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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

कविता लेखन

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मन के भावों को कुरेदना

फिर उन्हें शब्दों में लिखना

लोगों को आसां लगता है,

एकबार लिखे तो सही,

ज़हर को पीये तो सही

पता चलेगा तुम्हें ज़नाब

लिख़ने में बड़ा दर्द होता है

वो दर्द जो शख्श सह जाये

पर्वत भी जिसके,

आंसू से बह जाये

तब कवि का शब्द बनता है

जो भी है,हमे दिल का लिखना

बड़ा ही अच्छा लगता है

आनन्द उतरता है,उर में ऐसा

जैसे ख्वाबों कोई पूरा होता है

दिल से विजय कविता लेखन

rahulpandey

लेखक कविता

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 लेखक कविता

Kuldeep Guraiya Tigra

शायरी हिंदीदिवस कविता लेखक कविता

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Diwan G

Nojoto कभी वो हकीकत लिखता है,
वो कभी कल्पनाएं लिखता है।
वो शब्दों का जादूगर होता है,
मन की भावनाएं लिखता है।।

©Mahar Hindi Shayar #माहर_हिंदीशायर

#WForWriters #लेखक #कवि #शायर #लेख #कविता #शायरी #गीत 
#WForWriters

unconditional shayar

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Writer_Sonu

*!! परोपकार का फल !!*
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
एक बार एक गाँव में कुछ ग्रामीण मिलकर एक सांप को मार रहे थे, तभी उसी रस्ते से संत एकनाथ का निकलना हुआ| भीड़ को देख संत एकनाथ भी वहां आ पहुंचे, बोले – भाइयों इस प्राणी को क्यों मार रहे हो, कर्मवश सांप होने से क्या यह भी तो एक आत्मा है| तभी भीड़ में खड़े एक युवक ने कहा – “आत्मा है तो फिर काटता क्यों है ?” व्यक्ति की बात सुनकर संत एकनाथ ने कहा – तुम लोग सांप को बेवजह मरोगे तो वह भी तुम्हे कटेगा ही, अगर तुम सांप को नहीं मरोगे तो वह भी तुम्हें क्यों काटेगा| ग्रामीण संत एकनाथ का काफी आदर सम्मान करते थे इसलिए संत की बात सुनकर लोगों ने सांप को छोड़ दिया।
कुछ दिनों बाद एकनाथ शाम के वक़्त घाट पर
 स्नान करने जा रहे थे| तभी उन्हें रास्ते में 
सामने फेन फैलाए एक सांप दिखाई दिया| 
संत एकनाथ ने सांप को रास्ते से हटाने 
की काफी कोशिश की लेकिन वह 
टस से मस न हुआ| आखिर में एकनाथ मुड़कर दुसरे 
घाट पर स्नान करने चले गए| उजाला 
होने पर लौटे तो देखा, बरसात के कारण 
वहां एक गड्डा हो गया था, अगर सांप ने ना बचाया 
होता तो संत एकनाथ उस गड्ढे में कब के समां चुके होते|
*शिक्षा :-*
इसीलिए कहा गया है, दया और परोपकार हमेशा अच्छे फल लेकर ही आते हैं।
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो भी सुंदर और आकर्षक

©KAVI.SONU KADERA @#कविता लिखी

#Twowords
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