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sagar bind

लुंबिनी नेपाल

लुंबिनी नेपाल #न्यूज़

27 Views

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sagar bind

लुंबिनी नेपाल गौतम बुद्ध की जन्म स्थली

लुंबिनी नेपाल गौतम बुद्ध की जन्म स्थली #न्यूज़

27 Views

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Alok Vishwakarma "आर्ष"

                                      उपेक्षित शब्द भी तो हैं,
                                      जो न कविता में आते हैं ।
                                      न चञ्चल बोल बुनते हैं,
                                      न सुख के गीत गाते हैं ।।



उन्हीं शब्दों के बहने की, अपेक्षा में मैं लिखता हूँ
कभी लव संगिनी उर में, कभी निज लय में दिखता हूँ #अपेक्षा #उपेक्षा #दीप #निष्काम_कर्म 
#yqdidi #प्रेम_विश्वास  #alokstates
Collaborating with Deepti Aggarwal 

उपेक्षित शब्द भी तो हैं,
जो न

#अपेक्षा #उपेक्षा #दीप #निष्काम_कर्म #yqdidi #प्रेम_विश्वास #alokstates Collaborating with Deepti Aggarwal उपेक्षित शब्द भी तो हैं, जो न

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Dhanraj Gamare

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©Dhanraj Gamare
  जागतिक महिला दिनाच्या निमित्ताने
गझल काव्य संध्या व बुककट्टा टीम
( पिंपरी चिंचवड)
यांच्या संयुक्त विद्यमाने आयोजित

दुसरे कवी संमेलन २०२४

जागतिक महिला दिनाच्या निमित्ताने गझल काव्य संध्या व बुककट्टा टीम ( पिंपरी चिंचवड) यांच्या संयुक्त विद्यमाने आयोजित दुसरे कवी संमेलन २०२४ #hunarbaaz

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Aayushman Regmie

मन आज़ाद परिंदा
©आयुष्मान रेग्मी "आज़ाद परिंदा" आज़ाद परिंदा मन मेरा
उड़    रहा   चहुँ    ओर 
क्या कहूँ  बस  यही के
बन  गया  जंगली मोर।
                                 
दो घड़ी ठहरता  नही

आज़ाद परिंदा मन मेरा उड़ रहा चहुँ ओर क्या कहूँ बस यही के बन गया जंगली मोर। दो घड़ी ठहरता नही #Poetry

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राजकिशोर मिश्र राज

चण्डिका === चण्डिका छंद या धरणी छंद में प्रत्येक चरण में १३ मात्राएँ होती है lप्रत्येक चरण में आठ ,पाँच पर यति अंत में चरणान्त रगण [२१२ आदि

चण्डिका === चण्डिका छंद या धरणी छंद में प्रत्येक चरण में १३ मात्राएँ होती है lप्रत्येक चरण में आठ ,पाँच पर यति अंत में चरणान्त रगण [२१२ आदि

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नेहा उदय भान गुप्ता

उदय दुलारी नेह कर प्रणाम इन्हें, बतायेगी इनकी सारी गाथा अपनी जुबानी।
इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल में जन्म हुआ, था वो नेपाल ग्राम लुम्बिनी।।

शेष अनुशीर्षक में पढ़े..👇🙏 उदय दुलारी नेह कर प्रणाम इन्हें, बतायेगी इनकी सारी गाथा अपनी जुबानी।
इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल में जन्म हुआ, था वो नेपाल ग्राम लुम्

उदय दुलारी नेह कर प्रणाम इन्हें, बतायेगी इनकी सारी गाथा अपनी जुबानी। इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल में जन्म हुआ, था वो नेपाल ग्राम लुम् #yqbaba #yqdidi #नेह_की_गाथा #NUBGupta #बुद्ध_की_नेह_जीवन_गाथा

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नेहा उदय भान गुप्ता😍🏹

उदय दुलारी नेह कर प्रणाम इन्हें, बतायेगी इनकी सारी गाथा अपनी जुबानी।
इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल में जन्म हुआ, था वो नेपाल ग्राम लुम्बिनी।।

शेष अनुशीर्षक में पढ़े..👇🙏 उदय दुलारी नेह कर प्रणाम इन्हें, बतायेगी इनकी सारी गाथा अपनी जुबानी।
इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल में जन्म हुआ, था वो नेपाल ग्राम लुम्

उदय दुलारी नेह कर प्रणाम इन्हें, बतायेगी इनकी सारी गाथा अपनी जुबानी। इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल में जन्म हुआ, था वो नेपाल ग्राम लुम् #yqbaba #yqdidi #नेह_की_गाथा #NUBGupta #बुद्ध_की_नेह_जीवन_गाथा

