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Shilpa yadav

भटकते हुए एहसास समेटने के चक्कर में
अक्सर भटकते हैं लोग,चींटी जैसे शक्कर में

©Shilpa yadav #JodhaAkbar #आंगन #स्मृति#स्मृति
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Mishkat Abidi

पिता की स्मृति में

पिता की स्मृति में

42 Views

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fanna,______💔✍️

 स्मृति.....

स्मृति..... #nojotophoto

9 Love

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*#_@_#*

##स्मृतियों के पन्नों से##


वाणी के तीक्ष्ण शरों से जब ये हृदय बिंध हो जाता है 
तुम याद स्वयं आ जाती हो रह -रह कर कर मन अंकुलाता है 

 तुम बिन रोना भी चाहूँ तो मैं किसके अंक शीश रख दूं 
अंतस की विकल उदासी को कैसे स्मित पट से ढक दूं 
मालूम है तुम न आओगी दुनिया की इन दहलीजों पर
लेकिन हर बार हृदय मेरा- पागल सा तुम्हें बुलाता है

मन कभी कभी थक जाता है दुनिया की दुनियादारी से
शीतल सा मन जल उठता है आघातों की चिंगारी से 
जब प्राणों की सारी कविता यूँ ही उदास हो जाती है 
 जब  निर्निमेष बोझिल  आंखों में शून्य क्षितिज भर आता है

तुम को खोया तो है मैंने लेकिन इक अनुभव पाया है 
शाश्वत आखिर क्या है जग में  जाएगा जो भी आया है
मैं शोक  नहीं करती फिर भी यादें हैं😔😔 आ ही जाती हैं
जब यह मासूम हृदय मेरा  दुनिया में ठोकर खाता है

इक अरसा गुजर गया लेकिन सब कल जैसा ही लगता है 
तुम अभी -अभी क्या चली गई हो कुछ ऐसा ही लगता है 
 तुम स्वप्नों में भी मौन सत्य  का इक संबल दे जाती हो 
"स्नेह" तुम्हारे बंधन में मन सुखपूरित दुख पाता है

                     __अभिलाषा पाण्डेय "स्नेह"

©abhilasha pandey #स्मृति#

स्मृति#

8 Love

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Janhavi Patel

"स्मृति "

"स्मृति "

97 Views

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Rahul Saraswat

मैं उसके लिए ,
कोई भार नहीं बनना चाहता था 
इसलिए स्वयं को 
एक स्मृति तक सीमित कर लिया .. स्मृति

स्मृति

0 Love

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VED PRAKASH 73

कोई भी स्त्री बनावटी प्यार से बहुत 
दिनों तक संतुष्ट नहीं रह सकती हर 
व्यक्ति में स्वार्थ का पुट रहता है यह
स्त्री पर है कि वह अपने लिए और 
स्त्री के रूप में अपने लक्ष्य के लिए
मोर्चा ले... -मिलान कुंदेरा 
(1929-2023)

©VED PRAKASH 73
  #स्मृति
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Savita Suman



#स्मृति 
तुम्हारी स्मृति को भूला दूं कैसे
यही तो जीवन का आधार है
सुख दुःख  के हर एक पल को
अश्कों से लिखा मैंने संसार है

©Savita Suman
  #स्मृति
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डाॅ राजेश हालुवासिया

उनके साथ बिताए पलों की यादों के कारवां का वो कारिंदा मैं ही हूॅ।
मेरे ख्वाबों का क्या, उनके ख्वाबों से अपने दिल को  जलाए वो कारिंदा मैं ही हूॅ।
उनकी हसरतों को ताज सा सा सजाए वो कारिंदा मैं ही हूॅ।
उनके लिखे हुए खतों को आज तक अपने जहन में समाए वो कारिंदा मैं ही हूॅ।
वो मिले तो नहो पर उनके मिलने की आश लगाए वो कारिंदा मैं ही हूॅ। स्मृति

स्मृति

0 Love

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Amit Singhal "Aseemit"

बचपन में अंकित हो जाती है,
मानस पटल पर जो स्मृति।
वही जीवन को बना जाती है,
वीभत्स या सुंदर कलाकृति।

©Amit Singhal "Aseemit"
  #स्मृति
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Parasram Arora

जो बीत  चुका  है
वह आज क़े लीए  सुंददर स्मृति है
लेकिन आने  वाला कल
आज क़े किसी हसीन सपने  से कम तो 
बिलकुल नहीं है
कहदो  वर्तमान  से  क़ि वह स्मृति विभोर होकर
अतीत  का  आलिंगन करें
और  प्रेमातुर होकर  भविष्य का

©Parasram Arora स्मृति.....

