Find the Latest Status about जहाँ काम आवे सुई from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जहाँ काम आवे सुई.
Ranjan Kashyap
जरूरतों की कोई कीमत नहीं होती। 55. रहीम का प्रसिद्ध दोहा है- रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजै डारि। जहाँ काम आवे सुई, का करे तरवारि॥ इसे पश्चात जगत (Western) में 'हथौड़े
#suman singh rajpoot
असर कम नहीं तुम्हारा जब से तुम बाँह पर लगी हो कभी सीने में जलन कभी शरीर मे ऎठन शरीर तप रहा धीरे धीरे दिल में कुछ कुछ है सिकन जैसा लग रहा है ये पहली मुहब्बत का है असर ©Suman singh raghuvanshi #सुई
संजय श्रीवास्तव
सुई -धागा ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• अचानक ही तो सब कुछ घटित हुआ था मेरी कमीज का बटन टूटना और , सुई धागा लेकर तुम्हारा गूंथना , बहुत नजदीक थे , तुम शायद दिल के करीब थे! अपलक सा निहारता अनिद्य सौंदर्य कोमल सी अंगुलियों का छुकर निकल जाना , बस वैसे ही जैसे तप्त सूर्य की किरणों के बीच मंद शीतल बयार का गुजर जाना ! धीरे धीरे जब तुम दिल मे उतरते हो , मै महसूस कर लेता हूँ जब एक अहसास बनकर गुजरते हो ! तुम नही तो क्या मैने अपने पास तुम्हारा दिल रखा है , बस वही बटन छू लेता हूँ जिसे तुमने प्रेम के धागे से सिल रखा है ! संजय श्रीवास्तव सुई -धागा
sampankaj 64
धागा सुई में घुसा तो... सुई गुमान कर बैठी , पर जब सुई कपड़े मे घुसी तो... खुद को खो बैठी। धागे ने ही सुई को संभाला फिर क्योंकि... कपड़ा धागे का था।। ©H£àRt HàÇk£R सुई धागा
Rupesh Kumar
अजी मेहबूब कुछ यूं पेश आते है हम से हमारे जैसे सुई से तुरपाई करता है कोई पला.... सुई #HeartBook
Dheeraj009
जीवन में जब कुछ बड़ा मिल जाये तो, छोटे को कभी मत भुलाना, क्योंकि जहाँ सुई का काम है वहां तलवार काम नहीं करती। ©Dheeraj009 जीवन में जब कुछ बड़ा मिल जाये तो, छोटे को कभी मत भुलाना, क्योंकि जहाँ सुई का काम है वहां तलवार काम नहीं करती। #हिंदूसंस्कृति #भारतीय_संस्कृत
anandi
कबीर की भाषा में सरलता एवं सादगी है, उसमें नूतन प्रकाश देने की अद्भुत शक्ति है। उनका साहित्य जन-जीवन को उन्नत बनाने वाला, मानवतावाद का पोषाक, विश्व -बन्धुत्व की भावना जाग्रत करने वाला है। इसी कारण हिन्दी सन्त काव्यधारा में उनका स्थान सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। उनका ये दोहा मुझे बहुत पसंद हैं - " रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय. टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय ". ... ©anandi कबीर दास जी को नमन 🙏🙏🙏🙏🙏रहिमन देख बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि. जहाँ काम आवै सुई, कहा करै तलवार. ...