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मोहित "बेख़बर"
कुंद पुष्प देह रंग, भसमी विभूति अंग, जटा में बिराजै गंग, चंद जाके भाल है । गौरा सोहे वाम भाग, कंठ पें है नील दाग, वासुकी गले में नाग,डरो अति विशाल है। करै रोग शोक नास,दास को बधावै आस, मेटैं भव जीव फांस, कठिन जो कराल है। रामे नित जोड़ें हाथ, चरणनि में नावै माथ, भोले भंडारी नाथ, काल हूं के काल है ।। ©Rohit Sharma ##काल के काल "महाकाल"##
Manoj kumar Varshney
अकाल मृत्यु वो मेरे जो काम करें चानडांल के काल उसका क्या करें जो भक्त हो महाकाल बाबा के
कवि मनीष
https://pocketfm.app.link/40RHlEZDc1 काल के कपाल पर बैठा है वो.. #कविमनीष
कवि: अंजान
जब जब धरा पर अंधकार बढ़ता जाएगा तब तब कोई वीर शिवाजी फिर भगवा लहराएगा। ©कवि: अंजान #ShivajiMaharajJayanti #motivate #Life #कविता #वीरगाथा #शायरी
V.k.Viraz
【दुःख】 हमे हमेशा दुःखों का इंतज़ार करना चाहिए नफ़रत के बदले इनसे प्यार करना चाहिए। जीवन का रस इनसे मिल-जुल कर चलने में है हमे मन-भाव से इनका सम्मान करना चाहिए। गुणों को हमारे अक्सर यही उजागर करते है, बेरंग से जीवन में यही तो सुंदर से रंग भरते हैं। दुःखों से अपने हमको न कभी मु चुराना चाहिए ये हमारे अपने है इनसे व्यवहार बढ़ाना चाहिए। कविता-(दुःख) कवि-वि के विराज़
Parasram Arora
आकुलता लिए. भविष्य भोर की पहली किरण की प्रतिक्षा कर रहाहै और अव्यय अतीत गुमनाम कब्रों मे फिर से सांस लेने की कोशिश कर रहा है जबकि आलसी वर्तमान का कीड़ा अपनी मंद गति का पुनर्नमूल्यांकन करने के लिएफिर से साहस बटोर रहा है ©Parasram Arora समय के तीन काल
Sk mandal
कलम के कमाल से कपाल के काल को कैद कर कंप के कटाक्ष के कसला को करतार करे करमा,कर्म कई के कठोर करूँ कायनात को काबू न कोई कमजोर.... कलम के कमाल से कपाल के काल को कैद कर कंप के कटाक्ष के कसला को करतार करे करमा,कर्म कई के कठोर करूँ कायनात को काबू न कोई कमजोर....
SHAYARI BOOKS
“काल के भी काल,वो मेरे महाकाल है” आज वो,अतीत वो,वही त्रिकाल है” वही मृत्यु, वही मोक्ष,वो काल के अकाल हैं” भस्म से सुशोभित,जिनका कपाल है” देख क्रोध जिनका,आता भूचाल है” वहीं "नभ",वही "भू",वो अनंत,वो विकराल है” वही तम ,वही प्रभावो महाज्वाल है” काल के भी काल,वो मेरे महाकाल है!” ©SHAYARI BOOKS “काल के भी काल,वो मेरे महाकाल है” आज वो,अतीत वो,वही त्रिकाल है” वही मृत्यु, वही मोक्ष,वो काल के अकाल हैं” भस्म से सुशोभित,जिनका कपाल है” देख