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Digant K. Dusara
आॅजस्वी, तेजस्वी, और द्युतिधरः अर्थात आॅज, तेज और द्युति जो हमारे शरीर, चेहरे और कर्म, वाणी, और कलम की तेजस्विता पर निर्भर है। आॅजस्वी, तेजस्वी और द्युतिधर
अबोध_मन//फरीदा
जो ऐस निहारो मोको कान्हा, द्युति लोचन की बढ़ जाय, सब रंग धनक मोरे सोख लियो, कृष्ण वर्ण में ऐसी बूड़ी हाय। अबोध_मन//”फरीदा” . ©अवरुद्ध मन जो ऐस निहारो मोको कान्हा, द्युति लोचन की बढ़ जाय, सब रंग धनक मोरे सोख लियो, कृष्ण वर्ण में ऐसी बूड़ी हाय। ©फ़क़त"फरीदा" ✍🏽 #अबोध_मन #कान्ह
अबोध_मन//फरीदा
अलंकृत करे मोहे स्वेद बूँदें, जैसे भिंजोए बरखा पावन। ... निखरे द्युति स्वर्ण देह सी निहारे माेको पिय मनभावन। ... जरै साखियाँ, सोलह चन्द्रकलाएँ, चन्द्रमा की, मोरे पिय की हैं बावन। ... अबोध_मन//”फरीदा” . ©अवरुद्ध मन अलंकृत करे मोहे स्वेद बूँदें, जैसे भिंजोए बरखा पावन। ... निखरे द्युति स्वर्ण देह सी निहारे माेको
Insprational Qoute
त्याग संसृति का मोह, रीत जग की भुलाई, घूँट विष का भी पी लिया कंदराओं में जा समाई, वो काल मीरा की भक्ति का था। सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़े। 🙏🙏🙏 त्याग संसृति का मोह, रीत जग की भुलाई, घूँट विष का भी पी लिया कंदराओं में जा समाई, वो काल मीरा की भक्ति का था। बनी वो पतिव्रता नारी, बचा लिय
विष्णुप्रिया
अदम्य अतुल साहस है जिनका, और प्रचंड सिंह सी हुँकार, रक्त रक्त में रोपित जिनके, मातृ भूमि का प्रेम अनुराग, अदम्य अतुल साहस है जिनका, और प्रचंड सिंह सी हुँकार, रक्त रक्त में रोपित जिनके, मातृ भूमि का प्रेम अनुराग, जिनकी शौर्य गाथा से अब तक गूँज र
vasundhara pandey
क्यूँ प्रभा है रूठी प्रथा से,जो अरुणिमा ये न लाती, गिरि श्रेणियों में भी देखो एक रश्मि न दृश्य होती। इन गिरिवरों की राह में पर्वतों की ढाल में किंकिणों के मार्ग में,हर घङी अविराम में। मैं अकेली चल रही हूँ ,हर जगह सुंसान में । हर गुफा ,हर कंदरा, हर कोण इस भूमि का, जिसमें कि द्युति रश्मि कैद हों! ढूँढ लाऊँगी उन्हें मैं , पाताल हो या स्वर्ग हो। भीङ में हूँ मैं अकेली, अमावस सी रात है। काल जैसी इस पवन में, ही भयानक राज़ है। काली निशा का तिमिर व्यूह , क्यूँ न होता उज्ज्वल कभी क्यों मय
PARBHASH KMUAR
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता । सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥ जय जय सरस्वती माता…॥ चन्द्रबदनी पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी । सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय जय सरस्वती माता…॥ बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला । शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ॥ जय जय सरस्वती माता…॥ देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया । पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ जय जय सरस्वती माता…॥ विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो । मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो ॥ जय जय सरस्वती माता…॥ धूप दीप फल मेवा, मां स्वीकार करो । ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥ ॥ जय सरस्वती माता…॥ मां सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे । हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे ॥ जय जय सरस्वती माता…॥ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता । सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥ ©parbhashrajbcnegmailcomm जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता । सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥ जय जय सरस्वती माता…॥ चन्द्रबदनी पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी ।
Insprational Qoute
"आदर्श वचन" संगमरमर की काया, मत कीजो अंहकार, सब यही छूट जायेगा, पीछे रह जाये संसार। सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक पढ़े। "आदर्श वचन" संगमरमर की काया, मत कीजो अंहकार, सब यही छूट जायेगा, पीछे रह जाये संसार, मन मोती अनियंत्रित,
