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Mokshada mishra

अर्थ का अनर्थ #Morning #विचार

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mohabbat ki ahat ko
aur ishq ki likhawat ko
badal pana aasan nahi hai ae dost

ज़रा सी समझ की फेर में
अर्थ का अनर्थ कर देती हैं ।

कलम 
with mishraji

©Mokshada mishra अर्थ का अनर्थ

#Morning

raghu rahgir

ख़ुलूस- निश्छलता #leaf #शायरी

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जाने किस की नज़र लग गई बहारे-चमन में,
फूल तो फूल सारे पत्ते भी बिखर गए!
इक शख्स मुझसे नाराज़ क्या हुआ,
मेरे सारे ख्वाब ,ख्याल, ख़ुलूस भी मर गए!!

©raghu ख़ुलूस- निश्छलता
#leaf

Virat Tomar Adv

तेरी कैद से खुद को रिहा कर रहा हूँ मैं,
ना जाने कौन सी रात आखिरी हो,
तुम्हारा नहीं कजा का इंतजार कर रहा हूँ मैं,
तुम्हें मोहब्बत में शर्तें चाहिए,
इश्क कर रहा था कौन सा व्यापार कर रहा हूँ मैं,
तुझे पाने से पहले ही खोने के वस्वसे हैं,
तभी खुद को तुझसे जुदा कर रहा हूँ मैं,
तुझे अपना बनाने से बेहतर है तू मुस्तकबिल ही रहे,
अब ये ना कहना के गलत कर रहा हूँ मैं,
कब तलक दिल को तस्कीन रखूं मैं,
अब अपने ही दिल से बगावत कर रहा हूँ मैं,
मेरी मोहब्बत का मुशाहिदा जब करोगे,
तो समझोगे के अब तुम्हारी नजरअंदाजी का कफारा कर रहा हूँ मैं,
मेरा रायदा था के तुम समझो मुझे,
तुम्हे इल्म नहीं के अब तक तुम्हे पाने के लिये फाका कर रहा हूँ मैं,
तुम्हे भी शिकवा ही रहा मुझसे मुझे समझा भी नहीं कोई,
पतझड़ में वसूक का इंतजार ही गलत कर रहा हूँ मैं,
कभी सोचना तुम्हारे लिए क्यूँ मैं आशुफ्ता रहा,
गुजिश्ता से आज तक भी तुम्हारा तआकुब कर रहा हूँ मैं,
ये मोहब्बत की तौहीन गवारा कैसे हो,
इस एक तरफा नाते को अब तकमील कर रहा हूँ मैं,
तुम समझे नहीं के ख़ुलूस क्या है,
मैं तो समझा था के अपने इश्क से तुम्हे मुतआस्सिर कर रहा हूँ मैं,
मुतमईन हूँ अपनी मोहब्बत से तो मैं,
के अब तक भी तुम्हे इश्क के लिए यत्न कर रहा हूँ मैं,
खैर! अब इस नाते को तकमील कर रहा हू मैं...!!!

©Virat Tomar #तकमील #ख़ुलूस 

#alone

writer abhay

अर्थ :- ख़ुलूस-ए-राह - सच्चाई का रास्ता कासा - भीख मांगने वाला कटोरा #शायरी

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मुफ़ाइलुन   मुफ़ाइलुन   फ़ऊलुन   फ़ऊलुन

ख़ुलूस-ए-राह पे चल कर भला क्या मिलेगा.
हमें   इस  दौर  में  हाथों   मे  कासा मिलेगा.

पता  है  मूर्ख  है  सब  ही  यकीं  हो गया था.
तुम्हारे  लब  से  बस  हर साल वादा मिलेगा.

मुझे  वो  बात  जो  तुम  ने किये थे गज़ब थे.
कि  बस  इतने  महीने  में  हि इतना मिलेगा.

बुरा लगता  जिन्हें वो भक्त अब क्या करे की.
उन्हे   भी  तो  पता  है  आगे  धोखा  मिलेगा. अर्थ :-

ख़ुलूस-ए-राह - सच्चाई का रास्ता
कासा - भीख मांगने वाला कटोरा

Shubhro K

#Bewafa ख़ुलूस - पवित्रता/purity

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mute video

Rahul Shastri worldcitizens2121

सत्संग का अर्थ

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Safar                                 July 10,2019

सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। 
ओशो सत्संग का अर्थ
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