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प्रशान्त पंडित (जौनपुरिया लौंडा)
बस इतना सा रहम मुझ पर कर दे महादेव!!!! कि मै प्रेम कहु लोग रामसेतु समझे !!!!! # महादेव #रामसेतु
Lokesh Mishra
जुबां की लंबाई का भी दायरा है, कड़वी ज्यादा हो तो ठीक पहरा है, जुबां की लंबाई का भी एक दायरा है,👅
vikas agrawal
ताजमहल नहीं है। प्यार की निशानी। पढ़कर जरूर होगी आपको, हैरानी। कितनों की कुर्बानियों पर। बना यह किला। क्या प्यार की निशानी हो सकती है। असल माने मैं, प्यार की निशानी, श्री राम जी के द्वारा, बनाई गई, रामसेतु है। पसंद आए तो। लाइक जरूर कीजिएगा। ©vikash Agarwal रामसेतु।। #lovetaj
Ganesh Singh Jadaun
।।श्रीरामनाम महिमा।। राम भालु कपि कटक बटोरा। सेतु हेतु श्रम कीन्ह न थोरा। नाम लेत भवसिंधु सुखाहीं। करहु विचार सुजन मन माहिं।। ~श्रीरामचरितमानस ©Ganesh Singh Jadaun #श्रीरामनाममहिमा #रामसेतु #श्रीरामचरितमानस
आशुतोष "गोरखपुरी"
जब याद करता है ज़माना, पत्थरों में प्यार का ख़जाना। याद आयी जब मुमताज महल, तब खड़ा हुआ वो ताजमहल। जो जीते जी न कर सका, इज़हार - ए- इश्क़ वो शाहजहाँ। दुनिया भर में डंका बाजे, इन दोनों सा प्यार कहाँ? पत्थर की मूरत में तब्दील, वो मुमताज महल। एक झलक भी देख न पायी, निशान - ए- वो ताजमहल। भुला दिया वो अनमोल पत्थर, जो रामसेतु बन जाता है। दो अक्षर के राम शब्द से, नदी पर जो राह बनाता है। लाखों सैनिकों के बल पर भी वो, तनिक न कभी डगमगाता है। एक अधूरी होती दास्तान को, सियाराम के मिलन से पूरा करवाता है।। Ashutosh. &.✍️ A.S ©Ashutosh Pandey ❣️🤘 जय श्री राम🙏❣️ सबसे पहले प्यार की निशानी रामसेतु है❣️
SK Poetic
ताजमहल शाहजहां की तीसरी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था।कहा जाता है कि ताजमहल प्यार की निशानी है। क्योंकि शाहजहां ने इसे मुमताज की याद में बनवाया था। ताजमहल बनने के बाद शाहजहां ने सारे मजदूर मिस्त्री के हाथ काट डाले थे। लोग इसे प्यार की निशानी मानते हैं।पर मै ताजमहल को प्यार कि निशानी नहीं मानता क्योंकि जिस महल को बनाने के बाद बनाने वाले कारीगरों का हाथ काट दिया जाए वह प्यार की निशानी कैसे हो सकती है।क्या प्यार हमें यह कहता है कि आप मेरे लिए दूसरे की कुर्बानी दे? ताजमहल को बनाने में कई लोगों ने अपने प्राण कि कुर्बानियां दे दी। इस लिए ताजमहल को मै प्यार की निशानी नहीं मानता। प्यार कि असली निशानी तो रामसेतु है।जिसे की भगवान राम ने माता सीता को लंका से लाने के लिए बनवाया था। वो भी उन्होंने राम सेतु को बनाने के लिए ना ही किसी का ज़मीन छीना,ना ही किसी कि जाने ली। बल्कि रामसेतु बनने के बाद उन्होंने सारी सेनाओं को धन्यवाद दिया वो उन्हें ईनाम दिया। उन्होंने अपनी पत्नी को लंका से लाने के लिए समुन्दर पर बांध बनवाया वो माता सीता को लेकर आए। पर ताजमहल शाहजहां ने अपनी मरी हुई पत्नी के लिए बनवाया वो भी बनने के बाद उसने सारे बनाने वाले मजदूर व मिस्त्री केहाथों को काट डाला जिससे कि वो वैसी कोई दूसरी महल ना बना सके। जबकि प्रभु श्री राम ने ऐसा कुछ नहीं किया तो अब आप लोग ही बताए ताजमहल और रामसेतु में कोन प्यार कि निशानी है। ©S Talks with Shubham Kumar #Love ताजमहल व रामसेतु