leftalone मुहब्बत
की है उसने
ज़िल्लत भी उठाई,
कौम,रहनुमा
सबने मारने की
कसम है खाई!
किसी ने तलवार
किसी ने बंदूक उठाई,
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Prakashvaani پرکاشوانی
रोज सुबह का इश्क़
तेरी किसी पुरानी बात से
महके साँसों से तुझमें
गुथे पड़े हालात से,
रोज सुबह का इश्क़
तेरी ख्वाबों की हर रात से....
बालों में #prakashvaani
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Swåßhímåñ Sîñgh
#हिन्दी
डंका बाजा रे, हिन्दी का संसार में
डंका बाजा रे, हिन्दी का संसार में
डंका बाजा, डंका बाजा, डंका बाजा हाय हाय
डंका बाजा रे, हिन्दी क
बेटी विदा हो गई मगर,
बेटो की विदाई कौन देखा,
मखमल के बिस्तर से,
टूटी चारपाई कौन देखा,
नौकरी पेशा है न साहब,
बेटा करता भी तो क्या करता,
बेटों #motherlove
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Bhaskar Anand
ये जो उदघोषित स्वप्न थे पन्नों पर
एक एक कर के स्याह काली,शब्दों तक सीमित रह गई
जो मायने थे समन्धित वाक्यों के
वो अन्तर्विरोधों में ढह गए
आज #Poetry