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UTKARSH DWIVEDI
tehzibasheikh👩💻
कलौंजी में इतने गुण होते हैं कि यह मौत को छोड़ हर मर्ज की दवा हो सकता है. कलौंजी एक तरह का बीज है. इसे अंग्रेजी में Nigella Sativa कहते हैं. भारत के लगभग हर किचन में मिलने वाले कलौंजी में मौजूद शरीर की हर समस्या के समाधान में कारगर हैं. खासतौर से बाल से संबंधित परेशानियों से निजात दिलाने में यह बेहद कारगर है... कलौंजी में आयरन, सोडियम, कैल्शियम, पोटैशियम और फाइबर होता है. यह अमीनो एसिड और प्रोटीन से भरपूर है. यही वजह है कि आयुर्वेद विशेषज्ञ दवाओं में इसका इस्तेमाल सदियों से करते आ रहे हैं. कलौंजी में इतने गुण होते हैं कि यह मौत को छोड़ हर मर्ज की दवा हो सकता है. कलौंजी एक तरह का बीज है. इसे अंग्रेजी में Nigella Sativa कहते हैं.
tehzibasheikh👩💻
वजन कम करने में कलौंजी के बीज बहुत मददगार हैं. मुट्ठीभर कलौंजी के बीज भी वजन को कम करने में कमाल का काम कर सकते हैं. इनमें काफी मात्रा में फाइबर होता है जो आपको ओवरवेट होने से बचा सकता है. वजन कम करने में कलौंजी के बीज बहुत मददगार हैं. मुट्ठीभर कलौंजी के बीज भी वजन को कम करने में कमाल का काम कर सकते हैं. इनमें काफी मात्रा में फ
CalmKazi
वो तड़के की खुशबू, वो 'ज़रा और' घी नहीं मिलता, छत तो मिल जाती है माँ, घर कहीं नहीं मिलता ।। वो हींग का चटका, टमाटर की लौंजी संग सटीक नहीं बैठता रसोई तो मिल जाती है माँ, तेरे हाथों का स्वाद नहीं मिलता ।। - CalmKazi & Abhishek Tiwari A small collab on Mother's Day with Abhishek Tiwari First sher is his, second is mine. Click on #CalmKaziCollabs for more such works #Ca
Rakesh frnds4ever
उलझन इस बात की है कि हमें .......उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनिया के झमेले की या मन के अकेले की पैसों की तंगी की या जीवन कि बेढंगी की रिश्तों में कटाक्ष की या फिर किसी बकवास की दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की अपनी व्यर्थता की या ज़िन्दगी की विवशता की खुद के भोलेपन की या फिर लोगो की चालाकी की अपनी खुद की खुशी की या दूसरों की चिंता की खुद की संतुष्टि की या फिर दूसरों से ईर्ष्या की खुद की भलाई की या फिर दूसरों की बुराई की धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की मनुष्य की कष्टता की या धरती मां की नष्टता की मानव की मानवता की या फिर इसकी हैवानियत की बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,, विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की ,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों या उनके समस्याओं या समाधानों या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,, की हम किस बात की उलझन है..==........... rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की #दुनि
आलोक कुमार
बस यूँ ही चलते-चलते ......... जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त
Anuj Ray
खुशबू चरित्र की" खुशबू चरित्र की, हीरे सी चमकती है, फूलों सी महकती है। खुशबू चरित्र की, जीवन के आईने में, सूरज सी दमकती है। खुशबू चरित्र की, आदर्श भी गढ़ती है, इतिहास भी रचती है। ©Anuj Ray # खुशबू की चरित्र की"
Nitish Aarya
प्यार दुनिया का एक फासाना है इसका अपनाही एक ताराना है सब जानते है की मिलेंगे सिर्फ आँसू पर न जाने दुनिया में हर कोई इसका दिवाना है ©Nitish Aarya सायरी की की दायरी