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maddylines
आज़ादी की इस बेला में, मिट्टी खूं से लाल हुई। जैसे तैसे तब ये मिट्टी, गोली से गुलाल हुई। कितने ही सूली पर चढ़ गए, आज़ादी की भेंट में अब तो हिंदुस्तान बसा दो, इस मिट्टी के देश मे।। काला गोरा भेद ना समझो, ना मानो जाती वाद में अब तो हिन्दुतान बसा दो, इस मिट्टी के देश में। प्यार करेंगे प्यार मिलेगा, यही हमारा नारा हो। हाथ बढ़ाओ मदद की खातिर, ना कोई किस्मत से मारा हो खुशबू वाले फूल खिला दो, रेगिस्तान के रेत में। अब तो हिंदुस्तान बसा लो, इस माटी के देश में।। जैसा भी है, प्यार सा है, देश ये रंग बिरंगा है भिन्न है भाषा भिन्न है भूषा, सबका एक तिरंगा है छाई है मस्ती, आयी है खुशियां, स्वतंत्रा के वेश में अब तो हिंदुस्तान बसा लो, इस मिट्टी के देश में। अपनी आजादी के नाम
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी रगो में दौड़ता खून,अन्याय सह नही सकता आँखों से अपनी,अत्याचार गोरो का देख नही सकता सपूत हूँ भारत माँ का,दमन के कानून से घुट नही सकता गुलामी की बिछी हो कितनी भी बिछात ये आजाद,आजादी के बिना झुक नही सकता आजमाले अपने को गोरो,जाल बिछा लेना मेरे शरीर को जिंदा तू, छू भी नही सकता में आजादी का परवाना आजाद ही रहूँगा तेरी गुलामी में बंध नही सकता प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #ChandraShekharAzaad ये आजाद आजादी के बिना झुक नही सकता #ChandraShekharAzaad
parmod bagri
23 तारीख सन 31मै या नीम टेक दी आजादी की अंग्रेजा के भी जच गी थी या आई घड़ी बर्बादी की जब तख्ते पे लावन लागे जय हिन्द जय हिन्द होरी थी देख्या लाल खुसी तै चहरा उनकी गर्दन नीची होरी थी आख़री इच्छा पूछन लागे जब गले मिलन की बारी थी वो जलाद भी लाग्या काम्पन जिसकी ना थी बान मुनादी की तेरी मौत का जीकर सुना जब हिंदुस्तान यों जाग पड़ा लेन न बदला तेरी मौत का बचा बचा त्यार खड़ा इन बईमान अंग्रेजा का भगत सिंह यों काल बनया सबके दिल मै जिंदा सै तू क्यों बात करा बर्बादी की छोटी सी उम्र मै भगत सिंह ने सबके दिल पे राज करा तेरी माता विद्या ने भी तेरे मरण प राज करया जमा पड़ा था खून जो पहले तेरी मौत ने उबाल भरा तेरी बदौलत लेरे सा हम एक एक सांस आजादी की कमला मैडम प्रमोद बागड़ी तेरे गीता के फेन होय तने दोबारा देखन खातर तरस PK के नैन गए सुनले विपदा भारत माँ की भारत माँ की विपदा सुनले या कर रही फेर पुकार तन............ 23तारीख सन 31 या नीम टेक दी आजादी की अंग्रेजा के भी जच गी थी या आई घड़ी बर्बादी की प्रमोद बागड़ी ©parmod bagri आजादी के पर्व पर विशेष
poetry_pot_
हिन्दूस्तान है हमारा, हमारा ही रहने दो दिलों में बसता हिन्दूस्तान, हर दिल में रहने दो जात पात में ना बांटो, ना दंगे करवाओ बहुत हो गई राजनीति बंद करो षड्यंत्र बस, अब बस हर घर में तिरंगा रहने दो देखा मैंने जवानों को मातृभूमि पर मिटते हुए बुढी माँ को दुख मे रोते हुए लाचार बाप का सहारा खोते हुए इस बलिदान को मातृभूमि के नाम रहने दो खुशनसीब हुए वो सभी जवान जो मातृभूमि पर कुर्बान हुए थे भगत सिंह, चंर्दशेखर आज़ाद,सुभाष चंद्र बोस जो मर कर भी महान हुए हर धर्म यहाँ रहता है, मिल कर हमें अब रहने दो बदलाव आऐगा जो मेरे कहने से, उन शब्दों को मुझे अब कहने दो हिन्दूस्तान दिलो में बसता है, ओर हमारे दिलो में रहने दो इस आजादी उनके नाम जो मातृभूमि के नाम हो गए
Nitin Sharma
रंग इश्क का चढ़ा है, यादों में तेरी खो गया है। चांद को हल्दी लगी, वह बसंतिया हो गया है। पिंजरे में परिंदा कैद था, दिल को तो उसके सुकून था। मौत उसको यूं मिली, आजाद वह तो हो गया है। ©Nitin Sharma कभी-कभी आजादी किसी मौत से कम नहीं होती एक कविता उसी आजादी के नाम। #आज़ादी #azadi #love #pyar #love #lovehate #rangishqka #ishq #Rose
REETA LAKRA
किसी को हमने बताया बापू का भारत की आज़ादी से कोई संबंध नहीं था। सुनते ही वह भड़क उठा। अब उसे कैसे समझाते कि हम तो 'अपने बापू' 🤣 की बात कह रहे थे। १८२/३६६ आजादी की बात। #आज़ादी# yreeta-lakra-9mba