Nojoto: Largest Storytelling Platform

New व्यवस्था परिवर्तन Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about व्यवस्था परिवर्तन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, व्यवस्था परिवर्तन.

    PopularLatestVideo

Mularamji Godara

सत्ता परिवर्तन एवं व्यवस्था परिवर्तन कि इस लड़ाई में आप सभी कंधे से कंधा मिलाकर हनुमान जी बेनीवाल 29 अक्टूबर जयपुर मुख्यालय मानसरोवर किसान र

read more
 सत्ता परिवर्तन एवं व्यवस्था परिवर्तन कि इस लड़ाई में आप सभी कंधे से कंधा मिलाकर हनुमान जी बेनीवाल 29 अक्टूबर जयपुर मुख्यालय मानसरोवर किसान र

Vivek Vishu

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 आज के ही दिन जब 1907 में तत्काल पंजाब के लायपुर के बंगा में पिता किशन सिंह और माँ विद्यावती के घर एक बच्चे का जब जन्म हुआ #jaihind #bhagatsinghbirthday #वीर_भगत #therealheroofindia #nojotooppenmic #सत्_सत्_नमन #Happybirtday #inkalabjindabad

read more
mute video

सतीश तिवारी 'सरस'

mute video

Author Harsh Ranjan

व्यवस्था

read more
दुनिया के कानूनों ने
मुझे ये सिखाया है कि 
घोड़ा और गधा एक है,
व्यवस्था की नजर में!
या कहें कि घोड़ापन अथवा है।
दुनिया का गधों के लिए यही जज्बा है।
सर्वत्र संसार में अकाल व्याप्त है!
भूख और भूख का डर 
जल और वायु से भी पर्याप्त है।
कमाने वालों को कम खाने के गुण
बताए जा रहे हैं और लोग
उनकी रसोई के आटे-दाल से
भंडारे करवाये जा रहे हैं।
किसी ने मेरे कानों में धीमे से कहा है,
एक किसान दो फसल काटकर भी
आयु में उतना कमाता है कि
उसके तीन पुश्त एक भी रात
भूखे न गुजारें! 
पर ये गांव वालों को कैसे समझाएं
कि बेरोजगारी के दिन-रात
बिस्तर पर न गुजारें!
अगर धरती पर पड़ा होना ही अस्तित्व है
तो ये व्यवस्था मानव से ज्यादा
मवेशियों के निमित्त है। व्यवस्था

Author Harsh Ranjan

व्यवस्था

read more
दुनिया के कानूनों ने
मुझे ये सिखाया है कि 
घोड़ा और गधा एक है,
व्यवस्था की नजर में!
या कहें कि घोड़ापन अथवा है।
दुनिया का गधों के लिए यही जज्बा है।
सर्वत्र संसार में अकाल व्याप्त है!
भूख और भूख का डर 
जल और वायु से भी पर्याप्त है।
कमाने वालों को कम खाने के गुण
बताए जा रहे हैं और लोग
उनकी रसोई के आटे-दाल से
भंडारे करवाये जा रहे हैं।
किसी ने मेरे कानों में धीमे से कहा है,
एक किसान दो फसल काटकर भी
आयु में उतना कमाता है कि
उसके तीन पुश्त एक भी रात
भूखे न गुजारें! 
पर ये गांव वालों को कैसे समझाएं
कि बेरोजगारी के दिन-रात
बिस्तर पर न गुजारें!
अगर धरती पर पड़ा होना ही अस्तित्व है
तो ये व्यवस्था मानव से ज्यादा
मवेशियों के निमित्त है। व्यवस्था

somnath gawade

प्रचलित व्यवस्थेविषयी
'व्यवस्थित' बोलले नाहीतर
 'व्यवस्था' आपल्याला
व्यवस्थित जागी पोहचविते.
      🤣😂 #व्यवस्था
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile