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नशीली कलम
हाँ में लड़की हूँ👧 मुझे पता है मुझे पराये घर🏣 जाना है पर ये देश 🇮🇳तो मेरा अपना और एक आईपीएस💂 बन कर इसकी सेवा करना मेरा सपना है 🇮🇳आईपीएस🇮🇳 #आईपीएस #संघर्ष #निष्ठा #मेरा_भारत
FBAEC
कुंडली में आईपीएस आईएएस का योग आइएएस और आइपीएस के योग प्रतियोगी और उच्च पदों की परीक्षा में सफलता हेतु सर्वप्रथम पूरी तरह से उस परीक्षा में सफल होने के लिए दृढ़ण निश्चयी होना, पराक्रमी और अत्यंत बुद्धिमान होने के साथ-साथ जातक की कुंडली में लग्न, षष्ठ और दशम भाव का बली होना और इनके भावेशों का शक्तिशाली होना अत्यंत आवश्यक है। यह तृतीय भाव, भावेश व कुंडली में उत्तम स्थान पर प्रतिष्ठित होना भी महत्वपूर्ण है। प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने के लिए जातक की जन्म कुंडली में सबसे पहले लग्न का बली व शक्तिशाली होने के साथ-साथ लग्नेश का उत्तम स्थान पर होना अति आवश्यक है। उसके बाद जातक के कर्म के भाव को देखा जाता है जो कि दशम भाव है। इस भाव के आवेश की प्रबलता से जाना जाता है कि जातक का व्यवसाय क्या होगा और वह उसमे कितना सफल होगा। जिन भावों के स्वामी दशम में होते हैं, उन्हें भी पर्याप्त बल मिल जाता है। यदि जातक की जन्म कुंडली में लग्न का स्वामी बलवान होकर दशम भाव में बैठे या दशम भाव में सभी शुभ ग्रह हों और दशम भाव का स्वामी बली होकर अपनी या अपनी मित्र राशि में होकर केंद्र या त्रिकोण में हो तो व्यक्ति दीर्घायु होता है और उसका भाग्य राजा के समान होता है। उसकी रूचि धर्म-कर्म में होती है तथा वह यशी होता है। नभसि शुभखगे वा तत्पतौ केन्द्रकोणे, बलिनि निजगृहोच्चे कर्मगे लग्नपे वा। महित पृथुयशा: स्याद्धर्म कर्म प्रवृत्ति: नृपति सदृशभाग्यं दीर्घामायुश्च तस्य।| सबले कर्मभावेशे स्वोच्चे स्वांशे स्वराशिशे जातस्तातसुखोनादयो यशस्वी शुभकर्मकृत।| दशमेश सबल हो, अपनी राशि, उच्च राशि अथवा अपने ही नवांश में होने पर जातक पिता का सुख पाने वाला तथा यशस्वी एवं शुभ कर्म करने वाला होता है। स्वस्वाभिमाना वीक्षित: संयुतो वा बुधेन वाचस्पतिना प्रदिष्ट:। स एव राशि बलवान् किल स्वाच्छेषैर्यदा दृष्ट युता न चात्र।| जो राशि अपने स्वामी से दृष्ट हो या युक्त हो अथवा बुध व गुरु से दृष्ट हो, वह लग्न राशि निश्चित रूप से बलवान होती है। इसके आलावा स्वस्वामी बुध गुरु के अतिरिक्त अन्य ग्रहों से दृष्ट अथवा युक्त हो तो निर्बल होता है। यदि जन्मकुंडली के लग्न व दशम भाव में सूर्य का प्रभुत्व हो तो जातक राजनेता या राजपत्रित अधिकारी और मंगल का प्रभुत्व हो तो जातक के पुलिस या सेना उच्च पद पर आसीन होने के संकेत मिलते हैं। इन भावों में अन्य अच्छे योग जातक के जीवन में यश कीर्ति व शक्ति और लक्ष्मी की प्राप्ति होने का संकेत देते हैं। बलि लग्नेश तथा शक्तिशाली दशमेश यदि लग्न व दशम भाव में हो तो जातक उच्च पद पर आसीन होता है। गुरु का प्रभाव भी यश एवं कीर्ति तथा शुभ कर्म करने वाले लोगों पर देखा जाता है। अधिकतर उच्च पदों पर कार्यरत जातकों की कुंडली में बुध आदित्य योग जरूर होता है। जातक के उच्च पद पर आसीन होना उसकी जन्म कुंडली के छठे भाव पर भी बहुत हद तक निर्भर करती है। छठे भाव पर भी बृहस्पति की दृष्टि अथवा उपस्थिति होना भी जातक के सफल होने का संकेत देती है। यदि दशम भाव पर छठे भाव और भावेश का प्रभाव अच्छा है तो जातक के शत्रु परास्त होंगे तथा सेवक स्वामीभक्त होंगे। दशम भाव की 6,7,9,12 वें भाव पर अर्गला होती हैं जिनके द्वारा दुश्मन, नौकर वैभव तथा निद्रा प्रभावित होती है। उदाहरण के लिए चाणक्य