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New खतौली Quotes, Status, Photo, Video

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आनन्द कुमार त्रिपाठी

जरूरी नहीं है हर बात तर्क के तराजू पे तौली जाए..! #Poetry

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जरूरी नहीं है हर बात तर्क के तराजू पे तौली जाए..!

Haal E Dil { jav }

रद्दी तक तौली जाती है तराज़ू में बिकने से पहले , अगर तुम्हें कोई परख रहा है तो बुरा क्या है ...?

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रद्दी तक तौली जाती है तराज़ू में बिकने से पहले ,

अगर तुम्हें कोई परख रहा है तो बुरा क्या है ...? रद्दी तक तौली जाती है तराज़ू में बिकने से पहले ,

अगर तुम्हें कोई परख रहा है तो बुरा क्या है ...?

Niaz (Harf)

रद्दी तक तौली जाती है तराज़ू में बिकने से पहले, अगर तुम्हें कोई परख रहा है तो बुरा क्या है ? #Niaz Love Life #Shayari nojoto #nojotohindi

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Ravendra

अब गांव में ही मिलेगी कॉमन सर्विस सेंटर की सुविधा  बहराइच। विकासखंड नवाबगंज के ब्लॉक सभागार में विकासखंड के समस्त पंचायत सहायकों का एकदिवसी #न्यूज़

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नितिन कुमार

*तुम स्वर्णिम भविष्य भारत के* तुम स्वर्णिम भविष्य भारत के कोई गलती मत कर देना, वरना उस गलती का तुमको पछतावा करना होगा.. तुम स्वर्णिम भविष #seaside

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*तुम स्वर्णिम भविष्य भारत के*

तुम स्वर्णिम भविष्य भारत के कोई गलती मत कर देना, 
वरना उस गलती का तुमको पछतावा करना होगा.. 
तुम स्वर्णिम भविष्य........   ..... 

तुम कुछ ऐसा काम करो कि आने वाली पीढ़ी सीखे.. 
दे जाना कुछ इस समाज को नये आचरण नये सलीके.. 
वरना आंसू की बूंदों से व्याज तुम्हे भरना होगा.. 
तुम स्वर्णिम भविष्य ... . . 
वरना उस गलती का तुमको पछतावा करना होगा..

हाँ तुझको ही तो मानवता का परचम लहराना है.. 
तुझको ही तो नव पंछी को राम नाम सिखलाना है.. 
गाली सिखलावोगे तो गाली सुनकर रहना होगा..
तुम स्वर्णिम भविष्य ... . . 
वरना उस गलती का तुमको पछतावा करना होगा..

तुम इस नवयुग के प्रवाह का नया वेग हो नयी दिशा हो.... 
तुम गीता उपनिषद तुम्ही हो रामचरित की तुम्ही कथा हो... 
तेरे ही प्रवाह से तो नव पीढ़ी को बहना होगा.. 
तुम स्वर्णिम भविष्य ... . . 
वरना उस गलती का तुमको पछतावा करना होगा..

*सादर समीक्षार्थ*
कवि नितिन मिश्रा निश्छल
रतौली सीतापुर यूपी

©नितिन कुमार *तुम स्वर्णिम भविष्य भारत के*

तुम स्वर्णिम भविष्य भारत के कोई गलती मत कर देना, 
वरना उस गलती का तुमको पछतावा करना होगा.. 
तुम स्वर्णिम भविष

Gaurav Saxena

#justice_for_priyanka_Reddy हाँ , मैं वही हूँ ....! जो घरो में गुडिया सी सजती सवरती हैं, और चौराहों पर सिर्फ नंगी सी दिखती हैं..!!! हाँ #शायरी

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#Justice_for_Priyanka_Reddy

हाँ , मैं  वही  हूँ ....!
जो घरो में गुडिया सी सजती सवरती हैं,
और चौराहों पर सिर्फ नंगी सी दिखती हैं..!!!

हाँ , मैं  वही  हूँ ....!
जो मंदिरो में देवी सी लगती हैं,
और मदिराल्यों में रंडी सी बन जाती हैं.!!!

हाँ , मैं  वही  हूँ ....!
जो खुले आसमानो में ऊँची उड़ती जाती हैं,
और बन्द पिंजरो में सिर्फ तेरी मर्दांगी बन जाती हैं..!!!

हाँ , मैं  वही  हूँ ....!
जो नौ महीने की कोख सजाकर तुमको जन्म देती हैं,
और नौ सालो से पहले ही लाल सुर्ख सी हो जाती हैं..!!!

हाँ.. मैं वही हूँ....!
जो अखबारो में बिकती, संग मोमबात्तियों के जलती हैं,
और न्याय के तराजुओ में लम्हा लम्हा तौली जाती हैं..!!!

हाँ..मैं वही निर्भाया,असिफा और प्रियंका हूँ..!
जो सत्ता के गलियारो में राजनीति की सहेली हैं,
और अस्पतालो में दम तोड़ती अकेली हैं..!!!

!!!गौरव सक्सेना !!! #Justice_for_Priyanka_Reddy

हाँ , मैं  वही  हूँ ....!
जो घरो में गुडिया सी सजती सवरती हैं,
और चौराहों पर सिर्फ नंगी सी दिखती हैं..!!!

