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نمیش
सब गुम रहते है अब मोबाइलों मैं सारे रिश्तों के नज़्र ए मसाइलों मैं नज़्र ए मसाइल offering to problem
sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3
कुछ और नहीं बस सादगी मसाइल है... इक बदन फूल है आँखें इज़राइल है..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 मसाइल
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तमाम मसाइल की जड़ तो ज़िंदगी थी... और ख़्वाह-म-ख़ाह मौत से डरते रहॆ..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 मसाइल
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यार तेरे पास कितने मसाइल है... और हम तो बेसबब ही जी रहॆ हैं..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 मसाइल
Naveen Mahajan
'मौजूदा मसाइल' मौजूदा मसाइल पे, लिखने की हिदायत थी हमने बग़ैर देर किए, तुझ पे ग़ज़ल कही। काफ़ूर हो चले जब, सब सब्र के परिन्दे तेरी तरफ़ से हमने, ख़ुद पे ग़ज़ल कही। मौसम के बदलने के, वाकिफ़ थे मिजाज़ों से मात उनको देते तेरे, रुख़ पे ग़ज़ल कही। संगों पे पड़ी धारी, हिम्मत पे रही भारी बेकार हमने अब तक, बुत पे ग़ज़ल कही। यारों ही की महफ़िल थी, यारी ही के किस्से थे ग़म के अज़ीज़ हम थे, उस पे ग़ज़ल कही। सावन के महीने में, सब गा रहे थे झूले हमने भी पतझड़ों की, रुत पे ग़ज़ल कही। दुनिया के शोरगुल पे, कहने को कुछ नहीं था मजबूर थे आदत से, चुप पे ग़ज़ल कही। ग़ज़लों में ढूंढते हैं, सब सुख जहान के दीगर ये बात है के, दुख पे ग़ज़ल कही। #NaveenMahajan मौजूदा मसाइल #shadesoflife
Naushad Mohammed
1222 1222 122 मसाइल खत्म होती क्यों नहीं है न जाने कब से मैं सुलझा रहा हूँ नौशाद मोहम्मद मसाइल - problems #nojotohindi #DearZindagi
Gumnam Shayar Mahboob
मेरे होने से बढ़तें हैं मसाइल सबके मैं जो मर जाऊं तो सबको सहूलत होगी #मसाइल #सबके #मर #सहूलत #आदमी #दुनियां #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob
Prerit Modi सफ़र
बनती ग़ज़ल- ख़्वाहिशें हैं नहीं ज़िन्दगी में।। उठ रहा है धुआँ हर गली में।। हैं मसाइल जहां में बहुत अब। राहतें मिलती हैं बंदगी में।। 212 212 2122 मसाइल- problems #yqbaba #yqdidi #shayari #life #philosophy #yqaestheticthoughts #शायरी