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    PopularLatestVideo
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पण्डित राहुल पाण्डेय

धर्म प्रचार प्रसार 

#sitarmusic

धर्म प्रचार प्रसार #sitarmusic

137 Views

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CalmKrishna

......................

©CalmKrishna सत्य अपने आप नहीं फैलता।

#सत्य #प्रचार #प्रसार #असत्य #viral #Truth #Propaganda

सत्य अपने आप नहीं फैलता। #सत्य #प्रचार #प्रसार #असत्य #viral #Truth #Propaganda #विचार

47 Love

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Nikhil kamankar

#प्रकार #प्रकाश_दिल_से
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Jitendra Raipure

काव्यप्रकार द्रोण 

श्रावण 

 पळत सुटलो सैरा वैरा 
धावणाऱ्या ढगांच्या मागे 
 घन निळ्या आकाशात 
   श्रावणाच्या सरीत 
     न्हाऊन निघावे 
       झाडं झुडपं
        मनसोक्त 
        भिजलो 
          तसा 
           मी 
         
           

जितेंद्र काव्य प्रकार - द्रोण

काव्य प्रकार - द्रोण

3 Love

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Uttam Kumar Vajpayee

लड़कियों के प्रकार

लड़कियों के प्रकार #कॉमेडी

30 Views

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SHANU KI सरगम

प्रकार दीपकों के

प्रकार दीपकों के #समाज

393 Views

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KUMARI USHA AMBEDKAR

प्रदुषण के प्रकार

प्रदुषण के प्रकार #Poetry

979 Views

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Uttam Bajpai

लड़कियों के प्रकार।

लड़कियों के प्रकार। #शायरी

27 Views

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Parul Sharma

कला का जब प्रचार हो जाता है
तब कलाकार पत्रकार हो जाता है
   पारुल शर्मा #कला का जब प्रचार हो जाता है
तब #कलाकार #पत्रकार हो जाता है
   पारुल शर्मा

#कला का जब प्रचार हो जाता है तब #कलाकार #पत्रकार हो जाता है पारुल शर्मा

12 Love

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प्रकाश साळवी

   गंध मोगरा
पुलकित झाले मी
  गंधातही मी
**
प्रकाश साळवी
बदलापूर - ठाणे
मोबा. 9158256054 हायकू ## जपानी काव्य ## प्रकार

हायकू ## जपानी काव्य ## प्रकार

0 Love

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swati ravindra jagtap

संख्यांचे प्रकार भाग 3

संख्यांचे प्रकार भाग 3

37 Views

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Prafulla Pednekar

चकलीचे 5 प्रकार 😜

चकलीचे 5 प्रकार 😜 #विनोदी

27 Views

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प्रेम और मैं

प्रेम के दो प्रकार है
• प्रेम का अभाव
• प्रेम का प्रभाव

पहले मे मनुष्य प्रेम का मूल्य समझता है,
और दूसरे मे उस मूल्य का वास्तविक बोध।
 प्रेम के प्रकार 🍁

प्रेम के प्रकार 🍁

0 Love

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parveen barle

#प्रकाश
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S K Sachin उर्फ sachit

शुकून है बहुत तुम्हारे दीदार में
यूँ ही नहीं पागल हूँ तेरे प्यार में
तू मेरे दिल में  समाया हुआ था
और निकले थे हम ढूंढने बाजार में

©S K Sachin #प्रकाश
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Prakash Shukla

हाँथों मे मेँहदी सजी पड़ी है मै कैसे मान लूँ
नशेमन की बिजलियों को मैं कैसे थाम लूँ
फरमाइए दस्तूर दास्तानें मोहब्बत
बड़ी पाबन्दियाँ लगी हैं हुज़ूर मैं कैसे ज़ाम लूँ
प्रकाश प्रकाश

प्रकाश

9 Love

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Prakash Singh

आपसे बातों की वो सिलसिला।।
जब थमने का वो नाम ना ले।।
दिल से दिल का रिश्ता है।।
जब तक कि वो जान ना ले।।
जब तक कि वो पहचान ना ले।। प्रकाश##

प्रकाश##

5 Love

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Prakash Shukla

है प्यार की सीमाओं से परे,जो दर्द दिए ,वो हमने सहे
कोई बात रही न अब बाकी,तुम बिन अब हम ,हम न रहे
जैसे शीप पड़ा हो बिन मोती,उसका कोई अब मोल नहीं
धुन सात सुरों के संगम बिन,जो गीत बने अनमोल नहीं
मैं हूँ बस काया बिन जान,तुम बिन अब हम,कैसे रहें
है प्यार की सीमाओं.................
मैं एक नदी हूँ सूखी सी,जिसमें कोई रसधार नहीं
हूँ मिट्टी की मूरत जैसी,जिसमें झलकता प्यार नहीं
मैं हूँ बस साया तुम प्राण,दिल की बातें हम ,कैसे कहें
है प्यार की सीमाओं..................
मैं हूँ बिन पंक्षी आसमान, जिसमें प्यार के मीठे बोल नहीं
बसते प्यार मे दोनों जहान,जिसका प्यार मे कोई रोल नहीं
मै हूँ अजीब इंसान, बिन प्यार धार के कैसे बहे
है प्यार की सीमाओं...................


