Find the Latest Status about झोळी भरावी कृपा करावी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, झोळी भरावी कृपा करावी.
Pooja Navale
या जगात क्षमा सारखं कोणतंच वरदान नाही मनापासून केलेली क्षमा ही नेहमीच फलदायी ठरते अन नेहमीच मनाला भावते यासाठी चुकीला क्षमा हवीच पण कुणी जाणूनबुजून चूक करत असेल तर त्याला क्षमा कधीच मिळणार नाही क्षमा करावी मनापासून
Shubhangi Sutar
व्हावं मी ही या कलियुगात सावित्रीची लेक अन निघाव साऱ्या या गोरगरिब दीन दलितांची सेवा कराया पर्वा न कशाची करावी सुरवात तर करून पहावी नकोच या घरातल्या रूढी परपरांना बळी पढाया नाही सहन करणार मी तो अन्याय लढेन मी आयुष्यभर आत्मविश्वासान उभ आयुष्य मी जगेन स्वाभिमानान पर्वा न कशाची करावी सुरवात तर करून पहावी व्हावं थोड ध्येयासाठी वेढं अन जगावं आपल्या धुंदीत नको कोणासोबत स्पर्धा नको ते अहंकार आणि इर्षा पर्वा न कशाची करावी सुरवात तर करून पहावी ©Shubhangi Sutar पर्वा न कशाची करावी
Pooja Meena
कान्हा.. जो कुछ भी हु तेरे सहारे ये मालूम है ना जग में कोई हमारे... फिर भी उलझती हु इनमें ही मोहन... कृपा ही सदा तुम किए जा रहे हो.... राधे राधे 🙏 ©Pooja Meena कृपा....
Adv. Anjali Singh
शिव की शक्ति,मीरा की भक्ति,गणेश की सिद्धी , चाणक्य की बुद्धी , शारदा का ज्ञान , कर्ण का दान , राम की मर्यादा, कुबेर की सम्पन्नता भगवान आप सभी को दे सुप्रभात # कृपा#
Bhupendra Singh Solanki
कृपा कॉलेज की तरफ से कुछ बच्चों को वृद्धाश्रम में जाने का मौका मिल रहा था। मुझे भी मिला, मैं सोचता था की ये बुजुर्ग लोग कितने दुःखी रहते होंगे, क्योंकि अपने ही बच्चों के द्वारा उत्पीड़न की वजह से या किसी मजबूरी में ऐसी जगह रहना पड़ता है।जहां अपना कोई नहीं होता है। वो दिन आया जब हमको जाना था, कॉलेज की बस से ही हमें वहा ले जाया गया। क्या गतिविधियां करनी है, ये हमारे टीचर ने पहले ही बता दिया था। हम जैसे बस से नीचे उतरे तो देखा की मुख्य द्वार पर बहुत से ज्ञानवर्धक पंक्तियां लिखी हुई थी। अंदर से आश्रम हराभरा था, हर पेड़ के नीचे कई बुजुर्ग कुछ बच्चो और युवाओं को पढ़ा रहे थे, कई जगह कोई खेल हो रहा था, कई जगह महिलाएं खाना बनाना, कपड़े सिलना, आचार डालना जैसे काम सीख रही थी। सब तरफ चहल पहल थी। हमने भी कई सारे काम किए,खेल खेले,कहानियां सुनी और बहुत मज़े किए। श्याम हो गई थी, अब हमे जाना था। जाते वक्त मेने एक बुजुर्ग महिला से पूछा की आपको कभी अफसोस नही होता की आप घर से दूर हो या आपके पास आपके बच्चे या घर वाले नही है। उन्होंने मेरे सिर पर हाथ रखकर कहा की नही,घर पर मैं अपने बच्चों पर बोझ की तरह थी,अपनी मर्जी से वहा कुछ नही कर सकतीं थी। हमेशा लगता था की जिंदगी कट रही है। यहां लोग अपनी मर्जी से हमसे मिलने आते है, हमारे जैसे कई लोग है, हम यहां खुश रहते है, अपनी मर्जी से जो करना चाहे कर सकते है। मदद के लिए कई लोग है, सुख दुख बाटने के लिए एक बहुत बड़ा परिवार है। मुझे लगता है जैसे मैं जिंदगी जी रही हूं। उस ऊपर वाले की कृपा है, जिसने अच्छे लोग भी बनाए है। वरना इस उम्र में किसी को घर से निकाल देना, कोई इंसानियत नहीं। सारे बुजुर्ग हमे मुख्य द्वार तक विदा करने आए थे,मेरे मानस पटल पर वृद्धाआश्रम का नया चित्र उभर चुका था।अब मैं भी उन अच्छे लोगो की तरह बनना चाहता हूं, जो ऐसे अच्छे काम करते हैं। द्वारा - भूपेन्द्र सिंह सोलंकी (उज्जैन)मध्यप्रदेश ©Bhupendra Singh Solanki #कृपा
काव्यात्मक अंकुर
झोळी दुःखाच्या अकांतावर क्षणिक सुख चिंधी वाटली श्वास घेणे सुद्धा जड झाले इथं नात्यातेच भूक भागली मोजमाप नाही जाहले कधीच गरज तशी नाही लागली कलंकाचे शिंतोडे उडत गेले तेव्हा दुःखाची झोळी फाटली ©अंकुर #काव्यात्मकअंकुर🌱 #झोळी #अंकुर #काव्यात्मकअंकुर🌱 #writeaway #Broken #SAD #Relationship #marathi #Feeling #people
Parinita Raj "Khushboo "
******गुरु के छाव***** जिसके सिर पर गुरु का हाथ होता है जिसके जीवन में गुरु का प्यार होता है वो बड़ा चमत्कारी इंसान होता है जो बिन बोए वृक्ष की तरह फैल जाता है बिन खाद पानी के लहलहाने लग जाता है स्कूल कॉलेज गए बिन ही ज्ञान की बात करने लगता है मेहनत करे थोड़ा भी तो आसमान छू लेता है आंसू दे जमाना तो भी खिलखिलाते रहता है अपना दर्द सह, औरों के दर्द का मरहम बन घूमता है करता थोड़ा ही, पर पूरा पा लेता है कुरुर से मुलायम हो जाता है अंगुलिमाल डाकू से सन्यासी बन जाता है नाम ना ले कोई भी तो बेनाम के ही एक दिन नाम कर जाता है गुरु के छांव में रहने वाला कुछ ऐसा हो जाता है जैसा फिर कोई चाह कर भी नहीं हो पाता है ********"खुशबू कुमारी"****** #गुरु#कृपा