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AJAY ANAND

क्या आपको पता है ??
 काम , क्रोध और लोभ इन तीनों को नर्क का द्वार माना गया है।
 अतः मनुष्य को इन्हें त्याग देना चाहिए

©AJAY ANAND
  काम , क्रोध और लोभ

काम , क्रोध और लोभ #विचार

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AJAY ANAND

#Corruption काम , क्रोध और लोभ

#Corruption काम , क्रोध और लोभ #प्रेरक

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Amit Singhal "Aseemit"

#काम #क्रोध #लोभ #मोह #माया
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Shubham Bhardwaj

काम,क्रोध, मद,लोभ,जगत में कैसी आग लगाये रे।
पंडित, मुल्ला या कोई ज्ञानी, इससे बचकर न जाये रे।।

©Shubham Bhardwaj
  #Art #काम #क्रोध #मद #लोभ #जगत #में
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Shubham Bhardwaj

काम,क्रोध, मद,लोभ से,कब होता कल्याण।
सत्य, अहिंसा, प्रेम से मिल जाते हैं भगवान।।

©Shubham Bhardwaj
  #God #काम #क्रोध #मद #लोभ #से #कब #होता #कल्याण #सत्य
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Miss Kamlani

#softbeat #घमंड #जीवन #विचार #लोग #गुस्सा #ईर्ष्या #काम #क्रोध #लोभ

softbeat घमंड जीवन विचार लोग गुस्सा ईर्ष्या काम क्रोध लोभ

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RJ TALKS

काम,क्रोध,लोभ,मोह,अहंकार नज़र रखें इनपर 
#nojoto
#nojotohindi 
#विचार

काम,क्रोध,लोभ,मोह,अहंकार नज़र रखें इनपर nojoto nojotohindi विचार

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Mahadev Son

शून्य की ओर जाने के
सरल तीन मार्ग....




काम, क्रोध और लोभ!

©Mahadev Son शून्य की ओर जाने के
सरल तीन मार्ग....

काम, क्रोध और लोभ!

शून्य की ओर जाने के सरल तीन मार्ग.... काम, क्रोध और लोभ! #erotica

14 Love

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दिनेश कुशभुवनपुरी

दोहा: अहंकार

अहंकार के वृक्ष पर, लगे काम के फूल।
लोभ मोह की छाँव में, उड़े क्रोध की धूल॥
Dinesh Pandey

©दिनेश कुशभुवनपुरी
  #दोहा #अहंकार #काम #लोभ #मोह #क्रोध  Ritu Tyagi gungun gusain Nîkîtã Guptā Anupriya Anshu writer

#दोहा #अहंकार #काम #लोभ #मोह #क्रोध Ritu Tyagi gungun gusain Nîkîtã Guptā Anupriya Anshu writer #कविता

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Sunita Singh



काम क्रोध मद  लोभ का, करो हृदय से त्याग |
परहित सेवा काज से, मिले ईश अनुराग ||

©Sunita Singh
  #snow काम क्रोध मद लोभ का, करो ह्रदय से त्याग |
परहित सेवा काज हो, मिले ईश अनुराग ||

#snow काम क्रोध मद लोभ का, करो ह्रदय से त्याग | परहित सेवा काज हो, मिले ईश अनुराग || #विचार

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vs raj

राम नाम का महत्व ना जाने वो अज्ञानी अभागा है,जिसके दिल में राम बसे वो परम सोभागा है,
अंधकार में तीनो गये धन वैभव और वंस यकीन ना आये तो देख लो रावण, कौरव और कंस,

©vs raj
  #Ramnavami#राम #सुविचार #शिक्षा #प्रेणा #अंधकार #क्रोध #लोभ #लालच #
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jitu creation