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Swatantra Kumar Singh

मैं उसको चाँद कहूँ कैसे 

कुछ दाग़ चाँद में ज़्यादा हैं

( In Caption ) है इश्क़ अधूरा उसके बिन और जीवन रस भी आधा है
मैं उसको चाँद कहूँ कैसे कुछ दाग़ चाँद में ज़्यादा हैं

कुछ लफ्ज़ बटोरे थे कल परसों कलम पुरानी वाली

है इश्क़ अधूरा उसके बिन और जीवन रस भी आधा है मैं उसको चाँद कहूँ कैसे कुछ दाग़ चाँद में ज़्यादा हैं कुछ लफ्ज़ बटोरे थे कल परसों कलम पुरानी वाली #poem #yqbaba #yqdidi #yqurdu #yqbhaijan #incomplete #yqhindi #yopowrimo

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Swatantra Kumar Singh

मैं उसको चाँद कहूँ कैसे 

कुछ दाग चाँद में ज्यादा हैं 


( In Caption ) 
 है इश्क़ अधूरा उसके बिन और जीवन रस भी आधा है
मैं उसको चाँद कहूँ कैसे कुछ दाग़ चाँद में ज़्यादा हैं

कुछ लफ्ज़ बटोरे थे कल परसों कलम पुरानी वाल

है इश्क़ अधूरा उसके बिन और जीवन रस भी आधा है मैं उसको चाँद कहूँ कैसे कुछ दाग़ चाँद में ज़्यादा हैं कुछ लफ्ज़ बटोरे थे कल परसों कलम पुरानी वाल #Moon #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqurdu #yqbhaijan #yqhindi #yopowrimo

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Deepak Kanoujia

बुद्ध एक छिछली नदी हैं
जो तुम्हें गहरे में उतारते हैं
पर तुम्हें डूबने नहीं देते... बुद्ध से मैं सबसे पहले मिला कक्षा 7 में जब मैंने पढ़ी कहानी महात्मा बुद्ध और डाकू अंगुलिमाल...उनका वो कथन " मैं तो ठहर गया, तू कब ठहरेगा" मेर

बुद्ध से मैं सबसे पहले मिला कक्षा 7 में जब मैंने पढ़ी कहानी महात्मा बुद्ध और डाकू अंगुलिमाल...उनका वो कथन " मैं तो ठहर गया, तू कब ठहरेगा" मेर #buddha #buddhism #osho #nirvaana #modishtro #deepakkanoujia #lovebuddha #angulimala

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Anil Siwach

।।श्री हरिः।। 16 - ऊधमी मैया यशोदा का लाल ऊधमी बहुत है। कब क्या ऊधम करेगा, कुछ ठिकाना नहीं रहता। इससे कुछ खटपट किये बिना रहा नहीं जाता है औ #Books

।।श्री हरिः।। 16 - ऊधमी मैया यशोदा का लाल ऊधमी बहुत है। कब क्या ऊधम करेगा, कुछ ठिकाना नहीं रहता। इससे कुछ खटपट किये बिना रहा नहीं जाता है औ #Books

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Anil Siwach

।।श्री हरिः।। 36 - बाबा के पास 'तुम हाऊ के बाबा हो?' भद्र ने हंसते-हसते ब्रजराज से पूछा। 'मैं हाऊ का बाबा क्यों होने लगा।' बाबा भी हंसे -

।।श्री हरिः।। 36 - बाबा के पास 'तुम हाऊ के बाबा हो?' भद्र ने हंसते-हसते ब्रजराज से पूछा। 'मैं हाऊ का बाबा क्यों होने लगा।' बाबा भी हंसे -

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 8 - जागे हानि न लाभ कछु राजकुमार श्वेत के आनन्द का पार नहीं है। आज उनका अभीष्ट पूर्ण

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 8 - जागे हानि न लाभ कछु राजकुमार श्वेत के आनन्द का पार नहीं है। आज उनका अभीष्ट पूर्ण

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 8 - जागे हानि न लाभ कछु राजकुमार श्वेत के आनन्द का पार नहीं है। आज उनका अभीष्ट पूर्ण

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 8 - जागे हानि न लाभ कछु राजकुमार श्वेत के आनन्द का पार नहीं है। आज उनका अभीष्ट पूर्ण

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 14 – ममता 'मैं अरु मोर तोर तैं माया। जेहि बस कीन्हे जीव निकाया।।'

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 14 – ममता 'मैं अरु मोर तोर तैं माया। जेहि बस कीन्हे जीव निकाया।।'

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 12 - भगवान ने क्षमा किया ऊँट चले जा रहे थे उस अन्धड़ के बीच में। ऊपर से सूर्य आग बर

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 12 - भगवान ने क्षमा किया ऊँट चले जा रहे थे उस अन्धड़ के बीच में। ऊपर से सूर्य आग बर

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