Find the Latest Status about गीताजी के 16 अध्याय from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गीताजी के 16 अध्याय.
teachershailesh
अहिंसा सत्यमक्रोधस्त्यागः शान्तिरपैशुनम्। दया भूतेष्वलोलुप्त्वं मार्दवं ह्रीरचापलम्।। भावार्थ:- मन, वाणी और शरीर किसी प्रकार भी किसी को कष्ट न देना, यथार्थ और प्रिय भाषण, अपना अपकार करने वाले पर भी क्रोध का न होना, कर्मों में कर्तापन के अभिमान का त्याग, अन्त:करण की उपरति अर्थात् चित्त की चञ्चलता का अभाव, किसी की भी निन्दादि न करना, सब भूत प्राणियों में हेतुरहित दमा, इन्द्रियों का विषयों के साथ संयोग होने पर भी उनमें आसक्ति का न होना कोमलता, लोक और शास्त्र से विरुद्भ आचरण में लज्जा और व्यर्थ चेष्टाओं का अभाव।। ©teachershailesh श्रीमद्भागवत गीता अध्याय-16,श्लोक-3.....#supersamvaad#geetagyan
teachershailesh
Shradha Rajput
कविता के तत्व "शब्दार्थों सहितो काव्यम" अर्थात कविता शब्द और अर्थ का उचित मेल है। काव्य के तत्व भाव तत्व: कविता में कवि अपने हृदय के भावों को पाठक श्रोता को रस की स्थति में पहुंचाता है। कल्पना तत्व: कविता को आकर्षक और रोचक बनाने के लिए कल्पना जरूरी है। बुद्धि तत्व: शब्द और अर्थ में सब नव्या तत्व की अपेक्षा रहती है। शैली तत्व: काव्य रचना में सुंदर भाषा शैली की आवश्यकता होती है। काव्य के तत्व अध्याय 3# #CityEvening
Swati kashyap
जीवन जब तक है तब तक अंत नहीं केवल अध्याय बदलते हैं प्रतिदिन सुबह के साथ एक आरंभ रात्रि के साथ एक अंत होता है परंतु इति नहीं.... ©Swati kashyap #अध्याय
राणु जांगिड़...
कुछ साल गुज़र गए बच्चन में, कुछ साल बीत गए जवानी के भी... ये वक्त तो थमने का नाम ही नहीं ले रहा। कब जिंदगी कि सत्रह साल पुरे हो गए पता ही नहीं चला..। जन्म दिवस जिंदगी के अठारहवें अध्याय का प्रारंभ..