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Ankit Srivastava
दुनियाँ की तमाम आवाज़ें एक तरफ़, और तुम्हारे द्वारा मुझे मेरे नाम से पुकारना एक तरफ़, हाय, मेरी ये सुकून से भरी ख़्वाहिशें ...🙈🙈 मेरी Lifeline ❤️, Gulabo #ankit_srivastava_thoughts #yqhindi #lovepoetry #hindipoetry #yqdidi #हिंदी_साहित्य #ख्वाहिशें_बेहिसाब_हैं #आवाज़ें
Abdul Nabi Hasan
कुछ आवाज़ें इतनी धीमी होती हैं उसको हम ख़ामोशी कहते हैं... कुछ आवाज़ें इतनी धीमी होती हैं उसको हम ख़ामोशी कहते हैं...
Ëmřąàñ Qureshi Sahab ji
तेरा चुप रहना मिरे ज़ेहन में क्या बैठ गया इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया तेरा चुप रहना मिरे ज़ेहन में क्या बैठ गया इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया
Amirshekh
Haal e Dil {jav}
कुछ आवाज़ें मरहम सी होती हैं दिल के ज़ख़्मों को भर होंठों पे हँसी बिखेर दिया करती हैं ©haal e dil {jav} कुछ आवाज़ें मरहम सी होती हैं दिल के ज़ख़्मों को भर होंठों पे हँसी बिखेर दिया करती हैं
RituRaj Gupta
रात कि आगोश में, चारों तरफ गहरे सन्नाटे छाए हैं, उनसे निकलती भिन्न भिन्न आवाज़ें सीधे कलेज़े को चीरती हैं, और आवाज़ें जब कभी नहीं आती, तो भयंकर शोर उत्पन होता है, जो समा जाता है, दिन के आगोश में !! पेश है एक नई कविता :: रात कि आगोश में, चारों तरफ गहरे सन्नाटे छाए हैं, उनसे निकलती भिन्न भिन्न आवाज़ें सीधे कलेज़े को चीरती हैं, और आवाज़े
Itzz Rajatt
अब आहटे भी नहीं पहचानता वो, जिसे अपनी ज़िंदगी समझा... क़ज़ा निकला। तेरा चुप रहना मिरे ज़ेहन में क्या बैठ गया, इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया~तहज़ीब हाफ़ी❣️ #ruchiraj #ruchiquote #ruchikibaate सदाये-आवाज
Chandan Sharma
ज़िंदगी में कुछ करने की इच्छा है? कोई लक्ष्य है, जो पुकारता है?? एक एक कदम बढ़ रहे हो — उस ओर, रोज़? कुछ आवाज़ें सुनाई दे रही है न... तुमसे नहीं होगा! तुम में वो बात नहीं हैं! तुम... अपने कदमों में ज़रा तेज़ी लाओ और इतने आगे निकल जाओ के ये आवाज़ें वो दूरी तय ही न कर पाएँ ©Chandan Sharma-Virat #Eid-e-milad ज़िंदगी में कुछ करने की इच्छा है? कोई लक्ष्य है, जो पुकारता है?? एक एक कदम बढ़ रहे हो — उस ओर, रोज़? कुछ आवाज़ें सुनाई दे रही
Shipra Pandey ''Jagriti'
#MessageOfTheDay कुछ भी खाली नहीं होता, ना सड़के ना सदन ना कुर्सियाँ ना ही रेल की परारियाँ; कुछ भी नहीं.. ! गुँजता हैं इनमें एक सन्नाटा और उस सन्नाटे में उठता है अनेक सुने अनसुने सवाल सुनाना कभी गौर से इस सन्नाटे को एकांत में, अँधेरे में और कभी स्वयं के भीतर भी..!! ©Aishani सुना है कभी अँधेरे की आवाज़..? नही..! तो कभी सुनना और.. बड़े गौर से सुनना, पर.. नितांत एकांत में जाकर जहाँ अँधेरे के सिवाय कुछ ना हो, क