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swara

वेळेनुसार मानस खरंच बदलतात

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pravahini

बदलता वक्त बदलते लोग

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वक्त की गुहार है
बदल रहा इंसान है
बदलते वक्त की 
यही पहचान है बदलता  वक्त
बदलते लोग

CK JOHNY

बदलता मौसम बदलते लोग

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बदलता मौसम बदलते लोग
इम्युनिटी  कम भावुकता अधिक हो 
तभी व्याप्ता है रोग।
एहतियात बरतें जनाब,
नहीं तो होंगे खराब।  बदलता मौसम बदलते लोग

Kunwar NP Rajput

मौसम बदलते वक्त बदलता #शायरी

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CK JOHNY

बदलता मौसम बदलते लोग

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बदलते मौसम की तरह जिंदगी में आए कुछ लोग 
दिल में ठहरे और चले गए लगा के प्रेम का रोग।  बदलता मौसम बदलते लोग

Mahaveer Kumar

बदलता मौसम-बदलते लोग #कविता

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मौसम गर्मियों से तब, बरसात आ रहा था, 
   हमें क्या पता कि, ज़िन्दगी में कोई खास आ रहा था। 
मुलकात भी कुछ यू हुई थी हमारी
उस दिन पुस्तकालय से वो तो किताबें ले रहे थे,
 शायद तभी हम उसे ये दिल दे गए थे। 

देखते उसे सामने, तो धड़कन बढ़ जाती।
 गर न देखते उसे तो आफ़त आ जाती। 
चीजें मेरे साथ ये रोज हो रही थी, मुझको भी लगा वो यहि सोच रही थी। 
सेल्फ़ी के बहाने हम उसकी तस्वीर ले रहे थे, 
साथ जिसमें अपने कमीने यार दे रहे थे। 

मौसम बरसात से सर्दियाँ आ गयी थी,
और साथ में हमारे वो तस्वीर आ गयी थी। 
कहा था यारों ने भाई अब तो इज़हार कर, हमने कहा मेरे यार थोडा़ और  इंतज़ार कर। 
दौरान इस सबर के होली भी आया,
 मैंने ही उस पर पहला रंग लगाया। 

मौसम सर्दियों का गर्मियों में बढ़ रहा था,
साथ में मेरा इंतज़ार बढ़ रहा था। 
लगा था हमें कुछ ऐसा, कि जाकर अब इज़हार करू, 
आसान सोचकर निकला था जिस बात को, 
पर कर नहीं पाया मैं इज़हार उस बात को। 

दिन भी निकला शाम भी निकला इस बात को सोचने में, 
हमारे डर ने भी  कोई कमी न छोडी हमें रोकने में। 
अब तो पेडों पर काफल भी पक चुके थे, 
शायद वो भी हमारी हरकतों से  पक चुके थे। 

मौसम गर्मियों से फिर बरसात आ गया था, 
तब भी मैं उसे इज़हार न कर   पाया था। 
निकला एक दिन साहस करके अब तो मैं इज़हार करूँगा, 
सोच रहा था दिल में उससे अपने दिल की बात करूँगा। 

और कहा भी था मैंने उसे बात सुनने को, 
वो तनिक भी न रुकी हमें सुनने को। 
फिर आयी एक ऐसी मनहूस शाम,
 जब हुआ मेरे इश्क़ का कत्ले-आम। 

बेताब थे हम तो उसकी हा सुनने को, 
वो कह गई मिलता रहेगा तुम्हें ना  सुनने को। 
सपने मेरे उस दिन चकनाचूर हो गये, 
अंदर ही अंदर हम खूब रो गये। 

मौसम बरसात से फिर सर्दियाँ हो गयी थी, 
जगाकर हमें रातों वो सुकून से  सो रही थी। 
एकतरफा मेरा प्यार मुझे कुछ यूँ कह गया, 
देने वाला वो यादें तो दे गया। बदलता मौसम-बदलते लोग
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