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sarika thakur

सरगोशियां

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आंखों की ये गुस्ताखियां, जुबां की ये खामोशियां, इश्क की ये सरगोशियां, करने लगी है मदहोशियां सरगोशियां

Ranju Singh

मेरी सरगोशियां जब खामोशियाँ बन जाएं मेरी तनहाइयाँ तेरी मजबूरिया न बन जाएं ..R@s

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मेरी सरगोशियां जब खामोशियाँ बन जाएं
मेरी तनहाइयाँ तेरी मजबूरिया न बन जाएं..R@s मेरी सरगोशियां जब खामोशियाँ बन जाएं
मेरी तनहाइयाँ तेरी मजबूरिया न बन जाएं
..R@s

parveen mati

इश्क की सरगोशियां में खोए हुए आशिक़ों को मैंने महकते देखा है मैंने कई दफा दिल टूटे हुए उन्हीं आशिक़ों को मयखाने में बहकते देखा है परवीन म #Childhood #ज़िन्दगी

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इश्क की सरगोशियां में खोए हुए 
आशिक़ों को मैंने महकते देखा है
मैंने कई दफा दिल टूटे हुए उन्हीं 
आशिक़ों को मयखाने में बहकते देखा है

©parveen mati इश्क की सरगोशियां में खोए हुए 
आशिक़ों को मैंने महकते देखा है
मैंने कई दफा दिल टूटे हुए उन्हीं 
आशिक़ों को मयखाने में बहकते देखा है

परवीन म

arrey.oh.chachu

इख्तिलात - मेल जोल दरख़्त - पेड़ शनासाई - परिचय यकायक - अचानक सरगोशियां - कानाफूसी काविश - जिज्ञासा सोगवार - उदास जुस्तजू - तालाश #YourQuoteAndMine #Nature_beauty_lover #N_A_T_U_R_E_Lover #savenature_saveearth_savelife

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Yeh Kabhi Mat Karna
Parindoh Ko
Darindoh Kee
Aadat Nahi इख्तिलात - मेल जोल
दरख़्त - पेड़
शनासाई - परिचय
यकायक - अचानक
सरगोशियां - कानाफूसी
काविश - जिज्ञासा
सोगवार - उदास
जुस्तजू - तालाश

Arsh

दिख रही हो रूबरू पर फासले तो हैं उलझे पड़े हैं धागे मगर हमें जोड़ते तो हैं लिपटकर रो नहीं सकते ये जानता हूँ मैं कायदे जन रहे हैं फासिले मानता #Pain #Happiness #Love #Motivation #SAD #HindiPoem #kavita #nojotohindi #Arsh

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दिख रही हो रूबरू पर फासले तो हैं
उलझे पड़े हैं धागे मगर हमें जोड़ते तो हैं
लिपटकर रो नहीं सकते ये जानता हूँ मैं
कायदे जन रहे हैं फासिले मानता हूँ मैं

दिख रही हो नूर सी रुसवाइयों के छत तले
टपककर गिरती है जफ़ा रात के तकिये तले
चल रहे हैं रूह पर चाँदनी के नश्तर रात भर
बिक रही है बोटियाँ छौंकी में रखकर बाट पर

आह से बुझते नहीं है तन्हाइयों के वो चराग
जल रही है मेरी वफ़ा मेरी मोहब्बत मेरे हीं साथ
दर्द देकर ले गई मेरी वफ़ा और नेकियाँ
बन आवारा फिर रहा हूँ हाय! तेरी सरगोशियां दिख रही हो रूबरू पर फासले तो हैं
उलझे पड़े हैं धागे मगर हमें जोड़ते तो हैं
लिपटकर रो नहीं सकते ये जानता हूँ मैं
कायदे जन रहे हैं फासिले मानता

Kamaal Husain

वो रात को चुपके चुपके ख़्वाबों में तेरा बार बार यूँ ही आना सहमें सहमें से वो तेरा रुक जाना वो रात को चुपके चुपके ख़्वाबों में बे-कसी से भरी य

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जीना  मरना तेरे  संग  हो  साथिया  बस 
यहीं  आरजू  आखरी  है   मेरी
तुम हो दुनियाँ मेरी ऐ मेरे हमकदम और मन्जिंल भी अब तु ही तु है मेरी  वो रात को चुपके चुपके ख़्वाबों में
तेरा बार बार यूँ ही आना
सहमें सहमें से वो तेरा रुक जाना
वो रात को चुपके चुपके ख़्वाबों में
बे-कसी से भरी य

