#YourQuoteAndMine
Collaborating with काव्य मेला
महताब: चांद
मेयार-ए-जीस्त: standard of life
ब- वफ़ा: faithful
क़ज़ा: भाग्य
काशाना: छोटा स
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Prerit Modi सफ़र
ग़ज़ल 17/2022
1222 1222 1222 1222
बशर दौर-ए-वबा में ख्वाबों को बुनता नहीं दिखता
बिना ग़म का मुझे कोई भी काशाना नहीं दिखता
हिक़ायत नानी से अक्सर #yqbaba#gazal#philosophy#yqdidi#सफ़र_ए_प्रेरित