लोकांनी फक्त माझा स्वार्थ बागितला मला नाही बगितल लोकं

लोकं

5 Love

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Ranjit Kumar

#यथा राजा तथा #प्रजा।

#यथा राजा तथा प्रजा। #विचार

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Prem Singh Raghav

 यथा दृष्टि तथा सृष्टि

यथा दृष्टि तथा सृष्टि #nojotophoto

6 Love

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Tanha Shayar hu Yash

#krishna_flute लोभी

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Mk haryanvi

लोभी चोर

लोभी चोर #कॉमेडी

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Krishna Kumar

| लोभी दरजी |

| लोभी दरजी |   एक था दरजी, एक थी दरजिन। दोनों लोभी थे। उनके घर कोई मेहमान आता, तो उन्हें लगता कि कोई आफत आ गई। एक बार उनके घर दो मेहमान आए। दरजी के मन में फिक्र हो गई। उसने सोचा कि ऐसी कोई तरकीब चाहिए कि ये मेहमान यहाँ से चले जाएं। दरजी ने घर के अन्दर जाकर दरजिन से कहा, "सुनो, जब मैं तुमको गालियां दूं, तो जवाब में तुम भी मुझे गालियां देना। और जब मैं अपना गज लेकर तुम्हें मारने दौडू़ तो तुम आटे वाली मटकी लेकर घर के बाहर निकल जाना। मैं तुम्हारे पीछे-पीछे दौड़ूंगा। मेहमान समझ जायेंगे कि इस घर में झगड़ा है, और वे वापस चले जाएंगे।" दरजिन बोली, "अच्छी बात है।" कुछ देर के बाद दरजी दुकान में बैठा-बैठा दरजिन को गालियां देने लगा। जवाब में दरजिन ने भी गालियां दीं। दरजी गज लेकर दौड़ा। दरजिन ने आटे वाली मटकी उठाई और भाग खड़ी हुई। मेहमान सोचने लगे, "लगता है यह दरजी लोभी है। यह हमको खिलाना नहीं चाहता, इसलिए यह सारा नाटक कर रहा है। लेकिन हम इसे छोड़ेंगे नहीं। चलो, हम पहली मंजिल पर चलें और वहां जाकर-सो जाएं। मेहमान ऊपर जाकर सो गए। यह मानकर कि मेहमान चले गए होंगे, कुछ देर के बाद दरजी और दरजिन दोनों घर लौटे। मेहमानों को घर में न देखकर दरजी बहुत खुश हुआ और बोला, "अच्छा हुआ बला टली।" फिर दरजी और दरजिन दोनों एक-दूसरे की तारीफ़ करने लगे। दरजी बोला, "मैं कितना होशियार हूं कि गज लेकर दौड़ा!" दरजिन बोली, "मैं कितनी फुरतीली हूं कि मटकी लेकर भागी।" मेहमानों ने बात सुनी, तो वे ऊपर से ही बोले, "और हम कितने चतुर हैं कि ऊपर आराम से सोए हैं।" सुनकर दरजी-दरजिन दोनों खिसिया गए। उन्होंने मेहमानों को नीचे बुला लिया और अच्छी तरह खिला-पिलाकर बिदा किया।

©Krishna Kumar
  लोभी दरजी

लोभी दरजी #कामुकता

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कृष्ण गोला

मोह, माया, काम, क्रोध, अहंकार है

मोह, माया, काम, क्रोध, अहंकार है #शायरी

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Vipul Maurya

लोभी इन्सान

लोभी इन्सान #प्रेरक

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HP

ज्यों-ज्यों लाभ होता जाता है, मनुष्य का लोभ उसी अनुपात से बढ़ता जाता है। लोभ

लोभ

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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

लोभ आदमी का गला काटता है
लोभ आदमी को बेमौत मारता है
उसकी भूख कभी खत्म न होती
लोभ आदमी का पेट फाड़ता है

लोभी ख्वाबों में दौलत चाटता है
लोभी रिश्तों को पैसे से जाड़ता है
लोभ आदमी का गला काटता है
भरी जवानी में उसे जिंदा मारता है

लोभी समंदर के भीतर रहकर भी,
ताउम्र प्यासा ही जिंदगी काटता है
लोभी जिंदगी के इस चौराहे पर,
ख़ुद को कंकर-पत्थर ही बांटता है

लोभ आदमी का गला काटता है
लोभी पैसे को ही ख़ुदा मानता है
पर वो ये बात भूल गया है साखी,
लोभ आदमी को जिंदा गाड़ता है

