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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
हृदय में बड़ा अफसोस है खो गया "पुनीत" कोष है हे दुनिया बनानेवाले रब, ये कैसा दिया तूने सबब पुनीत आत्मा को छीन, क्या आया तुझे संतोष है? हृदय में बड़ा अफसोस है खो गया "पुनीत" कोष है अदाकारी थी,लाजवाब मुर्दे में फूंक देती थी,जान दक्षिण,कर्नाटक ही क्या, पूरे हिंद के थे,आफताब अब क्यों हुए,खामोश है पुनीत अच्छाइयां याद कर, हो रही जनता बेहोश है जो मिला,गम ग्लोकोज है आपके यूं,असमय जाने से खो गया हमारा जोश है हृदय में बड़ा अफसोस है खो गया "पुनीत" कोष है आप अभिनेता ही न थे जन-जन के प्रिय नेता थे गौसेवा,अनाथों की सेवा, ये करते थे,आप निर्दोष है ऐसा व्यक्ति,कहां से लाये जिसमे था,निःस्वार्थ जोश है हृदय में बड़ा अफसोस है खो गया "पुनीत" कोष है जैसा नाम,वैसा ही काम पुनीत ने दिया,यह होश है शरीर से भले चले जाऊं, सच से रहूंगा,जिंदा खोज है पैसा,पद की बहुत शान फिर भी न था अभिमान आप पुनीत थे,सच्चे इंसान ओर न होगा यूं फिरदौस है हृदय में बड़ा अफसोस है खो गया "पुनीत" कोष है पुनीत के जाने से यूं लगा, दीप गया रोशनी छोड़ है दिल से विजय ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" खो गया "पुनीत" कोष
Arora PR
ज़ब एक दिनमैं मृत्यु के देवता से. मुख़ातिब हुआ तों उसने मुझसे हैरान होकर एक यक्ष प्रश्न किया कि क्या तुम्हारी धरती पर तुम्हारी ललक तुम्हारी आसक्ति और तुम्हारी वास्नाओं का वो अतुल भण्डार चुक गया हैँ ?. मैंने कहा निश्चित ही वो मेरे लिए चुक गया हैँ तभी तों मैं आया हू तुम्हारे पास तुम्हारी मृतक आत्माओं के कोष मे इज़ाफ़ा करने....। ©Arora PR मृतक आत्माओ का कोष
Anjali Raj
जोड़ना चाहती हूँ स्मृतियाँ अधिकाधिक उन पलों की जो खर्च कर दिए तुम्हारे साथ स्मृतियों को जन्म देने के लिए ये स्मृतियाँ समय के निवेश का ब्याज है निःसंदेह सौदा लाभ का है #YQdidi #अंजलिउवाच #सौदा #स्मृति #कोष
Anamika
तुम सब कोष हो मेरे जीवन के, तुमको किसी कोश मे न व्यक्त कर पाऊं.. 😍😍😍😍😍😍 कोष - खजाना कोश - शब्द संग्रह #कोष #कोश #दोस्ताना #दोस्तीकेनाम #दिलसे_दिलतक #yqfriendzonedlove #yqdosto #tulikagarg
Kishan Gupta
किचन की रानी, तू पसीने से लतपत, पंखा बना, मुझे घुमाये जा रही हो,, चाय कब तक यूँ ही, फीकी पिलाओगी, इलायची के इंतजार में, अदरक पीसे जा रही हो। ~किशन गुप्ता #कविता #कविता #
Awanish Singh
दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। पार जाऊँगा मेरा साहस, कभी हारा नहीं है। जो मिटा अस्तित्व दे, ऐसी कोई धारा नहीं है ।। कौन रोकेगा स्वयं तूफान, थककर रुक गये हैं । हर लहर मेरा किनारा, ध्येय तक बढ़ता रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। तोड़ दी अवरोध की सारी, शिलाएँ एक क्षण में । मैं धरा का प्यार मुझको, स्नेह देते सब डगर में।। शीत वर्षा और आतप कर, न पाये क्षीण गति को। बिजलियों की कौंध में भी, पंथ गढ़ता ही रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। ©Awanish Singh (AK Sir) #कविता #कविता
Balu Khaire
भीगी हुई आँखोका मंजर न मिलेगा, घर छोडकर मत जाओ कही घर ना मिलेगा। फिर याद बहुत आएगी जुल्फो की शाम, जब धूप मे साया कोई सर न मिलेगा। आंसू को काभि ओस का कतरा न समझना, ऐसा तुम्हे चाहत का समुदर ना मिलेगा। इस ख्वाब के माहोल मे बे-ख्वाब है आँखे, जब निंद बहुत आएगी बिस्तर ना मिलेगा। ये सोचलो आखरी साया है मोहब्बत, इस दरसे उठोगे तो कोई दर ना मिलेगा ©Balu Khaire कविता कविता #lonely