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Ek villain
जिम्मेदारी और जवाबदेही आचार नीति के विभिन्न अंग है जिसके कई स्तरों पड़ती है इसी में एक अंश आदर्श चुनाव संहिता जिसमें इस बात की गुंजाइश रहती कि इसके होते हुए चुनाव पारदर्शी निरपेक्ष रूप से बीते 7:30 दशक में चुनाव कायम जो लोकतंत्र के महापर्व में राजनीति राम को बढ़ने 1960 में ऐसे नियम के आवश्यक महसूस की गई जो निर्देश स्वतंत्र चुनाव के लिए आदर्श चुनाव आदर्श राजनीतिक दलों की सहमति आरंभिक दौर में इसमें भी तय है इसका दायरा मतलब मतलब की दुनिया होती जाएगी जिसमें बातें करती रहती है चुनाव पारदर्शी और चुनाव चुनाव आयोग द्वारा नियमों का अनुपालन राजनीतिक शास्त्र रंग रंग को देखते हुए राजनीतिक दलों की नैतिक दायित्व आचार संहिता का पालन करना लोकतंत्र के भीतर एक साफ-सुथरी छवि बनाए रखने के साथ-साथ निरपेक्ष चुनाव में अपना योगदान देना मार्ग से अधिक रूप से यह जितना भी आदर्श युक्त रूप का इसका अनुपालन कम ही होता दिखाई देता है जाति में छेत्र बाहुबली बल धनसुख से परे चुनाव अभियान राजनीति दल अपनी छवि को लेकर चिंतित रहते हैं ©Ek villain # आदर्श चुनाव आचार संहिता #jail
Ek villain
समान आचार संहिता राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बन चुकी है भाजपा शासित उत्तराखंड हिमाचल गुजरात और गोवा में इस दिशा में सरकार कदम बढ़ा चुकी है चुनाव के इस माहौल में गुजरात और हिमाचल में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में वायदा किया जिसका लाभ पार्टी को मिल सकता है यही कारण है कि इन राज्यों में विपक्षी खेमे में चिंता की लकीर भी साफ दिखाई दे रही है विपक्षी दलों ने इसका खुलेआम विरोध नहीं किया चुनावी राज्यों में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा को ही इस मुद्दे पर गंभीर होने का आरोप लगाकर कटघरे में खड़ा कर दिया है ©Ek villain #delhiearthquake #समान आचार संहिता पर बहस हो रही है पार्टियों के बीच
vishnu prabhakar singh
अकूत मौज नहीं है कथित सजगता ने उसे खा लिया है निवाला नहीं है मौज दायरा विहिन है मौज आचरण तारत्मयता जिसे भ्रष्ट करती हो वो मौज नहीं है ! शून्य के साथ है मौज ऊँचाई की पराकाष्ठा है मौज यह युग नहीं है इस दिवा का अर्थ आधार भी खो चुका है मौज तृष्णा बन कर रह गया बेचारा अंश चाहिये तो मृत्यू होगी अनेक डर है मौज नहीं है ! निभाया नहीं जा सकता मौज अभ्यास से प्रभाव विहिन हो जाता मौज मौज नहीं तो मौज की संभावना भर मस्ती नहीं है मौज निर्वाण के समकक्ष वाला स्वर्ण-स्तम्भ छटकता य़ायावरी ब्रह्म से घिरा पदम् विभूषण है मौज अलंकार नहीं है मौज नहीं है अभी चरम पर गया हुआ है ! मौज प्रेम है अखंडता है,जीवंत है,कगार है लक्ष्य है चाहत,संतुष्टी नहीं है मौज विकास है मौज करूणा है मौज अहिंसा है मौज कविता है मौज अद्भूत सरिता है मौज आज सामुहिकता खास है मौज सबका साथ सबका विकास है मौज !! विप्रणु #फक्कड़ संहिता
SeNty Sunny Kush
KD
आचार्य ने बचपन में खिलौने से दूर किया और आचार संहिता ने जवानी में।
Jesus Lif
1 क्या ही धन्य है वह पुरूष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करने वालों की मण्डली में बैठता है! भजन संहिता 1:1 2 परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता; और उसकी व्यवस्था पर रात दिन ध्यान करता रहता है। भजन संहिता 1:2 3 वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरूष करे वह सफल होता है॥ भजन संहिता 1:3 4 दुष्ट लोग ऐसे नहीं होते, वे उस भूसी के समान होते हैं, जो पवन से उड़ाई जाती है। भजन संहिता 1:4aaaaaa1a1 5 इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे; भजन संहिता 1:5 6 क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है, परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा॥ भजन संहिता 1:6 ©Jesus Lif भजन संहिता #भजनसंहिता