Vikas Sharma Shivaaya'
सूर्य के सात घोड़े.... कलर थेरपी (पानी बोतल)... 🔆 सूर्य की रोशनी में सात रंग शामिल हैं .. और इन सब रंगो के अपने अपने गुण और लाभ है । •🍾• काँच की एक बोतल लें - उसे साफ पीने के पानी से भरकर सात दिन तक धूप में रखें और चाहे तो किसी सूती कपड़े से उसका मुँह बाँध लें । अब - जिस रंग की काँच की बोतल आप उपयोग में लायेंगे - उसमे सूर्य के उस रंग का गुण अथवा लाभ आ जायेगा। मूलाधार चक्र.. •❤• लाल रंग की काँच की बोतल -* यह पानी ज्वर, दमा, खाँसी, मलेरिया, सर्दी, ज़ुकाम, सिर दर्द और पेट के विकार आदि में लाभ कारक है।* स्वाध्यीष्टान चक्र.. 🔶• नारंगी रंग की काँच की बोतल -* यह पानी - वात रोग, अम्लपित्त, अनिद्रा, और कान के रोग दूर करता है।* मणीपूर चक्र.. •💛• पीले रंग की काँच की बोतल -* यह पानी - चोट ,घाव रक्तस्राव, उच्च रक्तचाप, दिल के रोग, अतिसार आदि में फ़ायदा करता है।* अनाहात चक्र.. •💚• हरे रंग की काँच की बोतल .-* यह पानी स्नायुरोग, नाडी संस्थान के रोग, लिवर के रोग, श्वास रोग को दूर करने में सहायक है। विशुध्द चक्र... •💙• आसमानी रंग की काँच की बोतल -* यह पानी - स्नायु रोग, यौनरोग, सरदर्द, सर्दी- जुकाम आदि में सहायक है।* *आज्ञा चक्र.. •💙• नीले रंग की काँच की बोतल -* यह पानी - दाह, अपच, मधुमेह आदि में लाभकारी है। सहत्रार चक्र.. •💜• बैंगनी रंग की काँच की बोतल -* यह पानी - श्वास रोग, सर्दी, खाँसी, मिर्गी ..दाँतो के रोग में सहायक है । ▶नोट :- कुछ दिन तक ये पानी थोड़ा-थोड़ा करके पियें - चाहें तो फिर से एक नई बोतल पानी से भरकर रखें... विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 754 से 765 नाम 754 धन्यः कृतार्थ हैं 755 सत्यमेधः जिनकी मेधा सत्य है 756 धराधरः जो अपने सम्पूर्ण अंशों से पृथ्वी को धारण करते हैं 757 तेजोवृषः आदित्यरूप से सदा तेज की वर्षा करते हैं 758 द्युतिधरः द्युति को धारण करने वाले हैं 759 सर्वशस्त्रभृतां वरः समस्त शस्त्रधारियों में श्रेष्ठ 760 प्रग्रहः भक्तों द्वारा समर्पित किये हुए पुष्पादि ग्रहण करने वाले हैं 761 निग्रहः अपने अधीन करके सबका निग्रह करते हैं 762 व्यग्रः जिनका नाश नहीं होता 763 नैकशृंगः चार सींगवाले हैं 764 गदाग्रजः मंत्र से पहले ही प्रकट होते हैं 765 चतुर्मूर्तिः जिनकी चार मूर्तियां हैं 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' सूर्य के सात घोड़े.... कलर थेरपी (पानी बोतल)... 🔆 सूर्य की रोशनी में सात रंग शामिल हैं .. और इन सब रंगो के अपने अपने गुण और लाभ है ।
Gopal Lal Bunker
🪔 दीपोत्सव 🪔 🪔 घर-घर खुशियों के दीप जले। सब मुखड़ों से द्युतिमा निकले।। वास रहे हर घर वैभव का। पर्व मने फिर दीपोत्सव का। 🪔 सुख के सूरज हर घर निकलें। तम भागे ले संकट उपलें।। कंठ कूप में हँसी सजी हो। रवि किरणों से धूप हुई हो। ✍️ गोपाल 'सौम्य सरल' ( Read Full In Caption ) 🪔 घर आँगन में सजे रँगोली। रिद्धि सिद्धि की रहे ठिठोली।। मन मंदिर में प्रज्ञा बैठे। आकर संकट कभी न ऐंठे।। 🪔 ज्योति पुंज हो तन का दीपक। फलें नहीं दोषों की दीमक।। सद्गुण ही साथी हैं जग के। बाकी सब साथी हैं सुख के।। 🪔 रखा राम को जिंदा जिसने। पाला है मानव को उसने।। राम वही है अब इस जग में। बाकी तो कांटे हैं पथ में।। 🪔 प्रज्ञा रखो बुद्ध की जैसी। करो भेद की ऐसी तैसी।। भाव दया का रखना मन में। रखा नहीं है कुछ इस तन में।। 🪔 दीप बुझे हम इसके पहले। काम करें सब अहले गहले।। हम सब दीप ज्योति हो जाएं। घर सबके फिर हमको भाएं।। 🪔 जब यह सब कुछ होगा जग में। स्वर्ग रूप होगा हर घर में।। देव रूप होगा जब हर नर। तब दीपोत्सव होगा हर घर।। 🪔 ✍️ गोपाल 'सौम्य सरल' ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ 👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀 #चौपाई #दीपोत्सव #दीपावली #restzone #glal #yqdidi #rzलेखकसमूह #चौपाई_छंद चौपाई 👀👀👀👀👀👀👀👀👀 ~~~~~~~~~~~ गोपाल 'सौम्य सरल' 🪔 दीपोत