolo Ji Radhey Radhey} घर की
PARBHASH KMUAR
अभिषेकात्मक अनुष्ठान, सदा शिव की आराधना एवं स्तुति में विशेष महत्व रखता है। लेकिन क्या आपको पता है, शिवलिंग का जलाभिषेक क्यों किया जाता है? ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को जल बहुत प्रिय है। यही कारण है, कि मंदिरों में शिवलिंग के ऊपर एक बर्तन लटका दिया जाता है, जिससे पानी टपकता रहता है। लेकिन इसके पीछे का कारण क्या है। इस प्रश्न के उत्तर के लिए लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें- शास्त्रों के अनुसार,शिवलिंग में मौजूद ऊर्जा को शीतलता देने के लिए जलाभिषेक किया जाता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है की शिवलिंग पर जल चढ़ाने से वहां मौजूद नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है, लेकिन यहां किस शीतलता और ऊर्जा की बात हो रही है? बताते हैं, लेकिन उससे पहले एक पौराणिक कथा का ज़िक्र करते हैं। जब भगवान शिव ने विषपान किया था, तो उनका शरीर और मस्तिष्क गर्म हो गया था, तब देवताओं ने उनके ऊपर जल अभिषेक कर उन्हें शीतल किया। यहां मस्तिष्क गर्म होने से आज के दौर में अभिप्राय है, हमारी नकारात्मक सोच और नकारात्मक भाव। और यहां जल चढ़ाकर शीतल करने का अर्थ है, नकारात्मक शक्तियों को मन और मस्तिष्क के भीतर से बहाकर बाहर कर दिया जाए और स्वयं को शीतल किया जाए। आपने देखा होगा की जब आपको गुस्सा आता है, तो आपको पानी पीने की सलाह दी जाती है, चाय या कॉफ़ी पीने की सलाह क्यों नहीं दी जाती? क्योंकि पानी पीने से आपका मन और मस्तिष्क शांत हो जाता है। आपको मालूम होगा की मनुष्य के माथे में मध्य में आज्ञाचक्र होता है, जो पिंगला और इंडा नाड़ियों के मिलने का स्थान होता है और वहीं से आपके सोचने और समझने की क्षमता संचालित होती है, आयुर्वेद की चिकित्सा में भी, शिरोधारा मस्तिष्क को शांत करती है और हमारे शरीर में मौजूद 5 तत्व- पृथ्वी , जल, अग्नि, वायु, और आकाश, अंदर के तत्वों को विनियमित करते हैं। लेकिन इन तत्वों को संतुलित करने के लिए मन का शांत और शीतल होना ज़रूरी है। यह तभी संभव है, जब आप ओंकार का ध्यान करते हैं, जिससे आपके शरीर की ऊर्जा और मौजूद तत्व संतुलित हो जाते हैं। यही शांत मन ही तो शिव का स्थान है, और यही सकारात्मक ऊर्जा हमें, हमारे मन और सोच को शांत रखने में सहायक होती है। हम जल तो भौतिक स्तर पर डालते हैं, लेकिन वास्तव में यह जल हम अपने भीतर मौजूद सूक्ष्म स्तर पर डालते हैं। जो हमें एक स्वस्थ और उन्नत भविष्य की ओर ले जाता है। यही कारण है कि,भगवान शिव पर जल चढ़ाया जाता है, जो उनको शीतलता प्रदान करती है और जो हमारे अंतर्मन को भी शीतलता का अनुभव कराती है और उन्हें जागृत करने में हमारी मदद करती है । क्योंकि जीवन में सबसे अहम पल वो होता है जब हम अपनी ताकत को पहचान लेते हैं। तो चलिए, अपने जीवन के दुःख दर्द भोले शंकर के पास छोड़ दें। वो भोले हैं, शक्तियों का स्रोत हैं, सभी के जीवन में खुशियों का संचार करेंगे। श्रावण माह में आप भी भगवान शिव का अभिषेक कर अपने भीतर के शिवमय वातावरण को जागृत करें। ©parbhashrajbcnegmailcomm अभिषेकात्मक अनुष्ठान, सदा शिव की आराधना एवं स्तुति में विशेष महत्व रखता है। लेकिन क्या आपको पता है, शिवलिंग का जलाभिषेक क्यों किया जाता है?
ashutosh anjan
बढ़ते अत्याचार लेख 👇 कैप्शन में समाज मे शांति का वातावरण बनाये रखने के लिए उसे अपराध मुक्त होना परम आवश्यक है।अतः प्रत्येक देश की सरकार का प्रथम कर्तव्य है की वह समाज को और