ने कहा है कि जिस राजा के कर्मचारी वफादार होते हैं, उसे कभी परास्त नहीं किया जा सकता। नई नौकरी की शुरुआत देखने के लिए पंचम भाव की पड़ताल की जाती है। पंचम भाव जातक की योग्यता, शक्ति और सम्मान और राज्य की योग्यता के कारण को दर्शाता है। यह पूर्ण उच्च शिक्षा का भी भाव है। एकादश प्रथम, द्वितीय और अष्टम की दशम भाव पर अर्गला होती है। अत: यह भाव भी महत्वपूर्ण है। पंचम भाव दशम से आठवां होने के कारण कार्य का प्रारम्भ तथा उसकी अवधि को प्रभावित करता है। कुंडली के दशम भाव में कोई भी गृह उत्तम फल देने में स्वतंत्र होता है, लेकिन कुंडली के नवांश और दशमांश कुंडली का भी लग्न कुंडली की भांति सभी तरह के योगों की अच्छी तरह पड़ताल करने पर ही पूर्णतया फल-कथन किया जाना चाहिए। आर्थिक त्रिकोण 2, 6, 10 वें भाव पर निर्भर करता है। अत: इनका प्रभाव अवश्य ही महत्वपूर्ण होता है। ©FBAEC क्या आपकी कुंडली में आईपीएस और आईएएस बनने का योग है
Avneesh Kumar Chauhan
ummed Singh Karauli
"फर्क होता हैं खुदा और फ़कीर में फ़र्क होता है किस्मत और लकीर में अगर कुछ चाहों और ना मिले तों समझ लेना कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में #LostInNature फ़र्क होता है खुदा और फ़कीर में #खुदा#लकीर#खुदा_को_जो_पसंद_है #किस्मत #किस्मत_मेहनत_करने_से_बदलती_है #किस्मत__सबको__मौका__देत
RJ UJJWAL
करिश्मा ताब
if I wrote a book ©करिश्मा ताब एक महिला आईपीएस ऑफिसर जिनकी नई -नई नियुक्ति हुई थी इस शहर में। कुछ ही समय में ये महिला ऑफिसर समाचार पत्रों की सुर्खियों में रहने लगीं। देख
पंकजोम प्रेम
પ્રિય પપ્પા आप के अंदर के बच्चे को बहलाने मैं मेला बनूँ .... हज़ार ख़्वाहिश होगी के वकील , डॉक्टर , आईपीएस टीचर या कोई नेता बनूँ ..... पर इन सब से पहले यही ख़्वाहिश है हर जन्म में पहले मैं आपका बेटा बनूँ ... मैं आपका बेटा बनूँ .... " पापा " नामों में महान नाम है पापा ... मेरी सांस का पहला मुकाम है पापा ... बेशक़ दिन हो शुरू बेचैनी में मेरा , पर मेरे सुकूँ
XEviL
जहां की सरकार ही हो ऐसी वहां क्या ही उम्मीद लगाई जाती है , जहां राजनीति में ही धर्मनिरपेक्षता को आड़े हाथ लिया जाए वहां इंसाफ दिलाने की बात ही क्या कही जाती है , जहां सरकारों की रगों में घूस , खुद्दारी भरी हो , वहां आम आदमी क्या ही उम्मीद लगाए , सब सोचते हैं अपना क्यों ना आम आदमी भूखा ही मर जाए और जहां आम आदमी को भूला दिया जाता है अगर उठाओ उंगली तो दफ्तरों के चक्कर काटते काटते ही आधी उम्र निकाल दी जाती है जहां की सरकारी ही ऐसी हो वहां क्या ही उम्मीद की जाती है जहां आईपीएस ही अपनी पत्नी को बेरहमी से पीटता है , जहां कुछ चंद लड़कियां झूठे रेप केस में फंसाने की धमकी बेधड़क, बेहिचक देकर , कैसे रहे जाती है हर बार सरकारी ही थोड़ी , ना इनसे भी क्या उम्मीद लगाई जाती है। बुरे लड़के ही नहीं लड़कियां भी होती हैं। इज्जत , कदर इत्यादि दोनों तरफ से निभाई जाए तो ही अच्छी मानी जाती है "जब तुम सच्चे हो तो इंसाफ से क्यों डरते हों , हां इंसाफ से नहीं डर समय से लगता है किसी को मिल जाता जल्दी है किसी-किसी को मरने के बाद मिलता है ".... ©~XÊviL__👑 जहां की सरकार ही हो ऐसी वहां क्या ही उम्मीद लगाई जाती है , जहां राजनीति में ही धर्मनिरपेक्षता को आड़े हाथ लिया जाए वहां इंसाफ दिलाने की बात
Vandana
प्रकृति ने मुझे स्त्री बनाया⚘ इसके लिए मैं प्रकृति का धन्यवाद करती हूं🙏 मैं स्त्री हूँ मैं गर्व से कहती हूँ मुझे अपने होने में गर्व है,,,, मैं चंचल शोख हंसी माधुर्य प्रेम दया से परिपूर्ण हूँ,,,, मैं सौंदर्य,मैं