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Devesh Roy
आपके घर जो दिये जलते हैं, उन दियों से कई घर चलते हैं। दीवाली रोशनी का त्योहार है शोर शराबों का नहीं.... सब के साथ मिल के दीवाली मनाएं और चीनी सामानों की जगह दीप जलाएं। Happy Diwali ❤❤ #yqbaba #
VATSA
घर के सामानों की फ़ेहरिस्त बढ़ा के चल दिए वो मेरी आख़िरी दरखास्त भी ठुकरा के चल दिए कई रातें जाग कर जो हमने सपने साथ देखे थे उसी बात पर वो कल रात मुस्कुरा के चल दिए #घर #dsvatsa #vatsa #yqbaba #yqdidi #hindishayari घर के सामानों की फ़ेहरिस्त बढ़ा के चल दिए वो मेरी आख़िरी दरखास्त भी ठुकरा के चल दिए कई
Ravikant Raut
यादें बिखरा सही, पर यूं ही रहने दो घर अपना यादें दुबकी रहती हैं जहाँ पुराने सामानों की आड़ में चमचमाते घर की चाह में पहले भी कई रिश्तों
Asha Giri
मैं भी सफल entrepreneur...😍😄 कुछ दिनों से पतिदेव से demand कर रही हूँ कि मुझे एक personal laptop दिलवा दे। मैं एक अच्छी लेखिका हूँ, और deserve करती हूँ laptop रखने पास।
Nirbhay Mishra AAP
मा0 पीएम मोदी जी का राष्ट्र सन्देश ----------------------------------- 🙏नमस्कार🙏 1* जब तक बहुत जरूरी न हो घर से बाहर न निकलें। 2* अपने व्यापार व आफिस के अधिकांश कार्य घर से करें। 3* भीड़-भाड़ से दूर रहें। 4* घर से 60-65 साल से अधिक आयु के लोग घर से न निकलें। 5* 22 मार्च को सुबह 7 से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू। 6* प्रति दिन 10 लोगों को फोन से जागरूक करें। 7* जनता कर्फ्यू 22 मार्च रविवार को शाम 5 बजे अपने दरवाजे या बालकनी से सेवा में लगे लोगों को अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें। 8* जब तक अनिवार्य न हो अस्पताल पर दबाव न बनाएं, रूटीन चेक अप के बजाय अपने परिचित या रिश्तेदारी के डॉक्टर से फोन पर सलाह लें व आपरेशन की निर्धारित डेट आगे बढ़ाएं। 9* COVID-19 टास्क फोर्स का गठन। 10* वेतन न काटें। 11* अति आवश्यक सामानों की आपूर्ति सामान्य रहेगी अतएव इनका अनावश्यक संग्रह न करें बल्कि जितना जरूरी हो उतना ही खरीदें। निर्भय मा0 पीएम मोदी जी का राष्ट्र सन्देश ----------------------------------- 🙏नमस्कार🙏 1* जब तक बहुत जरूरी न हो घर से बाहर न निकलें। 2* अ
Trivedi Abhishek
I support 🙏 Plz everyone co-operate 🙏🙏 मा0 प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी का राष्ट्र के नाम सन्देश। -----------------------------------
भाग्य श्री बैरागी
"इश्तिहार" हाॅं विज्ञापन माने इश्तिहार ज़रूरी है। अनुशीर्षक में देखें इश्तिहार हाॅं इश्तिहार ज़रूरी है, जब तक पूरे देश को बेचा ना जाए, जब तक राजनीति को बिकाऊ ना लिखा जाए। कभी-कभी इश्तिहार देखना मजबूरी है, और
Shankarsingh rajput
अपनी कलम से