स्मृति.....

9 Love

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ManKeshwar K.

स्मृति

#LOVEGUITAR

स्मृति #LOVEGUITAR #लव

27 Views

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Maya Dewangan

स्मृति तुम्हारी

स्मृति तुम्हारी #कविता

81 Views

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RAJ KUMAR JAISWAL

संघर्ष क्षणों की याद आएगी॥

यदि दोष है,तो सुधार करेंगे।
यदि घृणा है,तो प्यार करेंगे।
फूल चुन कंटक पेड़ों से,
निज कंठों का हार करेंगे।
     

 जब तक साँस,
      न छूटे आस,
ये जिंदगी जन्मों बाद आएगी॥

संघर्ष क्षणों की याद आएगी॥

अब आज परीक्षा के क्षण में ।
हम हारें न जीवन रण में।
तन होय तरु से तृण भले,
हम डटे रहें अपने प्रण में।
    

कर-कर विश्वास,
    सुखकर मधुमास,
सूखे पत्तों पर मँडराएगी॥

संघर्ष क्षणों की याद आएगी॥

पग उठा सत-पथ में अपने।
चलें, सँग लिये रँगी-सपने।
जाएँ सजाते पड़ाव सारे,
उगाते आनंद पेड़ घने।
  

  पथ ना छोड़ें।
    रथ ना मोड़ें।
तो सिद्धि स्वतः मिल जाएगी।

संघर्ष क्षणों की याद आएगी॥
                                      

                                                                   राज कुमार जायसवाल

                                                                         प्राथमिक शिक्षक
                                                                          केंद्रीय विद्यालय क्र.3,भुवनेश्वर संघर्ष-स्मृति

संघर्ष-स्मृति #poem

3 Love

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Parasram Arora

तिजोड़ी  से हमारा  वार्तालाप टूटे तो

चाद तारों की तरफ  आँख उठे?

हम क्षुद्र  मे  उलझें  है  तो

विराट की  सुध  लगे कैसे?

"उसकी ""सुरति  कैसे  आएगी?

"उसकी"  स्मृति  जगेगी  कैसे...?

©Parasram Arora ,"उसकी "स्मृति......

,"उसकी "स्मृति......

9 Love

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K L MAHOBIA

मधुर स्मृति
कोयल सी बोले मधुर मधुर 
छवि है निराली घटा जैसी !
प्यारी-प्यारी मृगनयी बाला
लहराए है तू सागर जैसी !
मद में आ पड़ा तेरा यौवन 
चपला-सी हो जाती चंचल !
पयोधर तेरे क्या कहने 
छाया उसमें निर्मल आचल !
तू हिले-डुले तो मचला जाए
जाने वो भी कितना पागल !
कलि है तू जिस बगिया की 
होगा उसमें हर दिन सावन !
तेरे नयनो में खो जाता जग
हँसी में तेरे सुमन बरसे !
ओ मतवाली,मधुबाला
तेरी मधुछवि देखन ललचे !! मधुर स्मृति

मधुर स्मृति

4 Love

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Sanjay Sahu

हर पल इंतजार आपका होता हैं,
इस हृदय में निवास आपका होता है।

वो आपका माथे पर प्यार भरा स्पर्श,
एक बार फिर से पाने का मन होता है।

आपकी छाया ही जीवन की अभिलाषा थी,
आपकी सेवा करना ही मेंरी जिज्ञासा थी।

पर किस्मत ने न जाने ये कैसा खेल रचा,
रंग भरे इस जीवन को पल भर में ही बेरंग करा।

✍️ मेरे विचार.......
🙏💐 पूज्यनीय पिताजी की तृतीय                                पुण्य-तिथि पर शत-शत नमन्💐🙏 #पूज्यनीय पिता जी की स्मृति में

#पूज्यनीय पिता जी की स्मृति में #कविता

11 Love

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Ashutosh Dwivedi

पिता जी की स्मृति में....

