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Pradyumn awsthi
ये घड़ी भी बड़ी ही अजीव होती है खुद टिक टिक कहती है लेकिन ना तो खुद टिकती है और ना ही लोगों को टिकने देती है ©"pradyuman awasthi" #घड़ी बड़ी अजीब है ना
Gautam Ray
दुनिया की सबसे जानलेवा Line है " मैं कल करूँगा" "मैं बाद में करूँगा" ©Gautam Ray टालने का कीड़ा #WorldEmojiDay2021
Jagdish suthar
नारी के सम्मान की बस बातें हैं बड़ी-बड़ी, असल में भेड़िये नोचने को खड़े हैं घड़ी-घड़ी 😢😢
Sunil itawadiya
। जिंदगी की न टूटे लड़ी प्यार कर ले घड़ी दो घड़ी 👌🏼👍💐
sai mahapatra
किसीके कपड़े से कभी भी उसकी औकात कितनी है मत आंकना वो सिर झुकाके खड़ा है तो उसको अपने से छोटा मत समझना कपड़ा
R K Mishra " सूर्य "
एक अजीब सी पीड़ा खाए जा रही है कैसे औ किसको बताऊं रुलाए जा रही है एक अजीब सी..... यादों में खोऊ तो बरसती हैं आखें बरसती हैं आखें तो तरसती है यादें उम्मीदों की दुल्हन जिलाये जा रही है एक अजीब सी...... सुनता तो है वो मगर मौन होकर चुपके से आते चले जाते रोकर समय कैसी हरकत कराए जा रही है एक अजीब सी...... सुलझती है उलझन मगर कैद करके सज़ा देती खुलकर मगर अपना बनके मैं हूं "सूर्य" फिर भी बनाए जा रही है एक अजीब सी....... ©R K Mishra " सूर्य " #“पीड़ा”
Rakhi Om
"पीड़ा " कल रात निकली पड़ी थी ख्वाबों में अपनी पुरानी दुनिया मे रास्ते मे फूल मुरझाए पड़े थे लोग आंखों में पानी भरे थे बादल भी रो पड़े थे खेत भी परेशान खड़े थे भारत माँ के दो टुकड़े पड़े थे एक हिंदुस्तान, एक पाकिस्तान पड़ा था रास्ते मे अँधेरा बड़ा गहरा था में लौट आ रही हू अपनी पुरानी दुनिया से पीड़ा असहनीय है क्योंकि भारत मां के एक तरफ हिंदुस्तान खड़ा है और और दूसरी तरफ पाकिस्तान खड़ा है Rakhi's Om ©Rakhi Gupta # पीड़ा #
Pushpvritiya
"पीड़ा" पलायन करती हैं न, इस "हृदय" से उस "हृदय" तक................ @पुष्पवृतियां ©Pushpvritiya #पीड़ा
विष्णु कांत
जिस पीड़ा की गहराई को मैने मापा है, अगर तुम होते तो उसके बहाव में डूब जाते। ©विष्णु कांत #पीड़ा
Deep Kushin
कवि हूं,लिखूंगा हीं भावनाओं के जाल बुनुंगा हीं, और क्या कर सकता हूं इसके अलावा न्यायाधिकार मेरे पास है शब्दों के हीं। रूह कांप उठती है जब समाचार ऐसा आता है कानों के रास्ते दिल को दहलाता है, कलम भी कांपती है मेरे हाथों के साथ मां बाप को सुरक्षा का भय खाता है। थक जाता हूं दर्शन ढूंढ़ ढूंढ़ के कानों और आंखों को मूंद मूंद के। बस करो अब,कब तक दरिंदगी दिखाओगे? हमें अपनी मानवता पर हीं शर्मिंदा कराओगे! आबरू छीनते हो उनसे जिन्हें इसका मतलब भी नहीं आता! अपने क्रूर कृत्य पर तुम्हे शर्म क्यों नहीं आता? क्या बच्चे क्या बूढ़े क्या अबला क्या सबला सब कांप उठे हैं तुम्हारे इस प्रारब्ध से, रहम करो तुम शरम करो ९ माह तुम उससे आबद्घ थे। ना लाज रखी तुमने उसकी जिसके कोख से जन्म लिया, है शर्मिंदा सुन के गाली तुमने उसपर भी ना रहम किया। क्या सोचते हो तुम... की बच जाओगे? शायद सही हो तुम बैठ के हीं खाओगे। यहां आचरण का बहुत मोल है फिर वो घिनौना हो या अच्छा, Save the girl child,save the girl child यहां बोलता एक - एक बच्चा। तुम मुद्दे उठा देते हो ग़रीबी और लाचारी के, यहां एक - एक घर में लूट रही आबरू उस बिचारी के। बेटियां भी अब पूछेंगी पूर्व गर्भ से निकलने के, कैसा है संसार पिता जी? एक बेटी के ना होने से... मौन होगा तब वो पिता भी आवाज़ गले से न उतरेगी बेटी तू सुरक्षित है जब तब गर्भ से ना निकलेगी। #पीड़ा