बापू ने एक सपना था बुना, बिटिया की ब्याह कुछ इस कदर करवानी है, देखते रह जाएं लोग सारे, ऐसी हीं ब्याह रचानी है। मुंशी जी तैयार थे इंतजार में, कि कब वो आएगा, जमीन पर नजर जो टिकी थी उनकी, आखिर कैसे वो हमें लिख जाएगा। कोई रास्ता न था बापू के पास, आखिर मुंशी के पास जाना हीं पड़ा, धीरज बांधे, सहमे हुए बापू को, आखिर में जमीन लिखकर आना हीं पड़ा। चल बेटा, अब तुझे परेशान होने की कोई जरूरत नहीं, ब्याह का सारा खर्च मैं उठाऊंगा, आखिर परी बिटिया मेरी भी तो बिटिया हीं है, उसकी बिदाई अच्छे से कराऊंगा। मुंशी के बोलते हीं, रोम -रोम सिहर उठा था बापू का, सोचा कैसा निर्लज्ज है, अब परी को अपनी बिटिया भी कहने लगा, बापू कुछ बोल नहीं पाया, सिर हिलाकर घर को चला आया। अब मानों सुरु होने लगीं थीं तैयारी ब्याह की, मुंशी की जो मेहरबानी थी, न्योता भेजवाने लगें थे बापू अब, सारे कामों को अच्छे से निभानी थी। गांव के पंच को बुलाया गया, सामानों की सूची जो तैयार करवानी थी, सजावट में न रखनी थी कोई कमी, बारातियों का स्वागत भी अच्छे से करानी थी। सारे सूची हो गए थे तैयार, मुंशी जी कमर कस हो गए थे तैयार। शहनाई वालों को बुलवाया, तंबू वालों को बुलवाया, किराया क्या था इनलोगों का, कहीं से था पता करवाया। घर के सजावट को लेकर, था पड़ोस से कुछ सजानेवाले आदमी को बुलवाया, था क्या? आखिर में सबको भाड़े पर ब्याह के खातिर था बुलवाया। समान की खरीददारी भी सुरु सी हो गई, अब लग रहा था मानों ब्याह की तैयारी भी शुरू सी हो गई। मेहमानों का आना भी शुरू हो चला, मानों घर में रौनक सा अब छानें लगा। ब्याह के गीत भी घर में थें गूंजने लगें, बुजुर्गो का आना -जाना भी अब लगने लगा। सबकी जान जो बसती थी परी बिटिया में, ब्याह के बहाने हीं सही, फिर से घर परी बिटिया का मुस्कुराने लगा। मेहमानों के भी क्या दिन हुआ करतें थे, न कोई खबर, न हीं कोई फिकर, जिस समारोह में जाया करते थें, उसी में रहते थे बेखबर। बुजुर्गों से मिलना -जुलना, सबकी हाल -खबर लेते रहना, खेत -खलिहान घूमना, साथ हीं हर काम में हाथ बटाना, इनका यहीं सारा काम होता था, पहर -दो -पहर। फिर क्या..... ©dashing raaz भाग -१४ बापू ने एक सपना था बुना, बिटिया की ब्याह कुछ इस कदर करवानी है, देखते रह जाएं लोग सारे, ऐसी हीं ब्याह रचानी है। मुंशी जी तैयार थे इं
अब्र The Imperfect
मैं चला आया हूं तेरी महफ़िल में दीवानों की तरह यूं ही बैठा रहूंगा किसी कोने में अनजानों की तरह एक तू ही रायगां बेसबब हिज़्र में तेरा वहम है वो श़मा भी जलती है देख परवानो की तरह। जीने को फ़रेब कर मगर दाल में नमक जैसा तुझे भी रहना है इस बस्ती में इंसानों की तरह ज़ब्ते ए ग़म से निज़ात को ज़रा नादां हो जा आ बैठ सजदे में कर तौबा पशे़मानों की तरह तू समझता है तेरे अश़्कों से वो संग पिघल जाएगा बरसता है अब जिसके लिए तू आसमानों की तरह दो घड़ी मां की गोद में सर रख सुक़ून से सो जा पगले भटक रहा है न जाने कब से परेशानों की तरह अब तख्त से लड़ना कोई अक्लमंदी तो नहीं है मदहोश पड़े रहो यही कहीं बेज़ुबानों की तरह ...........Continued in Caption. ©MiShRaपन By अब्र #MereKhayaal #Nojoto #nojotonews #nojotohindi #NojotoFilms #hindi #life #Life_experience