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Ashutosh shukla

भारतीय स्वाधीनता संग्राम के तेजस्वी हस्ताक्षर, #महान क्रांतिकारी, देशप्रेम के अद्भुत प्रतीक, #काकोरी घटना के महानायक, अमर बलिदानी चंद्रशेख #jaihind #nojotophoto #चंद्रशेखर_आजाद

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 भारतीय स्वाधीनता संग्राम के तेजस्वी हस्ताक्षर, #महान क्रांतिकारी, देशप्रेम के अद्भुत प्रतीक, #काकोरी घटना के  महानायक, अमर बलिदानी #चंद्रशेख

Atal Ram Chaturvedi

09 अगस्त 1925 को आज ही के दिन हिन्दुस्तान रिपब्लिकन आर्मी के सेनापति प.राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में नौ और क्रांतिकारियों चंद्रशेखर आजाद

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नमस्कार मित्रो

©Atal Ram Chaturvedi 09 अगस्त 1925 को आज ही के दिन हिन्दुस्तान रिपब्लिकन आर्मी के सेनापति प.राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में नौ और क्रांतिकारियों चंद्रशेखर आजाद

Manjeet Singh Thakral

19 दिसंबर की तारीख भारत के इतिहास में काफी अहम है। यही वह तारीख है जब साल 1927 में देश के महान क्रांतिकारियों अशफाकउल्लाह खान और राम प्रसाद #Quote #nojotophoto #सांझी_शहादत_सांझी_विरासत_सांझी_नागरिकता

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 19 दिसंबर की तारीख भारत के इतिहास में काफी अहम है। यही वह तारीख है जब साल 1927 में देश के महान क्रांतिकारियों अशफाकउल्लाह खान और राम प्रसाद

Vibhor VashishthaVs

Meri Diary Vs❤❤ माँ भारती की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले अमर बलिदानी ठाकुर रोशन सिंह जी की जयंती पर उन्हें नमन..। 🙏🏵🙏🏵 #yourquote #yqdidi #yqhindi #YourQuotes #yqquotes #freedomfighters #yourquotedidi #vs❤❤

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Meri Diary #Vs❤❤
माँ भारती की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले अमर बलिदानी ठाकुर रोशन सिंह जी की जयंती पर उन्हें नमन..। 
🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏
ठाकुर रोशन सिंह जी का जीवन अदम्य साहस, त्याग व संघर्ष का प्रतीक था। काकोरी कांड के नायक के रूप में उनकी वीरगाथा समस्त देशवासियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी..।
✍️Vibhor vashishtha vs Meri Diary #Vs❤❤
माँ भारती की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले अमर बलिदानी ठाकुर रोशन सिंह जी की जयंती पर उन्हें नमन..। 
🙏🏵🙏🏵

Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)

कविता को आगे बढ़ाएँ- #happybirthday #specialday #Ramprasadbismil जब-जब भारत के स्वाधीनता इतिहास में महान क्रांतिकारियों की बात होगी तब-तब भा

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 कविता को आगे बढ़ाएँ-
#HappyBirthday #SpecialDay #RamPrasadBismil

जब-जब भारत के स्वाधीनता इतिहास में महान क्रांतिकारियों की बात होगी तब-तब भा

Nisheeth pandey

अमर क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद के जन्म दिवस पर शत् शत् नमन ----------------------------------------------------------------------- अमर द #Thoughts #ChandraShekharAzaad

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6अमर क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद के जन्म दिवस पर शत् शत् नमन
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अमर देशभक्त चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में पंडित सीताराम तिवारी और जगरानी देवी के घर में हुआ था! वाराणसी में शिक्षा ग्रहण करने के बाद वे 1920 में महात्मा गाँधी द्वारा चलाये गए असहयोग आन्दोलन से जुड़ गए! 1922 में चौरी-चौरा में 22 पुलिसकर्मियों के क़त्ल के बाद गांधीजी द्वारा आन्दोलन वापिस लेने के कारण उन्हें भारी दुःख हुआ, क्यूंकि उनके मन पर जलियांवाला बाग़ हत्याकांड ने अमिट छाप छोड़ी थी!

उनका मानना था कि एक सच्चे ब्राह्मण का धर्म दूसरों के लिए लड़ना है, एक बार पुलिस द्वारा जज के सामने पेश करने पर जब पंडित जी से उनका नाम पूछा गया तो उन्होंने अपना नाम आजाद बताया और अपने पिता का नाम सवतंत्र बताया, जबकि घर का बताया जेल बताया तो जज ने भन्ना कर उन्हें 15 कोड़े मारने की सजा सुनाई! क्रांतिकारी दलों से प्रभावित होकर आजाद हिंदुस्तान सोसिलिस्ट रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हो गए और पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, भगत सिंह, सुखदेव, बटुकेश्वर दत्त, राजगुरु, अशफाक उल्लाह खान, ठाकुर रोशन सिंह, राजेंद्र लाहिरी और जतिन दास आदि के साथ मिलकर उन्होंने क्रांति की एक नयी इबारत लिखी! चंद्रशेखर आजाद 1925 के काकोरी ट्रेन लूटकांड के सबसे बड़े सूत्रधार थे तो, 1926 में वायसराय की ट्रेन उड़ाने का पर्यास भी उनका ही था! लाला लाजपत राय की हत्या का बदला लेने के लिए उन्होंने 1928 में लाहौर में अपने साथियों के साथ मिल कर सांडरस का वध कर दिया! 24 साल के अपने छोटे से जीवनकाल में आजाद ने ज्यादातर गतिविधियों का सञ्चालन यूपी के सह्जहानपुर से किया, वे नौजवान भारत सभा और कीर्ति किसान सभा से भी सक्रिय रूप से जुड़े रहे! 27 फरवरी 1931 को अपने दो साथियों से मिलने इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क पहुंचे आजाद को उनके ही एक साथी ने दगा दे दिया, आजाद को पुलिस ने चारों तरफ से घेर लिया और गोलियों की बरसात के बीच आत्मस्मर्पण करने को कहा! मगर पंडित जी खूब दिलेरी के साथ लडे और जब गोलियां ख़त्म हो गयी तो आखिरी गोली से अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली! क्यूंकि उनका मानना था कि :

“दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं और आजाद ही रहें

©Nisheeth pandey अमर क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद के जन्म दिवस पर शत् शत् नमन
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अमर द
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