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#maxicandragon

#lovetaj तू जैसे ताजमहल हँसी जैसे खिलते फूल बेमिसाल बेगैरत थी तू पहचानने में कैसे हो गई भूल #Sadharanmanushya

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तू जैसे ताजमहल
हँसी जैसे खिलते फूल 
बेमिसाल बेगैरत थी तू
पहचानने में कैसे हो गई भूल 
#Sadharanmanushya

©#maxicandragon #lovetaj तू जैसे ताजमहल
हँसी जैसे खिलते फूल 
बेमिसाल बेगैरत थी तू
पहचानने में कैसे हो गई भूल 
#Sadharanmanushya

Sunsa Kerapa

हमें हमारी जिंदगी कुछ इस तरह से सिखा गई भूलकर भी ना भुला जाए फिर आज वो याद आ गई

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 हमें हमारी जिंदगी कुछ इस तरह से सिखा गई
 भूलकर भी ना भुला जाए फिर आज वो याद आ गई

KUNDAN KUNJ

भूल - भूल - भूल फूल से हो गई, रफ्ता- रफ्ता अपने रूप में ढल गई। वो कली आज यौवन में बदल गई, भूल - भूल - भूल फूल से हो गई।। मासूमि #नारी #बयां #समाज #प्रयास #नजरिया

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Girl quotes in Hindi    कविता का शीर्षक है -
(नारी का शोषण) 
     Read in caption 👇 #NojotoQuote भूल - भूल - भूल  फूल  से  हो  गई,
रफ्ता- रफ्ता अपने रूप में ढल गई।
वो  कली  आज  यौवन  में बदल गई,
भूल - भूल - भूल  फूल  से  हो  गई।।

मासूमि

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

*हार कर जंग हम ज्ञान लेने लगे ।* *जिंदगी अब तुझे मान देने लगे ।।* *हो गई भूल जो माफ करना मुझे-* *अब न हो तू खफा ध्यान देने लगे* ।। #कविता #selflove

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हार कर जंग हम ज्ञान लेने लगे ।
जिंदगी अब तुझे मान देने लगे ।।
हो गई भूल जो माफ करना मुझे-
अब न हो तू खफा ध्यान देने लगे ।।

           *महेन्द्र सिंह प्रखर*

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR *हार कर जंग हम ज्ञान लेने लगे ।*

*जिंदगी अब तुझे मान देने लगे ।।*

*हो गई भूल जो माफ करना मुझे-*

*अब न हो तू खफा ध्यान देने लगे* ।।

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

हार कर ज़ंग हम ज्ञान देने लगे । ज़िंदगी अब तुझे मान देने लगे ।। हो गई भूल जो माफ़ कर दे मुझे । तू न हो अब खफ़ा ध्यान देने लगे ।। मान का पान है #शायरी

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हार कर ज़ंग हम ज्ञान देने लगे ।
ज़िंदगी अब तुझे मान देने लगे ।।

हो गई भूल जो माफ़ कर दे मुझे ।
तू न हो अब खफ़ा ध्यान देने लगे ।।

मान का पान है जानते हम बड़ा ।
बस यही सोंच सम्मान देने लगे ।।

सुन सफ़र आखिरी अब दुआ कीजिए ।
जान को जान हम जान देने लगे ।।

मिट रही आज हस्ती प्रखर की यहाँ ।
भेंट में यार गुलदान देने लगे ।।

           महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR हार कर ज़ंग हम ज्ञान देने लगे ।
ज़िंदगी अब तुझे मान देने लगे ।।

हो गई भूल जो माफ़ कर दे मुझे ।
तू न हो अब खफ़ा ध्यान देने लगे ।।

मान का पान है

सुसि ग़ाफ़िल

पलट कर तुमने देखा तो नजरें झुक गई , चेहरे हसीं बहुत थे पर तुम पर नजर रूक गई ! अजीब सी झनझनाहट पूरे बदन में उठी, दीवानी एक पल में ही मैं

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पलट कर तुमने देखा तो नजरें झुक गई , 
चेहरे हसीं बहुत थे पर तुम पर नजर रूक गई ! 

अजीब सी झनझनाहट पूरे बदन में उठी, 
दीवानी एक पल में ही मैं हजारों बार हो गई ! 

मैं ना चाहते हुए भी तुम्हारे ख्यालों में खो गई, 
पतझड़ का मौसम था चारों तरफ बसंत हो गई! 

हवा में उड़ते हुए दुपट्टे को भी बगावत हो गई , 
कसकर बांधू तुम्हारे हाथ से और मेले में खो गई! 

तेरी एक झलक में ही अब मैं तो मीरा हो गई, 
भूल गई मैं दुनिया को मैं तो तेरी दुनिया हो गई !  पलट कर तुमने देखा तो नजरें झुक गई , 
चेहरे हसीं बहुत थे पर तुम पर नजर रूक गई ! 

अजीब सी झनझनाहट पूरे बदन में उठी, 
दीवानी एक पल में ही मैं
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