Find the Latest Status about गिरिधर नागर कविता का अर्थ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गिरिधर नागर कविता का अर्थ.
Shubham Paswan
कोई मीरा कृष्ण की इबादत करे या कृष्ण मीरा की इबादत तो इबादत होती है इसे इश्क तो नहीं कहा जा सकता है वैसे पूजा, इबादत अच्छे शब्द हैं वरना कृष्ण कभी मीरा के होते ही ना इश्क एकाधिकार देता है मगर पूजा हर किसी को पाने का मार्ग मीरा के प्रभु गिरिधर नागर जौहरी मानसी
sodan singh
क्या बताए अपने बारे में जो था वो तो रुठा हैं बस इतना जान लो ज़िन्दगी के इस सफ़र में बहुत पीछे छोड़ आया हूँ खुद को :-नागर नागर
sodan singh
दिखते हो तुम जब राहो में दिल ठहर सा जाता है ऐसा कौनसा जादू है तेरी अदाओ में जो ये नागर खुद को भूल जाता है।। :-नागर नागर
sodan singh
एक रोज यों बरसा पानी आँखो से छलक गालो पर आ गया वो मुझसे नजरें यों मोड गया जैसे जन्मो का साथी अजनबी हो गया ।। :-नागर नागर
sodan singh
जरा सब्र तो रखो ऐ दुनिया वालों तुम्हारे दिल की बात भी लिख दूंगा पहले जो मेरे दिल में दबा है वो तो लिख दूं :-नागर नागर
sodan singh
जो लम्हा उसके साथ गुजरा वो खास हो गया फिर वक्त के साथ वो याद हो गया दिल करता है फिर गुजरे उन गलियो से पर हमारा ना गुजरना ही खुदा ए मंजूर हो गया :-नागर नागर
sodan singh
तेरी जुल्फो में खो जाने को जी चाहता है। तेरी आँखों में डूब जाने को जी चाहता है। बस जरुरत है तेरी इजाजत की हर पल तेरा होने को जी चाहता है। :-नागर नागर
sodan singh
मिट्टी की तरह ना महकु तो कहना तू बारिश की तरह बरस के तो देख - सोदान सिंह नागर
sodan singh
ख्वाब लिखूं तुझे या लिखूं हकीकत दूर लिखूं तुझे या लिखूं पास धूप लिखूं तुझे या लिखूं छाऊं अब तू ही बता मुझे मेरे यारा इंसान लिखूं तुझे या लिखूं खुदा :-नागर नागर