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साहू Dwarika

#OpenPoetry 
महुआ के पतरी म, पसहर के भात।
मिंझर के चुरहि, भाजी के छै जात।।
भंइस के दही संग, पाबोन परसाद।
दाई पोता मार के, दिही आसिरबाद।।
महतारी मन लइका खातिर, करे हे उपास।
जुग जुग जिए मोर लइका, अइसे हे बिस्वास।।
महतारी मन के सदा, सजे रहय सिंगार।
जम्मो झन बर सुग्घर हो, कमरछठ के तिहार।।

आपका साथी......डीपी साहू हैप्पी हल षष्टि।

हैप्पी हल षष्टि। #OpenPoetry

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Amit Singhal "Aseemit"

#इष्टि
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Life4fun Lifefune

वृथा वृष्टिः  समुद्रेषु वृथा तृप्तेषु भोजनम्  |
वृथा दाने धनाधनाढ्येषु वृथा दीपो दिवाSपि  च  ||

वृथा वृष्टिः  समुद्रेषु वृथा तृप्तेषु भोजनम्  | वृथा दाने धनाधनाढ्येषु वृथा दीपो दिवाSपि  च  || #Talk

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Divyanshu Pathak

"व्याकरण"
क्रमशः 02
प्राचीन ग्रंथों में 15 पूर्वपाणिनि
आचार्यों के बारे में जो थोड़ी बहुत
जानकारी है संक्षिप्त में आपको बताता हूं !
1.शिव (महेश्वर)---महाभारत में शिव को वेदांगों का प्रवर्तक कहा गया है ।
महाभारत में ही शिव को सांख्ययोग का प्रवर्तक बताया है!
गीत और वाद्य का तत्वज्ञ शिल्पीयों में श्रेष्ठ बताया गया है !
समस्त शिल्प विद्या का प्रवर्तक शिव को ही कहा है !
शिव ने ही 14 माहेश्वर सूत्रों की रचना की 
जिन्हें (अ इ उ ण आदि ) के रूप में पहचाना जाता है !
शिव के व्याकरण को "ईशान व्याकरण" कहा जाता है !
2. बृहस्पति, 3, इंद्र दोनों का वर्णन पिछली पोस्ट में हमने बताया है !
4. वायु---तैत्तिरीय संहिता में उल्लेख है कि
इंद्र ने व्याकरण की रचना में
आचार्य वायु का सहयोग लिया था !
5. भारद्वाज---भारद्वाज बृहस्पति के पुत्र हैं
 ऋकतन्त्र (1-4) के अनुसार
भारद्वाज ने इंद्र से व्याकरण सीखा ! 😂😃🍓#पंछी🍓#पाठक😰😁🍓😭😂#व्याकरण🍹🎂😙#वैदिक शिक्षा😄😀😁#भारत दर्शन😭😃😂😙
6.भागुरि--- बृहत्संहिता (47-2) के अनुसार भागुरि ब्रह्दगर्ग के शिष्य थे ।
इनके

😂😃🍓पंछी🍓पाठक😰😁🍓😭😂व्याकरण🍹🎂😙वैदिक शिक्षा😄😀😁भारत दर्शन😭😃😂😙 6.भागुरि--- बृहत्संहिता (47-2) के अनुसार भागुरि ब्रह्दगर्ग के शिष्य थे । इनके

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@nil J@in R@J

भोले की कृपा पाने के लिए

शिव को प्रसन्न करने के लिए ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जप करने के साथ आप डमरू बजाएं। यदि जप के समय आपके साथ में और भी कोई है तो मंत्र के जप के साथ-साथ ‘बम बम भोले, बम बम भोले’ का भी उच्चारण करते रहे। इससे भोले की कृपा मिलेगी। #NojotoQuote -

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥[1]
यह त्रयम्बक "त्रिनेत्रों वाला", रुद्र का वि

- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥[1] यह त्रयम्बक "त्रिनेत्रों वाला", रुद्र का वि

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Vikas Sharma Shivaaya'

