Find the Latest Status about जुलता जुलता जुलता की from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जुलता जुलता जुलता की.
Manoj Nigam Mastana
चांद टंगा है आसमान में, तुम्हारी बिंदी से मिलता जुलता है। ©Manoj Nigam Mastana चांद टंगा है आसमान में, तुम्हारी बिंदी से मिलता जुलता है। ❤️ #chandani Pushpvritiya
Prashant Singh Shanu
वक़्त से मिलता जुलता किरदार था मेरे यार का , जो कभी मुझे मिला ही नही ! IG: mere_alfaazzzzz वक़्त से मिलता जुलता किरदार था मेरे यार का , जो कभी मुझे मिला ही नही !
NIRAJ KUMAR SWARNKAR
Blue Moon जब चाँद उगता है, तो तेरी याद आती है क्यूंकि उस चाँद से मिलता जुलता तेरा चेहरा था मुझे याद हैं आज भी ,तुम कहां करती थी , चाँद हो तुम मेरा, तुम्हें कभी खो नहीं सकती और आज तुम कहीं मैं कहीं ,देख तेरा वादा झूठा था ©NIRAJ KUMAR SWARNKAR जब चाँद उगता है, तो तेरी याद आती है क्यूंकि उस चाँद से मिलता जुलता तेरा चेहरा था
RAJESH LUNA 'NAVODAYAN'
अपने 'सपने' जिन्दा रख मेरे दोस्त! कोई फर्क नहीं पड़ता कि तू कितना 'अमीर' है....!! #सपने #डॉ_राजेश_लूणा #deepeshbodhi #pragyapathak #chandreshkumar #kavyarajguru #gujjuloveguru #lalithasai पहले वाले Quote से थोड़ा मिलता-
Abeer Saifi
क्या जायज़ है बहाना अश्क़ यहाँ, आदतन रोते हैं 'अबीर' खूब اا अश्क़ के माने तो आँसू होते हैं, अब किसे मालूम ये आशिक़ से मिलता जुलता क्यों है ا #yqdidi #yqbhaijan #yqwriters #yqquotes #yqlife #yqlove #
Abeer Saifi
क्या जायज़ है बहाना अश्क़ यहाँ, आदतन रोते हैं 'अबीर' खूब اا अश्क़ के माने तो आँसू होते हैं, अब किसे मालूम ये आशिक़ से मिलता जुलता क्यों है ا #yqdidi #yqbhaijan #yqwriters #yqquotes #yqlife #yqlove #
Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
Hindi Grammar Notes | हिंदी व्याकरण गरीब की लुगाई, सबकी भौजाई - गरीब और सीधे आदमी को लोग प्राय: दबाया करते हैं अभाव में तो कई जीते है, इसका
Rakesh frnds4ever
उलझन इस बात की है कि हमें .......उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनिया के झमेले की या मन के अकेले की पैसों की तंगी की या जीवन कि बेढंगी की रिश्तों में कटाक्ष की या फिर किसी बकवास की दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की अपनी व्यर्थता की या ज़िन्दगी की विवशता की खुद के भोलेपन की या फिर लोगो की चालाकी की अपनी खुद की खुशी की या दूसरों की चिंता की खुद की संतुष्टि की या फिर दूसरों से ईर्ष्या की खुद की भलाई की या फिर दूसरों की बुराई की धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की मनुष्य की कष्टता की या धरती मां की नष्टता की मानव की मानवता की या फिर इसकी हैवानियत की बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,, विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की ,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों या उनके समस्याओं या समाधानों या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,, की हम किस बात की उलझन है..==........... rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की #दुनि
आलोक कुमार
बस यूँ ही चलते-चलते ......... जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त