#Flute

पिता जी की स्मृति में.... #Flute #कविता

37 Views

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Gudiya Gupta (kavyatri).....

मां पापा और भाई....
दुलार प्यार और बचपन
सब इकट्ठे याद आ रहे हैं।
मानो मैं उनसे बहुत दूर जा रही हूं।
मैं आगे बढ़ते जा रही हूं
वह पीछे छूटते जा रहे हैं।
मैं पीछे नहीं जा सकती 
वह आगे नहीं आ सकते। 
आगे बढ़े भी तो रास्ते अलग हो जाएंगे।
मायने मर्यादाएं और कुछ मान्यताएं...
 जो कभी बदल नहीं सकती
धीरे-धीरे सब रिश्ते "  पापा " होते जा रहे हैं
हां..! " पापा"...
मेरे पापा जो अब रहे नहीं ....
स्मृति शेष है।..!!

©Gudiya Gupta (kavyatri).....
  #स्मृति शेष है

18,223 Views

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Shilpa yadav

बंधी थी पट्टियां उजाले की इस कदर
अंधेरा नजर आता नहीं था
कोशिशें थी अथाह सागर सी 
सीमित समय की पाबंदी में
मेरी आवाजें ठिठक सी गईं
मगर स्मृति ही थी क्योंकि ,
कसक बाकी है
वो चेहरा कभी नजर आता नहीं था।

©Shilpa yadav 
  #ourlifestruggle
#स्मृति 
#आवाज
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Shilpa yadav

खण्ड खण्ड का मोल नहीं
व्याकुलता का तोल नहीं
मन्द हुए स्नेह का बोल नहीं

खण्डहर हुए मन का
तनिक तो तिनका सजाओ 
बीत चुका है बहुत कुछ 
जो बचा है अब उसे बचाओ। ।

©Shilpa yadav
  #City #स्मृति #संस्कार
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Poonam

वो धुंधली सी स्मृति तुम्हारी
आज भी शेष है मुझमें कहीं

©Poonam #स्मृति
#धुंधली
#शेष
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लूणसिंह महाबार

#पुलिस स्मृति दिवस

#पुलिस स्मृति दिवस

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लूणसिंह महाबार

#पुलिस स्मृति दिवस

#पुलिस स्मृति दिवस

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Sima Kumari

स्मृति  तुम्हारी  जब भी आती है 
हृदय में वेदना,नयनों में नमी सी छाती है।

कुछ तो है जो-----
तुमसे जुदा हुए 
युगों  बीत गये,
पर,
तुम आस-पास  हो मेरे,
अब भी
यह अह्सास  दिला जाती है।
एक
अनकही अनसुनी दास्ताँ 
परछाई  सी हरपल 
साथ-साथ  चलती है।

©Sima Kumari स्मृति Saumya Sakshi

स्मृति Saumya Sakshi #कविता

16 Love

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Bhaskar Anand

विधा-गद्य (कहानी) शीर्षक: स्मृति
------------------------

...माँ अखबार कहाँ है? नहीं आया क्या? 

