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Govindkumar Banjare

तीजा तिहार की बधाई। #nojotophoto

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 तीजा तिहार की बधाई।

VATSA

#मंज़िल #हिंदी_कविता #yqbaba #yqdidi तीजा ये रास्ता, तीजी ये मंजिलें सफर कटता नहीं, कटते नहीं गिले तूने ही, तो बनाए, माटी के पुतले सभी, ज

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तीजा ये रास्ता, 
तीजी ये मंजिलें
सफर कटता नहीं, 
कटते नहीं गिले

Full poem in Caption 👇 #मंज़िल #हिंदी_कविता #yqbaba #yqdidi 

तीजा ये रास्ता, तीजी ये मंजिलें
सफर कटता नहीं, कटते नहीं गिले

तूने ही, तो बनाए,
माटी के पुतले सभी,
ज

Shree

एक तुम! दूजा.. ये प्रेम तीजा आश्रा ख़ुदा का चौथी नेमतें और दुआएं पांचवीं उम्मीदों का कारवां छठी आहटें, इनायतें और इंतज़ार सातवां आसमान, बादल #a_journey_of_thoughts #lovepoemsarebest

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एक तुम!
दूजा.. ये प्रेम
तीजा आश्रा ख़ुदा का
चौथी नेमतें और दुआएं
पांचवीं उम्मीदों का कारवां
छठी आहटें, इनायतें और इंतज़ार
सातवां आसमान, बादलों का हुजूम
आठों प्रहर का बनकर प्रहरी ये तन-मन
नव निधि कम लगे, कुबेर निर्धन, नव रस कम
दसों दिशाओं में दृष्टि विकल हो खोजें तुम्हें सोचें! एक तुम!
दूजा.. ये प्रेम
तीजा आश्रा ख़ुदा का
चौथी नेमतें और दुआएं
पांचवीं उम्मीदों का कारवां
छठी आहटें, इनायतें और इंतज़ार
सातवां आसमान, बादल

गुमनाम नैना

उफ़्फ़ #तेरे_नैना ने क्या कमाल कर दिया इस पागल दीवाने का बुरा हाल कर दिया तीर ऐसे चलाये तूने नैनो की कटारी से तूने मेरे इस दिल को मालामाल कर द #बाँसुरी #बज़्म #गुमनाम_नैना #तेरे_नैनो

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उफ़्फ़ #तेरे_नैना ने क्या कमाल कर दिया
इस पागल दीवाने का बुरा हाल कर दिया
तीर ऐसे चलाये तूने नैनो की कटारी से
तूने मेरे इस दिल को मालामाल कर द

Manas Subodh

एक वारी मैंने कहा था तेरा हाथ ना छोडूंगा, दूजा वारी कह ही गया राहें तुझसे ना मोड़ूँगा, तीजा वारी कह मैं रहा दिल तेरा नहीं तोडूंगा, चौथा

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एक वारी मैंने कहा था 
तेरा हाथ ना छोडूंगा, 
दूजा वारी कह ही गया 
राहें तुझसे ना मोड़ूँगा, 
तीजा वारी कह मैं रहा 
दिल तेरा नहीं तोडूंगा, 
चौथा लगता दुआ चल गयी 
सर झुका तो हवा चल गयी , 
पांचा कर दिया तूने रौशन 
हर दिन नया चल गयी, 
छठा याद करा वो दिन 
था कुछ नहीं तब मैं तेरे बिन, 
सता दुःख ढक दिया तूने 
तेरी ऐसी अदा चल गयी, 
आठा करू मिन्नत मेरी तुझसे 
रहना बन के मेरा ही यकीं, 
नौवा कर दिया सब तुझपे, 
दसा दिल की जुबां चल गयी.... 

सब बदला काया तुमने 
कुछ लोग हैं अब कहने 
तुम मुझसे हो मेरे 
मुझें तुम तक ही रहने.


manas_subodh एक वारी मैंने कहा था 
तेरा हाथ ना छोडूंगा, 
दूजा वारी कह ही गया 
राहें तुझसे ना मोड़ूँगा, 
तीजा वारी कह मैं रहा 
दिल तेरा नहीं तोडूंगा, 
चौथा

rajkumar

*॥सोलह सुखों के बारे में सुना था तो जानिये क्या हैं वो सोलह सुख॥* 1.*पहला सुख निरोगी काया।* 2.*दूजा सुख घर में हो माया।* 3.*तीजा सुख कु #विचार

