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Ravindra Singh
फॉरेन एक्सचेंज क्या होता है What is Foreign Exchange in Hindi http://yehaiindia.in/what-is-foreign-exchange-in-hindi/
Rashmi Hule
महिनाभरापूर्वी आलेल्या नवीन शेजार्यांनी बंद दरवाजावर बाहेर बोर्ड लावला... "Do not ditrb" ...❌ मी दार वाजवले आणी बोललो स्पेलिंग चुकलंय... "Disturb" चे.🙄🙄 त्यांनी शेकहँड केला.म्हणाले "थँक्यू" आम्ही होम क्वारंटाईन आहोत म्हणून बोर्ड लावला आहे. 😢😢 एक महिना पहले नये आये हुये पडोसी ने दरवाजे पर बोर्ड लगाया था. मैने दरवाजा खटखटाया और कहा disturb का स्पेलिंग गलत लिखा है. उसने हाथ मिला के
Shayaraa
#OpenPoetry भावभीनी श्रद्धांजलि सुषमा स्वराज का निधन read caption भावभीनी श्रद्धांजलि सुषमा स्वराज का निधन ************************* कैसे तुम्हें सुनाऊँ? बिलख रहा है हृदय हमारा, मैं रोऊँ या गाऊँ? फॉरेन में
Mayank Sharma
तब कि मैं ये बात सुनाऊँ A B C D सीखने के ज़ज्बात बताऊँ छोटे छोटे बच्चे हम, बड़े दिल से सीखते थे बात तब कि है जब हम पेन्सिल से लिखते थे.. पूरी कविता नीचे नासमझी से भरे पड़े खेल खेल में लड़ पड़े बचपन में सब होते बच्चे दिल से सच्चे, अकल के कच्चे तब कि मैं ये बात सुनाऊँ
Kulbhushan Arora
सुधा दी, ये सबने अपने अपने पापा को पत्र लिख कर भावुक कर दिया, आपको तो पता है जब में अतिभावुक होता हूं, आपकी गोद में सर रख कर, सुधा दी खो जाता हूं... अन्तर्मन लोक आदरणीय सुधा दी, मन तो सुधी कर के बोलने को था, सबके सामने कहना अच्छा नहीं ना। लो शाम की डाक में आपके नालायक भैया की चिट्ठी आई है। कमाल हो ना
Vishal Vaid
बंसी सब सुर त्यागे है, एक ही सुर में बाजे है हाल न पूछो मोहन का, सब कुछ राधे राधे है ज़ुबैर अली ताबिश ये हवा कैसे उड़ा ले गई आँचल मेरा यूँ सताने की तो आदत मिरे घनश्याम की थी परवीन शाकिर जिस की हर शाख़ पे राधाएँ मचलती होंगी देखना कृष्ण उसी पेड़ के नीचे होंगे बेकल उत्साही कहे जाती है ऊधौ से ये रो रो कर के हर गोपी बता अब कब सताएँगे मुझे मिरे किशन आख़िर अदनान हामिद रौशनी ऐसी अजब थी रंग-भूमी की 'नसीम' हो गए किरदार मुदग़म कृष्ण भी राधा लगा इफ्तिखार नसीम न किसी गीत से रग़बत न शग़फ़ नग़्मों से सिर्फ़ मीरा के भजन सुनता है कान्हा दिल का लकी फारूकी हसरत कल GITANJALI ने एक बेहतरीन लेख पोस्ट किया था, उसको पढ़ते हुए मन में कई विचार आए, कई शेर याद आएं । तो सोचा आज कुछ सांझा करता हूं आप सब से।
Arsh
बुधुआ गँवई माहौल से आती एक कहानी (वार्तालाप) 7वीं में फेल हो जाने के बाद उसने, किताबों को तिलांजलि दे दी और छोटी सी हीं सही, पर अपनी गृहस्थी की गाड़ी को खींच सकने लायक चाय की एक टपरी खोल
Shree
समय और लोग कितना जरूरी होता है समय पर कुछ पाना? क्या सच में हर चीज का एक सही समय होता है? समय से मतलब उम्र का क्यों लगा लिया जाता है? क्या किसी चीज को
sandy
नवरा शोधताना... शहराच्या मध्यवर्ती भागात फक्त मुलींसाठीचे एक हॉस्टेल. कोणी शिकणाऱ्या, कोणी नोकरी करणाऱ्या होत्या. बहुतेकजणी अविवाहितच होत्