अंधेरे से जैसे रोशनी नही होती,
लोभी से वैसे अच्छाई नही होती,
लोभी आंखे होकर ठोकर छांटता है
लोभी उजाले में अंधेरे को पालता है

आज हर शख़्स लोभ साथ रखता
बिन पैसे किसी से बात नही करता
पर अंत समय पैसा साथ नहीं जाता
निःस्वार्थ कर्म ही सबको याद आता

लोभ,स्वार्थ नही,परोपकारी कर्म ही,
मृत्यु बाद भी हमें जिंदा रखता है
निःस्वार्थता ही इंसानो का मूल खाता है,
बिन इसके खुदा हमे जानवर मानता है
दिल से विजय लोभ

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Khurshid ansari

लोभ से घिरा मनुष्य धन को तो देखता है पर आपत्ति को नहीं।

©Khurshid ansari
  लोभ

लोभ #Thoughts

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Ambika Mallik

आज़ (लोभ)

आज़ वो मृग मरीचिका,
जित पकड़ो दूर वो जाए।
झोली कभी ना भर पाते,
कौड़ी एक खाली रह जाए।।

©Ambika Mallik
  #लोभ
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Rohan Roy

लोभ, लालच, क्रोध, परेशानी, यह जीवन की 
ऐसी समस्या है। जो हमें नहीं मारती, 
बल्कि हमारे अंदर के इंसान को मारती है। 
ताकि हमारी इंसानियत का गौरव खत्म हो जाए

©Rohan Roy
  लोभ, लालच, क्रोध, परेशानी, यह जीवन की 
ऐसी समस्या है। #RohanRoy #inspiredaily #motivation_for_life

लोभ, लालच, क्रोध, परेशानी, यह जीवन की ऐसी समस्या है। #RohanRoy #inspiredaily #motivation_for_life #Life

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Aklesh Yadav

यथाशक्ति तथा भक्ति जितना आपको शक्ति है उसी के अनुसार काम करें नहीं तो बाद में पछताना पड़ सकता है

©Aklesh Yadav
  #City यथा शक्ति तथा भक्ति #life#success

#City यथा शक्ति तथा भक्ति life#Success #विचार

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Dinesh Kashyap

लोभ, लालच और ईर्ष्या मानवता के दुश्मन हैं! जो करें मानव सेवा, सत्य  की शक्ति को जो पहचाने!   कर्मों में शुभ कर्म!  धर्मो  में धर्म   मानव धर्म है! हिंसा को अहिंसा में बदल दे! मित्रों में है मित्र है प्यारा हां   संजीवन बूटी   या   मरहम है  लोभ,  लालच  और ईर्ष्या मानवता के दुश्मन  हैं....

©Dinesh Kashyap
  # लोभ ,लालच

# लोभ ,लालच #Mythology

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कवि होरी लाल "विनीता"

तुम मित्र हो कि शत्रु हो
मैं समझ न पा रहा
गुण तुम्हारे मित्र के हैं
काम शत्रु वाला क्यों ?

तुम हमेशा ही कहते हो
हम तुम्हारे मित्र हैं
मुझसे क्यों नाराज हो
काम शत्रु वाला क्यों ?

कभी मिले गले मिले
एकदम तुम घुले मिले
आंखों से ओझल होते हैं
काम शत्रु वाला क्यों ?

साथ साथ हम चलते हैं
दुख में हम साथ निभाए
जैसे आराम मिल गया
काम शत्रु वाला क्यों ?

आप सब मित्रता को
मजाक ना बनाइए
मित्र धर्म मानिए
काम शत्रु वाला क्यों ?

रहो तो साथ खुलकर रहो
मित्र बंधुआ मजदूर नहीं
मौसम की तरह ना बदलें
काम शत्रु वाला क्यों ?

मित्रता कायम रखनी है तो
अपने मित्र पर विश्वास करो
कभी तुम अहम ना करना
काम शत्रु वाला क्यों ?

कवि होरी लाल "विनीता"
रानीगंज प्रतापगढ़ यू पी।।

©कवि होरी लाल "विनीता" काम शत्रु वाला क्यों

#holdmyhand

काम शत्रु वाला क्यों #holdmyhand #कविता

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