Find the Latest Status about विस्तार शब्द का अर्थ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, विस्तार शब्द का अर्थ.
Shravan Goud
स्वार्थ शब्द का एक और अर्थ है, स्व+अर्थ यानी स्वयं का अर्थ लगाना। --अज्ञात स्वार्थ शब्द का एक और अर्थ है, स्व+अर्थ यानी स्वयं का अर्थ लगाना। --अज्ञात
कलीम शाहजहांपुरी (साहिल)
उसकी रंगत है जैसे कोई खिलता गुलाब, उसकी बातों से टपके इल्हाम की बारिश.! ©कलीम शाहजहांपुरी (साहिल) शायरी ( इल्हाम का अर्थ होता है अल्लाह,ईश्वर का शब्द)
Shashi Bhushan Mishra
रखो कदम अपना संभालकर क्षमता का विस्तार करो, सीखो नव तकनीक नित्य ही समय नहीं बेकार करो, कृपा प्राप्त करनी है तो अनुशासन रक्खो जीवन में, विकसित करो स्वयं का जीवन औरों का उद्धार करो, भरो नई ऊर्जा नित मन में संपोषित हो ज्ञान सृजन, कालरात्रि में दीप जलाकर दूर सकल अंधियार करो, आशाओं का विटप सदा परिपोषित हो हृदयांगन में, प्रेम प्यार से सिंचित कर भौतिक सुख का श्रृंगार करो, नियति नियम का अवलंबन संरक्षित करती है हरपल, अनुपम सुख, आनंद हृदय में, आशा का संचार करो, मिटे तिमिर,भ्रम छँटे जगत से,हो ऐसा प्रयास सबका, शंकाओं का असुर खदेड़ो, तृष्णा का प्रतिकार करो, धरती,चाँद,गगन,सूरज है एक मिला सबको 'गुंजन', रहे कामना सुखद भुवन की, दुर्जन का संहार करो, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #क्षमता का विस्तार करो#
Parasram Arora
वो नदी जानती है सागर से मिलन क़े लिए अनंत है प्रतीक्षा लेकिन वो क्याकरे उसे तो सागर का विस्तार पाना ही है लम्बी दौड़ क़े बाद वो काफी थक भी चुकी है लेकिन सागर अब भी उससे काफी दूर खड़ा बाहें पसारे तैयार. उस नदी को अपनी बाहों मे पनाह देने क़े किये.. और सागर भी शायद ये जान चुका है उसका प्रेम और कुछ नहीं प्रतीक्षा का अनंत विस्तार ही है नदी और सागर उस संभावित मिलन क़े लिए और एक दुसरे मे स्फूर्ति क़े लिए अपने अपने मूक संदेश आये दिन भेजते रहते है. और वो नदी पूरी तरह आश्वस्त है क़ि सागर एक दिन जरूर उसे अपने मे समेट कर ही दम लेगा ©Parasram Arora #प्रतीक्षा का अनंत विस्तार.....
Kavita jayesh Panot
शब्द वही होते है वर्ण माला के, लेकिन वक्त के बदलाव के साथ , तार बदल जाते है। कभी सुख ,एहसास खुशी का दिला जाता है तो कभी वही सु और ख से सूखापन बन जाता है। जो एक नकारात्मकता का बोध है। कविता जयेश पनोत ©Kavita jayesh Panot #शब्द#भेद#वक्त#अर्थ
Hasanand Chhatwani
*सीमित शब्द हो और* *असीमित अर्थ हो...* *लेकिन इतना ही हो कि* *शब्द से न कष्ट हो...* #सिमित शब्द #असीमित अर्थ #
Chetan Jaat
शब्द आत्मा है और उनके अर्थ उस आत्मा की अभिव्यक्ति, इसलिए शब्द और अर्थ दोनों का बोध अनिवार्य है । ©Chetan Jaat #notjo #शब्द #अर्थ #अभिव्यक्ति
Ek villain
हजार वर्ष पहले भारत में रहने वाले सभी लोगों को हिंदू कहना सही था किंतु यह भी अजीब सत्य है कि हमें यह हिंदू ना विदेशियों ने ही दिया था वास्तव में हम तो आ रहे थे और देश का नाम आर्यवर्ता बाद में चक्रवर्ती सम्राट भारत के नाम पर देश का नाम भारत हुआ भारत को उस काल में सोने की चिड़िया कहते थे उस समय सिंधु घाटी सभ्यता की पूरी विश्व में तूती बोलती थी इसलिए विश्व भर के व्यापारी वहां पहुंचते थे असल में सिंधु नदी के उस पार से आने वाले आक्रमणकारी लुटेरे सा को बुलाते थे लिहाज में हिंदू को हिंदू बोलते थे इसलिए वे देश को भी हिंदुस्तान कहते थे अंग्रेजी शब्दों को इंडस कहते थे इसलिए कारण अंग्रेज भारत को इंडिया कहते थे देश में जितने भी आक्रमणकारी आए वह सब लुटेरे ही थे असल में गुलामी के दिनों में हिंदू पहचान ही खो गई थी ©Ek villain #brokenlove #हिंदू पहचानने का विस्तार