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रजनीश "स्वच्छंद"

समास।। मैं सार्थक संक्षिप्त हूँ, एक अर्थ से मैं लिप्त हूँ। मध्य पदों को छोड़ कर, मैं समस्त पद बना। पहले लगा जो पूर्वपद, अंत मे उत्तरपद जना। #Poetry #Quotes #Knowledge #kavita

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समास।।

मैं सार्थक संक्षिप्त हूँ,
एक अर्थ से मैं लिप्त हूँ।
मध्य पदों को छोड़ कर,
मैं समस्त पद बना।
पहले लगा जो पूर्वपद,
अंत मे उत्तरपद जना।
नकचढ़ी या हथकड़ी,
मैं हूँ शब्दों की लड़ी।
एक वाक्य को समा लिया,
किया लघु तेरी घड़ी।
तेरे मुख चढ़ा रहा,
मैं भक्तियों का लोप कर।
कभी बदल दूँ अर्थ तो,
न दुख मना न क्षोभ कर।
भेद मेरे जान ले,
सिमटता हूँ छः प्रकार में।
काव्य गीत लेख कथा,
गूंजता हूँ अलंकार में।
अव्यय जो आगे चल रहा,
अव्ययीभाव मुझको बोलते।
प्रथमपद प्रधान है,
जो वाणी-तुला ले तोलते।
प्रतिदिन, प्रतिपल,
यथाशीघ्र यथाशक्ति हो।
आमरण निर्विकार भी,
अनुरूप यथाभक्ति हो।
प्रधान हुआ जो दूसरा,
मैं तत्पुरुष बन जाता हूँ।
कारकों का लोप कर,
नवशब्द हो तन जाता हूँ।
तुलसीदासकृत धर्मग्रंथ,
राजपुत्र रचनाकार हूँ।
देशभक्ति राजकुमार,
मनुजहित गीतासार हूँ।
कर्मधारय मैं हुआ,
उत्तरपद ही प्रधान है।
विशेष्य संग विशेषण,
उपमेय संग उपमान है।
प्राणप्रिये चंद्रमुखी,
श्यामसुंदर नीलकमल।
अधमरा देहलता,
परमानन्द चरणकमल।
उत्तरपद और पूर्वपद का,
सामंजस्य खास है।
आगे अंक या पीछे अंक,
यही द्विगु समास है।
पंचतंत्र या नवग्रह,
ये त्रिलोक त्रिवेणी है।
चौमासा नवरात्र कहो,
ये पंचप्रमान अठन्नी है।
पद न कोई गौण हो पाए,
दोनों रहें प्रधान ही।
द्वंद्व समास कहायें ये,
रखते दोनों का ध्यान भी।
नर-नारी और पाप-पुण्य,
सुख-दुख ऊपर-नीचे है।
अपना-पराया देश-विदेश,
गुण-दोष आगे-पीछे है।
मैं छीनू परधानी सबकी,
पद मैं तीजा बनाता हूँ।
अपना मतलब रहूँ छुपाये,
बहुब्रीहि कहलाता हूँ।
वीणापाणि और दशानन,
लंबोदर पीताम्बर हूँ।
चक्रधर और गजानन,
मैं घनश्याम श्वेताम्बर हूँ।
मेरी बातों को गांठ बांध लो,
काम तेरे मैं आऊंगा।
ले रहा जो छोटा विराम अभी,
फिर आ मैं भरमाउंगा।

©रजनीश "स्वछंद" समास।।

मैं सार्थक संक्षिप्त हूँ,
एक अर्थ से मैं लिप्त हूँ।
मध्य पदों को छोड़ कर,
मैं समस्त पद बना।
पहले लगा जो पूर्वपद,
अंत मे उत्तरपद जना।

Vibha Katare

सुबह से ही घर मावे की महक से भर जाता था। उस पर फिर मम्मी का मावे और शक्कर का वजन तौलने की ज़द्दोज़हत और पापा का बैठक के दीवान पर इस करवट से उस #hindiwriters #yqdidi #पूर्णिमा #संस्मरण #शरदपूर्णिमा

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 मावा , खीर और बचपन की यादें
'शरद पूर्णिमा"








कृप्या पूरी रचना 
अनुशीर्षक में पढ़े 🙏 सुबह से ही घर मावे की महक से भर जाता था। उस पर फिर मम्मी का मावे और शक्कर का वजन तौलने की ज़द्दोज़हत और पापा का बैठक के दीवान पर इस करवट से उस
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