ये कहते हुए बिस्तर से उतर के बालकनी की ओर गया! 
थोड़ी सी मशक्कत के बाद गमलों के पीछे छिपा हुआ अखबार मिल गया हालांकि पौंधों को सुबह पानी देने के कारण थोड़ा गीला अवश्य हो गया था!
अखबार पढ़ते हुए देखा कि लेखकों वाले पेज पर कविता के साथ तस्वीर छपी थी, जिसमें जर्जर मकान का अधखुला दरवाजा और अन्दर से झांकती 16 साल की लड़की!
कविता का शीर्षक था 'इंतज़ार' नीचे लेखिका का नाम और ईमेल लिखा था, कविता को पढ़ते हुए मैं 10 साल पीछे अपने अतीत में चला गया! मुझे अच्छी तरह याद है मैंने ही उसके मना करने के बावजूद ये तस्वीर अपने कैमरे से खींची थी!
गर्मी की छुट्टियों में अक्सर नाना के यहाँ जाना होता था, 'मीनू' भी वहीं पास के गाँव में रहती थी! इनका गांव स्कूल जाने के रास्ते में पड़ता था तो अक्सर मुलाकात हो जाती थी!
मीनू 12वीं की छात्रा थी और पढ़ने में अच्छी थी! मेरे नानाजी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य थे और मैं B.Sc II का छात्र! स्कूल में फिजिक्स के लेक्चरर के आकस्मिक निधन के बाद काफी समय से टीचर नहीं था, दुर्गम क्षेत्र होने से आसानी से कोई आने को तैयार भी नहीं होता!
पहाडों में गर्मी की सिर्फ 10 दिन की छुट्टियां होती है, यहाँ पर छुटियां सर्दियों की होती हैं! नानाजी ने मुझे स्कूल में पढ़ाने के लिए राजी कर लिया!
मैं शहर में पढ़ रहा था और उस समय गांव में भेदभाव अपने चरम पर था! मुझे उससे बात करना अच्छा लगता था! स्कूल में पढ़ाई के दौरान में उस पर ज्यादा ध्यान देता, उसमें एक अजीब सा आकर्षण था! मैं था ही खूब घुमक्कड़ कैमरा लेके पहुँच जाता एक पहाड़ी से दूसरी पहाड़ी होते हुए उसके घर भी!
जब भी मैं जाता तो वो कहते...अरे मीनू! मासाब का नाती आया है जाके चार सन्तरे  तोड़ ला मैं भी उसके पीछे-पीछे पेड़ की ओर हो लेता और हमारी खामोश मुलाकात होती, और मैं पेड़ के बहाने फोटो खींचता...
छुटियां खत्म होते-होते हम अच्छे दोस्त बन गए थे...पत्रों का सिलसिला भी चला, वो अच्छे नंबरों से पास भी हो गयी! नानाजी के रिटायरमेन्ट के बाद वो यहीं दिल्ली आकर रहने लगे, इसके बाद गांव जाना खत्म हो गया और पत्रों का सिलसिला भी !
...अचानक इतने साल बाद तस्वीर देख के सारी यादों का चलचित्र सामने आ गया! कविता के नीचे लिखे ईमेल पर कुछ लाइन लिख कर संतरे के पेड़ वाली तस्वीरें डाल दी और ईमेल के उत्तर का इंतज़ार करने लगा! पूरे 10 दिन बाद भी कोई उत्तर नहीं आया तो सोचा जो कहानी 10 साल पहले खत्म हो चुकी थी उसको शायद पूरा करना सम्भव न हो...
11वें दिन आये ईमेल के जबाब और नीचे लिखे मोबाइल नम्बर से मेरी खुशी का ठिकाना न रहा! कांपते हाथों से फोन करने के लिए मोबाइल उठाया और...है...हेलो...मीनू...हाँ मीनू बोल रही हूँ! आप कौन? मैं बोल रहा हूँ 'अबीर'...फिर एक खामोशी छा गयी...
है हैला...कैसी हो? 
ठीक हूँ, आप?? 
जी मैं भी ठीक हूँ! 
....4 साल पहले दिल्ली आ गयी थी! स्टीफ़न कॉलेज में फिजिक्स की लेक्चर हूँ!
चलो अच्छा हुआ तुम्हरा पढ़ना सार्थक हुआ!
...बच्चे?? 
शादी नहीं कि मैंने अभी...
ओह्ह!...
चलो मीनू वीकेंड पर मिलते हैं 'सायबर हब'... ओ..ओके!

....माँ...माँ 'कैमरा' कहाँ है?...धूल खा रहा कैमरा जैसे आज भी से सजीव हो चुका था...

मीनू की अपडेटेड तस्वीर जल्दी ही भेजूँगा, लेकिन ये याद रखना कहानी का सुखद अंत आपकी दुआओं और कमेंट्स पर निर्भर करेगा 🙏

©Bhaskar Anand #स्मृति  Suman Zaniyan

#स्मृति Suman Zaniyan

5 Love

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'मनु' poetry -ek-khayaal

#यादें #स्मृति 

#violin
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Shukla Ji Shyam

मेरी मौत पर मातम मत करना मैंने खुद ये शहादत चाही है।
मैं जीता ही हूं बस मरने के लिये मेरा नाम सिपाही है।।

©Shukla Ji Shyam पुलिस स्मृति दिवस

पुलिस स्मृति दिवस #Thoughts

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