हाँ

xyz

"दहर" °°°°°° इस दहर की भागदौड़ में काफ़ी पीछे रह जाती हूँ, खुद को इस मजमे से कुछ अलग थलग मैं पाती हूँ। भरी सभा में कभी मखौल की पात्र बन जाती ह #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #the_tishi #yqcycs #yqcheekycrushers #cycsdahr

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"दहर"
•••••••
इस दहर की भागदौड़ में काफ़ी पीछे रह जाती हूँ,
खुद को इस मजमे से कुछ अलग थलग मैं पाती हूँ।
भरी सभा में कभी मखौल की पात्र बन जाती हूँ,
जब समाज की बुराइयों में मैं शामिल न हो पाती हूँ।

सुनसान पगडंडी पर भी मैं जाने से हमेशा कतराती हूँ,
हो न जाए कहीं रूह शर्मसार ये बात जेहन में लाती हूँ।
मैं डरी सहमी सी घर की चारदीवारी में बस जाती हूँ,
जब अपने निर्मल दामन को मैला होने से बचाती हूँ।

एक लड़की हूँ क्या इसीलिए इतने ज़्यादा कष्ट उठाती हूँ,
जन्म से लेकर मृत्यु तक बस कसौटी पर तौली जाती हूँ।
ख़ुद की मर्ज़ी न होने पर भी दहर के रिवाज़ अपनाती हूँ,
शायद इब्तिला है कि लड़की के रूप में जन्म मैं पाती हूँ। "दहर"
°°°°°°
इस दहर की भागदौड़ में काफ़ी पीछे रह जाती हूँ,
खुद को इस मजमे से कुछ अलग थलग मैं पाती हूँ।
भरी सभा में कभी मखौल की पात्र बन जाती ह

Gaurav Saxena

Exclusively Dedicated to all males of the our society with a request to change the mind set up towards females ..!!! हाँ , मैं वही हूँ .. #शायरी

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Sarita Shreyasi

पत्नी हूँ मैं,यूँ तो स्त्री की उपजाति हूँ, किन्तु जब स्त्री आलोचना की बारी आती है, तो मैं अपनी जाति की प्रतिनिधि बन जाती हूँ, घर बसाने, वंश #wife #yqbaba #yqdidi #commitment #assurance

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पत्नी हूँ मैं,यूँ तो स्त्री की उपजाति हूँ,
किन्तु जब स्त्री आलोचना की बारी आती है,
तो मैं अपनी जाति की प्रतिनिधि बन जाती हूँ,
घर बसाने, वंश बढ़ाने के लिए अपनायी जाती हूँ,
भिन्न-भिन्न मानकों और प्रतीकों से तौली जाती हूँ,
मेरी निष्ठा और समर्पण तभी सिद्ध होते हैं,जब मैं,
अपने माँ-बाप के लिए पूर्णतया परायी हो जाती हूँ,
इसलिए यदि तुम पर अपना अधिकार चाहती हूँ,
तो इसमें आलोचना और नाजायज़ माँग कैसी ?
मैं तुम्हारे लिए ही तो अपना सब पीछे छोड़ आती हूँ।
सिंदूर बिंदी शाखा-पोला,न मंगल-सूत्र ही मेरे नाम का,
चलता नहीं साथ तुम्हारे,कोई भी चिन्ह मेरे सुहाग का,
बच्चे की माँ हूँ, ये तो मेरी फैली काया से ही दिख जाता है,
बच्चे के बाप का नाम तो बस कागज ही में लिखा जाता है।
घर से बाहर,मुझ से दूर,तुम पूरी तरह कुँवारे ही हो,
मैं जहाँ तक चली जाऊँ,ब्याहता हूँ,और तुम्हारी ही हूँ।
इसलिए तुम्हारे प्रेम की अभिव्यक्ति हर बार चाहती हूँ,
वफादारी का आश्वासन तुमसे बार-बार मांगती हूँ। पत्नी हूँ मैं,यूँ तो स्त्री की उपजाति हूँ,
किन्तु जब स्त्री आलोचना की बारी आती है,
तो मैं अपनी जाति की प्रतिनिधि बन जाती हूँ,
घर बसाने, वंश

S. Bhaskar

रात #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqhindi #yqaurat #yqbhaskar सुन्न सन्नाटे विरानों में पिशाची साया रहता है, कभी पैसे कभी में कभी इज् #paidstory

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रात

सुन्न सन्नाटे विरानों में पिशाची साया रहता है,
कभी पैसे कभी में कभी इज्जत भी लूट जाया करता है,
रूप सूक्ष्म पर विकराल काल रहस्य मात्र है,
सुरक्षित कौन नारी जाति या मानव इतिहास है,
तब राजा भोग करते थे अब रंको की बारी है,
सदियों से पिस्ती दो पाटों में बस नारी है,
उनके दशा की ये कैसी गिरती बरसात है,
बस काली रात है काली ये रात है।

दुर्गा अष्टमी में जो देवी थी आज सड़कों पे फेकी थी,
कैसी हीन दृष्टि भक्ति की जब निगाहें फरेबी थी,
रीढ़ तोड़ जुबान छीना नोच लिया ममता का सीना,
घाव किया प्रहार किया हवस ने सुनहरा बचपन छीना,
हर पहर पहरों पर हो जाती है ऐसी विडंबना,
कभी गन्ने कभी बाजरे में दब जाती है उनकी गर्जना,
ये अंज़ाम है या फिर दरींदगी की शुरुआत है,
बस काली रात है काली रात है।

कहीं पैसों पर सिक्का का कारोबार दिखता है,
इज्जत यहां नीलामी में ही बिकता है,
ग़रीबी शौक में तौली गई है भरी महफिलों में,
कहां खौफ है खुदा का इनके दिलों में,
हर रात दुल्हन बनाना बोलो कैसा खलता होगा,
दुसाशन बनके चीर हरण रोज कोई करता होगा,
वो किस से करे शिकायत उसकी यही तो जात है,
बस अंधेरी काली रात है काली रात है। रात
#yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqhindi #yqaurat #yqbhaskar

सुन्न सन्नाटे विरानों में पिशाची साया रहता है,
कभी पैसे कभी में कभी इज्
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