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Vibha Katare
मष्तिष्क में उमड़ती विचारों की सुनामी, नेत्रपटल से छलके। पाषाण हृदय के बाँध बने, कर पार जिसे ये बह सके। मन मत्स्य आकुंठित जीवन तज, तेज प्रवाह को तरसे। #yqdidi #सुनामी #मन_मत्स्य #पाषाण_हृदय #stateofmind
Vibha Katare
पाषाण हृदय, तुम्हारे लिए भी कहीं कोई पारस प्रतीक्षा करता होगा.. तुम कठोर निष्ठुर इस क्षण, लेकिन तुम में भी सुसुप्त स्वर्णिम प्रेम सुलगता होगा.. #पारस #पाषाण_हृदय #प्रेम #प्रतीक्षा #yqdidi
Naresh K Chouhan
इन अन्धेरो के डर से उँचाईयां कम नही होगी पंख हैं, हौसला अडिग हैं तो हिम्मत कम नही होगी मुसीबत कैसी भी होगी या किसी से भी हो सामना परन्तु ये पाषाण शरीर की ताकत कम नही होगी losac_kp 👆_shayari_official #पाषाण
rajeshwari Thakur
तुम दुनियां के लिए सर्वश्रेष्ठ, क्यूं न हो जाओ। तुम कितनी ही आधुनिक, क्यूं न हो जाओ। तुम कितनी ही संस्कारी, क्यूं न हो जाओ। तुम कितनी ही बोल्ड, क्यूं न हो जाओ। उन नापाक इरादे वालों के लिए, तुम सिर्फ एक सुंदर शरीर हो। जिन्हें तुम्हारी इज्ज़त, एहसास और भावनाओं से कोई मतलब नही। क्योंकि तुम्हें दुष्कृत्य के द्वारा पाषाण बना दिया जाता हैं। जो ना तो कुछ कह सकती हैं न ही बदला ले सकती हैं। ©rajeshwari Thakur #berang #पाषाण
श्वेता पांडेय 'सांझ'
असीम पीड़ा का बोझ समेटे नारी पाषाण बन चुकी हैं कई युगो से ये अहिल्या प्रतीक्षारत हैं राम की राह में #कविता #पाषाण
dilip khan anpadh
पाषाण **** पाषाण हूँ मैं,कई सदियां देखी मैंने बेजान हूँ, कई नदियां देखी मैंने लोग ठोकरों में रखते हैं मुझको अनजान हूँ, तुझे रहमत दे दी मैंने। गुनाहगार हूँ जो ठोकर लग जाए तो महरूम हुन गर कोई ठोकर लगाए तो सहकर भी सहारा देता हूँ लोगो को ईमान हूँ , तुम्हे बरकत दे दी मैंने। तराशा जाऊं तो लोग पूजते हैं मुझे आसां भी नही,लोग ढूंढते हैं मुझे मिल जाऊं, बरवस तो कीमत कौड़ी की गुणवान हूँ, तुम्हे शोहरत दे दी मैंने। कभी घर की दीवार हूँ मैं महलों में दीदार हूँ मैं धड़कता नही दिल मेरे अंदर अरमान हूँ,ताज को भी जान दे दी मैंने। गुमशुम देखता हूँ,पलछिन को सांस साध,महसूसता हूँ हर शै को कभी नग बन सज जाता हूँ हारों में मेहरवान हूँ, तुम्हे मुस्कान दे दी मैंने दिलीप कुमार खां""'अनपढ़" #SushantSinghRajput #पाषाण
Rashmi Vats
तह दर तह लगा रखे हैं कुछ अनकहे से किस्से बरनी भर यादों का स्वाद कुछ कसैला सा हो रहा सदियों से वही पड़ा निश्प्राण सा तन तृप्ति पाने की चाह में अस्तितव खोजता खंडित पाषाण सा.... रश्मि वत्स ©Rashmi Vats #खंडित पाषाण #MereKhayaal
DR. LAVKESH GANDHI
शहर अंजान था बेजान थीं सड़कें आ जा रहे थे लोग अजनबी बनकर अजनबी # बेजान # पाषाण #
Archana Tiwari Tanuja