हिन्दू धर्म में गणेश जी सर्वोपरि स्थान रखते हैं। गणेश जी, शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। उनका वाहन मूषक है। गणों के स्वामी होने के कारण उनका एक नाम गणपति भी है। सभी देवताओं में इनकी पूजा-अर्चना सर्वप्रथम की जाती है। श्री गणेश जी विघ्न विनायक हैं। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मध्याह्न के समय गणेश जी का जन्म हुआ था। भगवान गणेश का स्वरूप अत्यन्त ही मनोहर एवं मंगलदायक है। वे एकदन्त और चतुर्बाहु हैं। अपने चारों हाथों में वे क्रमश: पाश, अंकुश, मोदकपात्र तथा वरमुद्रा धारण करते हैं। वे रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीतवस्त्रधारी हैं। वे रक्त चन्दन धारण करते हैं तथा उन्हें रक्तवर्ण के पुष्प विशेष प्रिय हैं। वे अपने उपासकों पर शीघ्र प्रसन्न होकर उनकी समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं।

ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं। हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं। गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रो के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले पूज्य है। इसलिए इन्हें आदिपूज्य भी कहते है। गणेश कि उपसना करने वाला सम्प्रदाय गाणपतेय कहलाते है।

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 301 से 311 नाम 
301 युगावर्तः सतयुग आदि युगों का आवर्तन करने वाले हैं
302 नैकमायः अनेकों मायाओं को धारण करने वाले हैं
303 महाशनः कल्पांत में संसार रुपी अशन (भोजन) को ग्रसने वाले
304 अदृश्यः समस्त ज्ञानेन्द्रियों के अविषय हैं
305 व्यक्तरूपः स्थूल रूप से जिनका स्वरुप व्यक्त है
306 सहस्रजित् युद्ध में सहस्रों देवशत्रुओं को जीतने वाले
307 अनन्तजित् अचिन्त्य शक्ति से समस्त भूतों को जीतने वाले
308 इष्टः यज्ञ द्वारा पूजे जाने वाले
309 विशिष्टः अन्तर्यामी
310 शिष्टेष्टः विद्वानों के ईष्ट
311 शिखण्डी शिखण्ड (मयूरपिच्छ) जिनका शिरोभूषण है

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' हिन्दू धर्म में गणेश जी सर्वोपरि स्थान रखते हैं। गणेश जी, शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। उनका वाहन मूषक है। गणों के स्वामी होने के कारण उनका

हिन्दू धर्म में गणेश जी सर्वोपरि स्थान रखते हैं। गणेश जी, शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। उनका वाहन मूषक है। गणों के स्वामी होने के कारण उनका #समाज

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Sonu Goyal

नवरात्रि स्पेशल👁️❣️👁️
माँ नवदुर्गा के नौ रूप👇

नौ दिन के नौ रूप तुम्हारे
नौ रात जले माँ दीप तुम्हारे द्वारे
भक्त और भक्ति का करो उद्धार
हम आ

नवरात्रि स्पेशल👁️❣️👁️ माँ नवदुर्गा के नौ रूप👇 नौ दिन के नौ रूप तुम्हारे नौ रात जले माँ दीप तुम्हारे द्वारे भक्त और भक्ति का करो उद्धार हम आ #Society #Blessed #Naari #navaratri #jaymatadi

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Naresh Chandra

शून्य की खोज 
इतिहास जाने
कृपया कैप्शन मे जरूर पढ़ें
🙏धन्यवाद🙏

©Naresh Chandra आर्य भट्ट ने शून्य की खोज की तो 
रामायण में रावण के दस सर की गणना कैसे की गयी?
रावण के दस सिर कैसे हो सकते हैं,जबकि शून्य की खोज आर्यभट्ट ने

आर्य भट्ट ने शून्य की खोज की तो रामायण में रावण के दस सर की गणना कैसे की गयी? रावण के दस सिर कैसे हो सकते हैं,जबकि शून्य की खोज आर्यभट्ट ने #Dark #विचार

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