#प्रकाश #प्रकाश
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Prakash Singh

कोरे कागज पे तुम शब्द बन कर रहना।।
ताकि जब भी दिल करे।।
तुझे पढ़ लिया करू।। प्रकाश##

प्रकाश##

7 Love

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Prakash Singh

तुझसे इतना प्यार है।।
कि
बता नहीं सकता।।
इस दिल को तुझे पाने की।।
कितनी सिद्घत है।।
ये जता नहीं सकता।।
हो सके तो महसूस कर लो।
ना हों सके तो बाहों में भर लो।। प्रकाश##

प्रकाश##

7 Love

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Prakash Shukla

तेरी हस्ती को मोड़ दूँ तेरी बिसात क्या
तेरा गुरूर तोड़ दूँ मेरे जज्बात क्या
नजरेंं चुराना तेरा हौसला बढ़ाएगी
मै दुनिया को छोड़ दूँ तुम्हारी बात क्या

प्रकाश प्रकाश

प्रकाश

5 Love

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Prakash Shukla

#OpenPoetry हो मानवता की नींव देश मे हो एक नीति विधान
सम्पूर्ण राज्य हों एक सूत्र हों छद्म स्वरूप निदान
हो रूढ़िवादिता अंत आज विस्तारित हो विज्ञान
संयोग भोग लालसा का रोग मिट जाए रूढ़ि अज्ञान
हो प्रस्ताव एक विश्वास नेक हो लोकतन्त्र संज्ञान
सम्भाव पूज्य हो लोकतन्त्र हित हेतु लोक कल्याण
हो एक देश और एक वेश हो एक भाषा परिधान
एक विशेष और एक शेष न हो ऐसा संविधान
प्रकाश प्रकाश

प्रकाश #OpenPoetry

6 Love

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Prakash Shukla

माटी के पुतले हम हमें पहचान दिलाता देश
न होते प्रतिष्ठित हम हमें सम्मान दिलाता देश
आया स्वन्त्रता दिवस हमें खुलकर मनाना है
है आजादी का जश्न हमें खुशियाँ लुटाना है
सर्वोच्च शिखर पर राष्ट्र ध्वजा हमको फहराना है
सम्मान मे तिरंगे के हमको अपना सर नवाना है
जिस आजादी की खुली हवा मे हम स्वाँस ले रहे
हैं कैद से आजाद हम हमें एहसास दिलाता देश
माटी के पुतले हम हमें पहचान दिलाता देश............
न होते प्रतिष्ठित हम हमें सम्मान दिलाता देश............
प्रकाश प्रकाश

प्रकाश

4 Love

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S ANSHUL'यायावर'

अब तुम प्रहार करो,
सीधे सीधे वॉर करो।
न कतराओ न झिझको,
ख़ंजर दिल के पार करो।

न रुको तुम न झुको तुम,
रणचंडी सा संहार करो।
युद्ध जो बलिदान मांगे, 
शीश भी अपना दान करो।

स्वेद रक्त से सींचो वसुधा,
ऐसे भारतवर्ष का नाम करो।
तुम भी हो भारत की संतान,
नित इसका गुणगान करो।

लहू से सनी है आजादी,
इसका सैदव तुम भान करो।
फहराये शान से तिरंगा,
यहीं प्रयत्न सुबह शाम करो। #प्रहार
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Prakash Shukla

#OpenPoetry हूँ सामने खड़ा मैं तेरे आज बनके एक बुत
तुम आप से तलाश लो या तराश लोगे आज खुद
मै कुछ न बोलूँ चुप रहूँगा आज तेरे सामने
असबाब की तरह सजा लो या दिल मे बसा लो आज खुद
दिल मे जगह दो प्यार से या शातिर की तरह निकाल दो
मन मे बसा लो मुझको तुम या नाजिर की तरह सँभाल लो
तुम ही तो मेरा ख़्वाब हो और मै तुम्हारा ख़्वानक़ाह
चाहो जो तुम नज़्मे बनाओ या गाकर सुनाओ आज खुद
हूँ सामने खड़ा मैं तेरे आज बनके एक बुत...........


प्रकाश प्रकाश

प्रकाश #OpenPoetry

4 Love

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Prakash Shukla

2 Years of Nojoto ऐ हवाएँ बहा चल लेकर मुझे
करीब ले चल मुझे बादलों में कहीं
उनसे कहना समेटे मुझे साथ मे
बूँद बनकर बरसना उन्हीं पर कहीं
पलकों पर उनके मै जा गिरूँ
बह के आँखों मे जा आँसुओं से मिलूँ
पूँछ लूँ उनसे उनकी रजा बन्दगी
या सूरमे की तरह आँखों मे खिलूँ


प्रकाश प्रकाश

प्रकाश

5 Love

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