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Shiwam Tiwari 'AU'
प्रयागराज नित्य एक आग़ाज़ है, यह लाखों युवकों का एक आशार है,यह उनकी कर्मभूमि, धर्मभूमि सब कुछ है,यह उनके मोक्ष का सबसे बड़ा वरदान है,यहीं पर त्रिवेणी का समागम है,इसीलिए प्रयागराज तीनों लोकों में दैदीप्यमान है! तीर्थराज
Divyanshu Pathak
अपनी अकड़ चम्बल के उस किनारे छोड़ कर आना । और सारी चालाकियों को आगरा तक ही आजमाना । सुन कर नाम धौलपुर बाला मेरा प्यारा शहर निराला ! RJ- 11 सुप्रभात। अपने शहर को दिल से प्यार करें। #मेराशहर #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi.....😊😊 धरा धौलपुर की देखो ये
Bramhan Ashish Upadhyay
मुझे छोड़ते हुए पूछा उसने क्या आज़ाद हूँ मैं? मैंने कहा जाओ जाना आबाद रहो भले बरबाद हूँ मैं।। मैं क्यों कहूँ कि रुको,माफ़ करो, बात करो मुझसे। तुम मुझसे रूठे हो जाना तो तुमसे नाराज़ हूँ मैं।। तुम कान्हा की हो बांसुरी तो उसका साज हूँ मैं। तुम्हारे दिल में छिपा हुआ एक राज हूँ मैं।। तुम हो अगर पवित्र निर्मल माँ गंगा सी। तो सुन लो प्रिये त्रिवेणी तीर्थराज प्रयाग हूँ मैं।। तुम मुझसे रूठे हो जाना तो तुमसे नाराज़ हूँ मैं।। मानों विश्वास मेरा मैं नही तोड़ना चाहता हूँ ये सम्बन्ध। तुम साथ दो तो उम्र भर प्यार का कर लूँ ये अनुबंध।। ऐसा नही कि तुम बिन जी न पाऊँगा,मर जाऊँगा मैं। किसी से प्यार न कर पाऊँगा ज़िन्दगी भर, इंसा हूँ मैं भी जाना न कोई अपवाद हूँ मैं।। तुम मुझसे रूठे हो जाना तो तुमसे नाराज़ हूँ मैं।। #vद्रोही मुझे छोड़ते हुए पूछा उसने क्या आज़ाद हूँ मैं? मैंने कहा जाओ जाना आबाद रहो, भले बरबाद हूँ मैं।। मैं क्यों कहूँ कि रुको,माफ़ करो, बात करो मुझसे।
s.k.tiwari
#Lohri मकर संक्रांति की बहुत सारी शुभकामनाओं के साथ आपके स्नेहिल प्यार और आशीर्वाद की इच्छा रखते हुए आपके भी मंगलमय जीवन की कामना करता हूं! ©Pt S Sandilya मकर संक्रांति विशेष 〰️〰️🌼🌼〰️〰️ मकर संक्रांति का पौराणिक महत्व 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ शास्त्रों के अनुसार, दक्षिणायण को देवताओं की रात्रि अर्था
Vijay Tyagi
अंजू, मंजू, विद्या, बाला लोटन, छोटन, मोटा लाला देखो "काका" ने बना डाली 108 नाम की माला... कविता नीचे अनुशीर्षक में पढ़ें👇 मेरे मित्र और छोटे भाई Palash Chouhan का आभार जो उन्होंने मुझसे काका की इतनी सुंदर और कलात्मकता से परिपूर्ण कविता को साझा किया... इसमें काका
Mohan Solanki
तिर्थराज पुष्कर के गो मुख प्रवास का चित्र ।
Anil Siwach
Ravendra
AK__Alfaaz..
कल, सपनों की थाली मे, चंदा की रोटी परोसकर, सितारों के चावल की, मीठी प्रेम की खीर मे, इंद्रधनुष की सतरंगी मिश्री मिला, बादलों की कटोरी मे लेकर, ममता मुँह मीठा कराने आयी, कल, धरती की गोद मे, नदियाँ नहाकर आयीं, संग वो अपने नेह सीपियाँ लायीं, और..लायीं कान्हा का पांचजन्य शंख, कल, सपनों की थाली मे, चंदा की रोटी परोसकर, सितारों के चावल की, मीठी प्रेम की खीर मे, इंद्रधनुष की सतरंगी मिश्री मिला, बादलों की कटोरी