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Rajni kant dixit
पंख और आसमाँ आस थी बड़ी होकर आसमां में उड़ेंगे अपने नन्हे पंखों से आसमां को छूएंगे अरमान सहारे छुटे बस सोचते रह गये जो अरमान मन में आस बनकर रह गये rajnikantdixit आज थी बड़ी होकर आसमां में उड़ेंगे
MR VIVEK KUMAR PANDEY
"हौसला रखे ज़मीन पर खड़े रहने का, और आसमान छुएंगे हम भी एक दिन, जब उड़ेंगे शान से आसमान में एक दिन".। #एक दिन उड़ेंगे शान से #mrvivekkumarpandey
Adv Rudra varshney
सब्र कर मेरे भाई 🤝 उड़ेंगे मगर अपने दम पर varshneyrudra~~ rudrap ©rudra varshney #सब्र कर मेरे भाई #उड़ेंगे मगर अपने दम पर #Darknight #varshneyrudra #rudrap #thought #Thoughts #Nojoto #Bhai #Motivation
Anju Sahu
प्रेम और मैं
तो दा गो गो ला , ये दे श ख ड़ा है तु म्हा री तो प के हा शि ये प र (अनुशीर्षक पढ़े.....) तुम चाहते हो करना विस्फोट इस देश की नैतिकता में तो दागो गोला, ये देश खड़ा है तुम्हारी तोप के
वो फिर आएगी
बचपन में जवानी में या जब हम बूढ़े होंगे, ख़्वाब बड़े हैं तो क्या , कभी तो पूरे होंगे । ( Caption में पढ़ें ) बचपन में ,जवानी में या जब हम बूढ़े होंगे, ख़्वाब बड़े हैं तो क्या कभी तो पूरे होंगे, जब छोटी सी अभिलाषा बड़े ख़्वाब का रूप लेलेगी, जब नैनों
ujjwal pratap singh
Topic:- पापा कहते है No.2:- गरीबी है बड़ी जालिम,वह दस्ती साँप जैसे हो मकान की छत नही पक्की,बरसती आग जैसी हो छोड़ के माँ के आँचल को ,गृह में अपनी अपनी पत्नी को बिलखते अपने बच्चो को,पापा शहर जाते है कमाने पेट भर रोटी पापा शहर जाते है।। वो राते है बड़ी भीगी,मुझे अब भी डराती तूफान एक साथ आया ,पूरा घर है उजाड़ती माँ सोना चाहती थी,मगर कहां नींद आती है पति प्रदेश हो जिसका,वह स्त्री कहा कुछ कह पाती है कमाने सुख,चैन नींद पाप शहर जाते है कमाने पेट भर रोटी पापा शहर जाते है।। कविता है बड़ी दुर्लभ,ये साँसे रोक जाती है मैं रोना तक नही चाहता,सिसकियां आ ही जाती है जब बैठू अकेले में आंखे खूब रोती है जिस्म से जान जुदा हो ऐसी बात होती है सुना था बचपन में मैंने पापा शहर जाते है वह आँगन था बड़ा प्यारा,बड़ा सुंदर,बड़ा सवारा जिसमे रहती बहना दो,मैं और मेरा भाई बेचारा पढ़ लिख बने काबिलबस इसलिए पापा शहर जाते है कुछ वंश भी सहारा बने शायद इसलिए पापा कमाने जाते है। पापा को शहर जाना था सो वो चले गए मेरे आवाज़ लगाने से क्या होगा मैं कितना चीखू ,चिल्लाऊं परिवार को याद करके,पापा नही आएंगे काम छोड़के।। " उड़ेंगे आज आज़ाद परिंदे काव्य के आकाश में आज गज़ब सी शान होगी हर एक परवाज़ में ।। " Day _ 5 , प्रतियोगिता का नाम_ हम लिखते रहेंगे Team