OMG INDIA WORLD

#चूम_लूं मैं तेरी #आँखों__को__चुपके से
#_और तेरे सारे #सपने__अपने__बना लूं
#तेरे__लबों पर हैं जो #अनकही सी बातें
#उन्हेें अपने #लबों_से_मैं आज #चुरा लूं
🟢🟣

#खो_जाऊं मैं तेरी #जुल्फ़ों_के_तले जान 
#और एक #महका सा #सावन_बरसा दूं
#तेरी_तेज़ होती सांसों से ऐ हसीं दिलरुबा
#अपनी गरम #सांसों_की_सरगम मिला दूं 
🟣🟢

#कर दूं तेरे कानों में कुछ ऐसी #सरगोशियां
#तेरे_जवां_दिल की #धड़कन__और बढ़ा दूं 
#कस_लो जब तुम अपनी #बांहों_के_घेरे में
#अपने__दामन से मैं भी तुमको #लिपटा लूं 
🟢🟣

©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD 
#चूम_लूं मैं तेरी #आँखों__को__चुपके से
#_और तेरे सारे #सपने__अपने__बना लूं
#तेरे__लबों पर हैं जो #अनकही सी बातें
#उन्हेें अप

Darshan Raj

#a शोख़ फिज़ाओं की साज़िशों में, सुब्ह शबनमों की बारिशों में । मन का दर्पण जब भीगने लगे, अश्रुओं की धारा सूखने लगे । तो मन क #shayri #gazal #nazm #शायरी #rekhta #bazm_e_urdu #bazm_e_nazm #Darshan_Raj

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शोख़  फिज़ाओं  की साज़िशों में,
सुब्ह  शबनमों   की  बारिशों  में ।
मन का  दर्पण जब  भीगने  लगे,
अश्रुओं   की  धारा  सूखने  लगे ।
तो  मन की कुंडी  खटखटा लेना,
फिर  इक दफा  मुझे बुला  लेना ।

सहारा   बनने   लगे  जब   दीवार,
तन्हाई  लगने  लगे  जब  लाचार ।
खुद   को  खुद  की  खबर  ना हो,
कांटा  चुभने  का  असर  ना  हो ।
तो  आंगन  में  दीया  जला  लेना,
फिर  इक दफा मुझे  बुला  लेना ।

बज्मों  में   होने  लगे  सरगोशियां,
नज़्मों में दिखने लगे खामोशियां ।
जब   जाने   लगे  'अक़्ल-ए-कुल,
जब   बनने   लगे   चादर-ए-गुल ।
उस  रोज़  का  ताबीर  सुना  देना,
फिर  इक दफा  मुझे बुला  लेना ।

जब  हिचकियों  से  वास्ता ना रहे,
जब अपनों से कोई राब्ता ना रहे ।
जब   चाँद  का  नूर  जलाने  लगे,
जब अपना  साया दूर  जाने लगे ।
बीती  बातों  को  फिर  भुला देना,
फिर  इक दफा  मुझे बुला  लेना ।

©Darshan Raj #a 
शोख़  फिज़ाओं की साज़िशों में,
सुब्ह  शबनमों   की  बारिशों  में ।
मन का  दर्पण जब  भीगने  लगे,
अश्रुओं   की  धारा  सूखने  लगे ।
तो  मन क

Shree

तीन टुकड़ा चांद, दो तुम्हारी आंखें एक बैठा आसमान! हद से गुज़र बेसब्र ये माहरु ऐसे उलझा तीन टुकड़ा चांद मेरा... #loveisintheair #a_journey_of_thoughts #lovepoemsarebest #तुम्हारा_मन_मेरी_समझ

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तीन टुकड़ा चांद, दो तुम्हारी
आंखें, एक बैठा आसमान...
🌜 तीन टुकड़ा चांद, दो
तुम्हारी आंखें एक 
बैठा आसमान! 

हद से गुज़र बेसब्र 
ये माहरु ऐसे उलझा
तीन टुकड़ा चांद मेरा...

$ubha$"शुभ"

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