Find the Latest Status about प्लेटो का काव्य सिद्धांत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, प्लेटो का काव्य सिद्धांत.
Ek villain
राजीव सचान का आलेख समानता के सिद्धांत की धज्जियां आंखें खोलने वाला है भारत की विडंबना ही है कि पंथनिरपेक्षता के छल के नाम पर इमामो को सरकारी भत्ता दिया जाना भी इतने वर्षों से स्वीकार्य है दूसरी तरफ मंदिरों में आने वाले करोड़ों रूपए का चढ़ावा लेकर पुजारियों को मात्र न्यूनतम राशि देने वाले कुछ दक्षिण भारतीय राज्य यह दलील देते हैं कि अगर मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो गया तो हजारों पुजारी की देखभाल कौन करेगा बहुत से मामलों में यह तो भी पाया गया है कि मंदिरों के धन को दूसरे तथा पंत महाजनों के कामों के लिए सड़कों के निर्माण आदि के लिए बिना किसी अनुमति के प्रयोग किया जा रहा है ज्यादा समय नहीं बीता है जब महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी भूमि विक्रय का प्रकरण सामने आया था ©Ek villain #ravishkumar समानता का सिद्धांत हो सुनिश्चित मंदिरों के पैसों से ना हो कार्य
Santosh Verma
पावलाव ई कुत्ता तोहार, ले लियो नोबेल पुरस्कार। एक रशियन ने....एक रशियन ने, दिया एस अनुबंधन का सार , ले लियो नोबेल पुरस्कार।। अनुबंधन क्लासिकल में आया, अनुक्रिया अनुकूलित में आया,, संबद्ध प्रतिवर्त में आया, सम्बन्ध प्रत्यावर्तन में आया,, शास्त्रीय अनुबंधन में...शास्त्रीय अनुबंधन में, नाचे डमरू पे बंदर हमार, ले लियो नोबेल पुरस्कार।। अनुकूलन चिरसम्मत को देखा, अनुबंधन प्रतिवादी देखा,, सीखते मंद बालकों को देखा, देख बिजूका...देख बिजूका , पक्षी गयो भाग पार, ले लियो नोबेल पुरस्कार।। जोड़, घटाना, गुणा भाग सिखाए, स्वच्छता, सफाई आदत अच्छी सिखाए, ज्ञान समय पाबंदी का कराए, बढ़ गयो बड़ों का सम्मान हजार, ले लियो नोबेल पुरस्कार।। पावलाव ई कुत्ता तोहार, ले लियो नोबेल पुरस्कार।। writer(संतोष वर्मा) आजमगढ़ वाले खुद की ज़ुबानी ©Santosh Verma पावलाव का सिद्धांत(मनोविज्ञान) #hills
अद्वैतवेदान्तसमीक्षा
कर्म का सिद्धान्त आंख ने पेड़ पर फल देखा .. लालसा जगी.. आंख तो फल तोड़ नही सकती इसलिए पैर गए पेड़ के पास फल तोड़ने.. पैर तो फल तोड़ नही सकते इसलिए हाथों ने फल तोड़े और मुंह ने फल खाएं और वो फल पेट में गए. अब देखिए जिसने देखा वो गया नही, जो गया उसने तोड़ा नही, जिसने तोड़ा उसने खाया नही, जिसने खाया उसने रक्खा नहीं क्योंकि वो पेट में गया अब जब माली ने देखा तो डंडे पड़े पीठ पर जिसकी कोई गलती नहीं थी । लेकिन जब डंडे पड़े पीठ पर तो आंसू आये आंख में क्योंकि सबसे पहले फल देखा था आंख ने यही है कर्म का सिद्धान्त कर्म का सिद्धान्त
Parasram Arora
किसी भी कविता क़े लिए ईमानदारी कोई बुनियादी शर्त नहीं बन सकती क्योंकि कल्पना मे काव्य बिना पंखो क़े ही उड़ान भरता है अक्सर कविता लिख लेने क़े उपरान्त कवि अपनी कविता की सार्थकता ढूंढ़ने लगता है क्योंकि समझ और तर्क का कविता से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है एक उद्विगन भयाकुल निराश संवेदनशील और घुटन से ओतप्रोत व्यक्तित्व ही सुंदर काव्य रचना मे निपुणता हासिल कर लेता है ©Parasram Arora काव्य का उदगम
Vishw Shanti Sanatan Seva Trust
psychology cal ©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust शिक्षा मनोविज्ञान VEDANT GURUKULAM EDUCATIONAL PSYCHOLOGICAL WORLD 1. मनोविज्ञान के जनक. = अरस्तू 2. मनोविज्ञान के जनक= विलियम जेम्स 3. प्रय
manoj kumar jha"Manu"
अपने जीवन में कुछ नियम(सिद्धान्त) होने ही चाहिए। जिसके जीवन में कुछ शुभ संकल्प या नियम नहीं हैं, वह पशु से भी अधम हैं। - परम पूज्य डोंगरे जी महाराज #सिद्धांत बनाएं
dhalta bachpan
जीवन में आपके सिद्धांत ही,आपकी पहचान है । बुद्ध शरणम् धर्म शरणम संघ शरणम गच्छामि। ©dhalta bachpan #God सिद्धांत