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Ek villain
वर्ष 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन स्वतंत्र देश बना पिछले 4 वर्ष से यूक्रेन पश्चिमी देशों ने 8 और सैन्य संगठन में जाना चाहता है लेकिन रूस का लगातार विरोध करता आया है यूक्रेन और रूस के बीच मुख्यता तरह तानी और समवर्ती युद्ध का मुख्य कारण बना वर्तमान वृश्चिक में फ्रांस जर्मनी वालों ने बस्ती में विकसित देश यूक्रेन और रूस के माध्यम से युद्ध नहीं चलते क्योंकि इस स्थिति में पश्चिम देशों पर रूस द्वारा साइबर अटैक बमबारी का खतरा पड़ जाएगा इससे पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी और जबकि वैश्विक महामारी करो 9 विश्व की अधिकतर देशों की अवस्थाओं को पंगु बना दिया है दूसरी रूस अधिकतर पश्चिमी देशों को बिजली उत्पादन के सबसे ज्यादा गैस आपूर्ति करता है जिसका विपरीत प्रभाव उन देशों के ढांचागत संरचना व आम लोगों पर पड़ेगा वैसे भी भारत के मुकाबले इन पश्चिमी देशों में बिजली की दर 600 गुना अधिक है नहीं रूस गैस आपूर्ति बंद के असर से भारत भी अवश्य प्रदान प्रभावित होगा लेकिन अमेरिका की तीर से दो निशाना साधना चाहता है एक विवाद में अपने हथियारों की बिक्री व दूसरे स्थान पर शाम के बाद वैश्विक स्तर पर गिरी सुपर पावर वाली शाखा को सुधारना चाहता रानी के रूप से बातचीत तीसरे विश्वयुद्ध की चिंगारी को फुल गाना दे इसी में विश्व का भला है ©Ek villain #ना जले तीसरा विश्व युद्ध की चिंगारी #chocolateday
abhishek💞
प्रेम क्या है ?? दिल का युद्ध दिमाग के विरूद्ध दिल का युद्ध !!
Amit Singhal "Aseemit"
नागरिकों को दिन रात जब सताता है युद्ध का आतंक, उनके लिए तो यह ज़हरीला होता जैसे साँप का डंक। ©Amit Singhal "Aseemit" #युद्ध #का #आतंक
Shivam Gupta
जिन्दगी एक ऐसा युद्ध हैं जहां हर पल जीत या हार मिलती हैं ©Shivam Gupta जिंदगी का युद्ध #Light
(विद्रोही जी).!!
निर्बल बकरों से बाघ लड़े,भिड़ गये सिंह मृग-छौनों से घोड़े गिर पड़े गिरे हाथी,पैदल बिछ गये बिछौनों से हाथी से हाथी जूझ पड़े ,भिड़ गये सवार सवारों से घोड़ों पर घोड़े टूट पड़े,तलवार लड़ी तलवारों से हय-रूण्ड गिरे¸गज-मुण्ड गिरे,कट-कट अवनी पर शुण्ड गिरे लड़ते-लड़ते अरि झुण्ड गिरे,भू पर हय विकल बितुण्ड गिरे क्षण महाप्रलय की बिजली सी,तलवार हाथ की तड़प–तड़प हय–गज–रथ–पैदल भगा भगा,लेती थी बैरी वीर हड़प क्षण पेट फट गया घोड़े का,हो गया पतन कर कोड़े का भू पर सातंक सवार गिरा,क्षण पता न था हय–जोड़े का चिंग्घाड़ भगा भय से हाथी,लेकर अंकुश पिलवान गिरा झटका लग गया,फटी झालर,हौदा गिर गया¸निशान गिरा कोई नत–मुख बेजान गिरा,करवट कोई उत्तान गिरा रण–बीच अमित भीषणता से,लड़ते–लड़ते बलवान गिरा मेवाड़–केसरी देख रहा,केवल रण का न तमाशा था वह दौड़–दौड़ करता था रण,वह मान–रक्त का प्यासा था चढ़कर चेतक पर घूम–घूम,करता सेना–रखवाली था ले महा मृत्यु को साथ–साथ,मानो प्रत्यक्ष कपाली था रण–बीच चौकड़ी भर–भरकर,चेतक बन गया निराला था राणा प्रताप के घोड़े से,पड़ गया हवा को पाला था गिरता न कभी चेतक–तन पर,राणा प्रताप का कोड़ा था वह दोड़ रहा अरि–मस्तक पर,या आसमान पर घोड़ा था जो तनिक हवा से बाग हिली,लेकर सवार उड़ जाता था राणा की पुतली फिरी नहीं,तब तक चेतक मुड़ जाता था सेना–नायक राणा के भी,रण देख–देखकर चाह भरे मेवाड़–सिपाही लड़ते थे,दूने–तिगुने उत्साह भरे क्षण मार दिया कर कोड़े से,रण किया उतर कर घोड़े से। राणा रण–कौशल दिखा दिया,चढ़ गया उतर कर घोड़े से क्षण भीषण हलचल मचा–मचा,राणा–कर की तलवार बढ़ी था शोर रक्त पीने को यह,रण–चण्डी जीभ पसार बढ़ी वह हाथी–दल पर टूट पड़ा,मानो उस पर पवि छूट पड़ा कट गई वेग से भू ऐसा,शोणित का नाला फूट पड़ा ऐसा रण राणा करता था,पर उसको था संतोष नहीं क्षण–क्षण आगे बढ़ता था वह,पर कम होता था रोष नहीं कहता था लड़ता मान कहां,मैं कर लूं रक्त–स्नान कहां जिस पर तय विजय हमारी है,वह मुगलों का अभिमान कहां भाला कहता था मान कहां¸,घोड़ा कहता था मान कहां? राणा की लोहित आंखों से,रव निकल रहा था मान कहां ,,,श्याम नारायण पाण्डेय ©ब्राह्मणवंशी जीतू मिश्रा (विद्रोही जी) @हल्दीघाटी का युद्ध 'चेतक'
Dipika Saini
इतिहास में कहा दर्ज होते हैं वो युद्ध.. जो मन के भीतर चलते हैं.. .💥💫✍✍ राधे राधे 👏♥ ©Dipika Saini मन के भीतर का युद्ध........