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laltesh shan

पंचशील    
1.पाणातिपाता वेरमणि सिक्खापदं समादियामी .
2.अदिन्नादाना वेरमणी सिक्खापदं समादियामी.
3.कामेसुमिच्छाचारा वेरमणि सिक्खापदं समादियामी.
4.मुसावादा वेरमणि सिक्खापदं समादियामी.
5.सुरामेरयमज्ज पमादट्ठाणा वेरमणि सिक्खापदं समादियामी.
                          
पंचशील सिद्धांत  हिन्‍दी अनुवाद
1. प्राणीमात्र की हिंसा से विरत रहना. 
2. चोरी करने या जो दिया नहीं गया है उससे विरत रहना. 
3. लैंगिक दुराचार या व्‍यभिचार से विरत रहना. 
4. असत्‍य बोलने से विरत रहना. 
5. मादक पदार्थों से विरत रहना.
||साधू||साधू||साधू||

©laltesh shan #पंचशील

गीता गुप्ता 'मन'

वर्ष छंद वर्णिक छंद-9 वर्ण मात्राभार-222221121 #छंदज्ञान #मन_इक_एहसास #nojotophoto

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 वर्ष छंद
वर्णिक छंद-9 वर्ण
मात्राभार-222221121

#छंदज्ञान
#मन_इक_एहसास

Bijender Ranga

मध्यम वर्ग

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Subodh Kumar

मध्यम वर्ग #विचार

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मध्यमवर्गीय लड़कियाँ

हमारे यहाँ लड़कियाँ ,
प्रेम कहाँ करती है?
वो कर बैठती है गुनाह।

एक ऐसा गुनाह जो हर 
चलते-फिरते,उठते-बैठते को,
धंस जाता है बनके फांस,
चुभता-खटकता है आंखों में,
 बन कांच  की  किरकिरी।

आस-पड़ौस,गली-मोहल्ले,
रिश्तेदारी की ब्रेकिंग न्यूज़।

चिपका आतीं है अपने कान,
उनके घर की दीवारों पर,
आस पास की महिलाएं ।

हरेक घर,बन जाता है कोर्ट,
और हर घर का प्रत्येक सदस्य,
बन बैठता है कुशल वकील।

हर रोज, परोसे जाते है,
खाने के टेबल पर अचार के ,
साथ साथ, उन लड़कियों के,
चटपटे    कहानी किस्से।

रोज होती है सबके घर,
 "डिनर पे चर्चा" उनकी।

उन लड़कियों के घर का प्रत्येक सदस्य,
किया जाता है खड़ा बारी बारी ,
से             कटघरे            में।

लगाए जाते है तमाम संगीन इल्जाम उन पर 
तथाकथित वकीलों द्वारा,
साबित किए जाते हैं कारक,
लालनपालन में खोट,
अत्यधिक छूट का परिणाम,
  पैतृक            कुसंस्कार।

उधेड़ा और खंगाला जाता है,
इन कुशल वकीलों द्वारा,
लड़की के घर का,
संदेहास्पद     इतिहास ।

गुजरते है उनके अभिवावक गली-कूचों से नजरें झुकाये-चुराए कि जैसे हों कोई चोर,मुजरिम।

मारता है छोटा-बड़ा हर कोई,
पत्थर,व्यंग और तानों के,
खींच खींच के,कि हों जैसे,
पत्थरबाज  कश्मीर  के।           

ठीक सेना कि भांति,
 बच-बच निकलते है ऐसी ,
लड़कियों के अन्य भाई-बहन।

करीबी रिश्तेदार बन जाते है जज और सुना डालते है तालिबानी फरमान कि"होती गर जो उनकी बेटी तो घोंट देते  गला ,अपने इन  हाथों से।"

इसलिये तो ज्यादार 
लड़कियाँ       हार ,
कर लेती हैं स्वीकार,
अपना        अपराध ,
और करती है  प्रायश्चित।

झोंक देती हैं अपनी शिक्षा,
ज्ञान,विज्ञान,कैरियर,
थोपे गए अपराध बोध को, 
मिथ्या आदर्शवाद के चूल्हे में।

लगा अपना भविष्य दाव पर,
कर लेती है ब्याह,अनजाने,
अनदेखे,बिना जांचे,
योग्यता   युवक की।

खेल जाती है जुआ खुद ही खुद,
के साथ समाज  के 
इस  ढोंगी  चौसर    पर।

साबित करती है खरा 
खुद               को,
समाज की कसौटी  पर,
कहलाने के लिये आदर्श
संस्कारी पुत्री ।

सचमुच लड़कियां हमारे,
यहाँ प्रेम कहाँ करती है ,
वो करती हैं गुनाह। मध्यम वर्ग

अर्पिता

#जाति वर्ग #Society

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AD Kiran

मैं सामंती का शिकार होकर.... #philosophy #विचार

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मैं  सामंती का शिकार होकर
    उसका हर जुल्म को 
बड़े ही करीब से देखा है!
   उसके हर शिकार को
उसके जुल्म से निजात मिले
               इसलिए, 
"आदर्श जीवन निर्माण सिद्धांत"
           मैने लिखा है!!
जिसका प्रयोग करके मैं 
अनेकों को प्रेम का पाठ पढ़ऊंगा!
    कलह भरी जिंदगी से सदा के लिए 
       निजात दिलाऊंगा !!
जिसे आने वाले पीढ़ी भी अपनाएंगे !
अशोकवाद के राह पर चलकर 
अपने समाज को आदर्श बनाएंगे!!
           हाँ ,यह भी सच है कि-
  मैं श्रृंगार रस पर भी लिखता हूँ !
     क्योंकि,मैं अंदर से अपने आप को 
    हर उम्र में युवा रखना चाहता हूँ !!

©Ashok Deewana मैं सामंती का शिकार होकर....

#philosophy
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