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Ramji Ramesht Dauderiya
संघर्ष सभी करते है दर्द सभी सहते है ! कोई मंजिल को पा जाता है कोई रास्ते से बिछड़ जाता है! प्यार सभी करते है पाने को सभी मरते है ! कोई प्यार को पा जाता है कोई प्यार से बिछड़ जाता है! - रामजी दौदेरिया ©Ramji Dauderiya #RRD की डायरी की शायरी #11
alone writer
😔कितना भयानक दिन रहा होगा वो हिंदुस्तान के लिए। ©alone writer #शायरी #Shaam #saadgi #shaadi #26/11
Akram Tilhari
अपनी मदहोश निगाहों से पिलाने वाले तू कहाँ है मुझे दीवाना बनाने वाले जिन की राहों में सदा फ़ूल बिछाये मैंने हैं वोही रह में मेरी ख़ार बिछाने वाले खुल ना जायें कहीं महशर में मेरे ऐब सभी ले छुपा मुझ को मेरे ऐब छुपाने वाले दास्ताँ ग़म की सुनाई है किसी ने जब भी आ गई याद तेरी दिल को दुखाने वाले रोक लेता हूँ ज़बाँ सोच के कुछ मैं लेकिन वैसे दिल में हैं बहुत राज़ बताने वाले ग़म ना कर जल्द ही हालात बदल जायेंगे सब्र से काम ले ऐ अश्क बहाने वाले जब से नज़रें हैं फ़िरीं आप की मुझ से अकरम ख़ूब जी भर के सताते हैं सताने वाले [[ अकरम तिलहरी की शायरी ]]21/11/19
Akram Tilhari
यादों को भुलाने में ज़रा देर लगेगी ज़ख़्मों को मिटाने में ज़रा देर लगेगी काँटे जो बिछाये थे मेरी राह में तुम ने काँटे वो हटाने में ज़रा देर लगेगी जिस राज़ को बरसों से छुपाया मेरे दिल ने वो राज़ बताने में ज़रा देर लगेगी तुम के तो जगा कर के मेरी नींद उड़ा दी अब नींद के आने में ज़रा देर लगेगी जो तुम ने लगाई थी निगाहों से कभी आग वो आग बुझाने में ज़रा देर लगेगी जिस बात ने हलचल सी मचादी मेरे दिल में वो बात बताने में ज़रा देर लगेगी अकरम सा कोई और ना देखा है सुखनवर अकरम को भुलाने में ज़रा देर लगेगी [[ अकरम तिलहरी की शायरी ]]22/11/19
Akram Tilhari
दिल मेरा बे क़रार थोड़ी है अब मुझे तुझ से प्यार थोड़ी है इस नगर की फज़ा हमारे लिये अस्ल में साज़गार थोड़ी है कहने को है अमीरे शहर मगर वो कोई ज़ी वक़ार थोड़ी है क़स्में कितनी भी खाये वो लेकिन उस का अब ऐतबार थोड़ी है जिस की करता है तू तरफ दारी वो कोई तेरा यार थोड़ी है तुझ से इक मैं ही प्यार करता हूँ सारा कुंबा निसार थोड़ी है जान दे दूँ मैं आप पर अकरम आप से इतना प्यार थोड़ी है [[ अकरम तिलहरी की शायरी ]] 12/11/19
Akram Tilhari
दिल की महफिल सजाने से क्या फायेदा गीत उल्फ़त के गाने से क्या फायेदा जिन को तेरी वफा पर यकी़ं ही नहीं उन के घर आने जाने से क्या फायेदा सोने चाँदी के महलों में रहते हैं जो उन से नज़रें मिलाने से क्या फायेदा जिस ने थामा है ग़ैरों का दामन सदा उस को अपना बनाने से क्या फायेदा जिस को आगोश में मौत ने ले लिया उस का मातम मनाने से क्या फायेदा दिल में जब कोई बाक़ी ख़ुशी ना रही फ़िर बहारों के आने से क्या फायेदा ऐब गर तुम को अकरम के मालूम थे हर किसी को बताने से क्या फायेदा [[ अकरम तिलहरी की शायरी ]] 13/11/19
Akram Tilhari
वो जो रह कर गुलों में जी रहे हैं वोही तो मुश्किलों में जी रहे हैं अभी निकला नहीं मग़रिब से सूरज अभी हम रहमतों में जी रहे हैं मसर्रत होगी कैसे हम को हासिल मुसलसल हम ग़मों में जी रहे हैं तुम्हारा जब से थामा हम ने दामन हमेशा ख़ुशबुओं में जी रहे हैं कहें हम बात अपने दिल की कैसे यहाँ हम जा़लिमों में जी रहे हैं कहाँ पहुँची है दुन्या ये तो सोचो हम अब तक मसलकों में जी रहे हैं नमाज़ों के हैं जो पाबंद अकरम वोही तो रहमतों में जी रहे हैं [[ अकरम तिलहरी की शायरी ]] 23/11/19
Akram Tilhari
दिल में अब तो हर लम्हा रहती बे क़रारी है आप की मोहब्बत में आँख अश्कबारी है उस की हर अदा हम को जानो दिल से प्यारी है मिटती है तो मिटने दो ज़िंदिगी हमारी है तुम कभी तो आओगे ज़िंदिगी मेरी बन कर हम ने इस तवक़्क़ो पर ज़िंदिगी गुज़ारी है पूछते हो क्या हम से कैसी शब कटी यारो हम ने तारे गिन गिन के काटी रात सारी है इक झलक जो देखी थी राह में कभी उस की रह वो आज तक मुझ को जानो दिल से प्यारी है अब ना कुछ दिखाई दे अब ना कुछ सुनाई दे ज़हनो दिल पे कुछ ऐसी इश्क़ की खुमारी है उस के आने से सारा घर महेक उठा अकरम आज औज पर क़िस्मत दोस्तो हमारी है [[ अकरम तिलहरी की शायरी ]] 20/11/19
Akram Tilhari
उम्र में मेरी सराबों के सिवा कुछ भी नहीं उस के दामन में बहारों के सिवा कुछ भी नहीं आज भी आप बनायेंगे बहाना आख़िर आप के पास बहानों के सिवा कुछ भी नहीं इस ज़मीं पर हैं खिले फूल मोअत्तर कितने आसमाँ तुझ में तो तारों के सिवा कुछ भी नहीं ये मोहब्बत का शहर है यहाँ क्या ढूंडते हो इस शहर में तो दिवानों के सिवा कुछ भी नहीं हो गये जिन में फसादात के पौदे यारो उन मकानों पे तो तालों के सिवा कुछ भी नहीं कैसे आये हो यहाँ ढूंडते फिरते क्या हो मेरे आँगन में तो ख़ारों के सिवा कुछ भी नहीं कौन गुज़रा था तेरे दिल की ज़मीं पर अकरम जिस के क़दमों के निशानों के सिवा कुछ भी नहीं [[ अकरम तिलहरी की शायरी ]] 12/11/19