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Nitesh boss
life is a better ground ©Nitesh boss लड़ने वाले बनो भागने वाले नहीं.... #MahaKumbh2021
shayar_dillwala
Bambhu Kumar (बम्भू)
"आप अगर मैदान छोड़कर भागने वाले हो तो मैं आपके साथ नहीं और अगर आप मैदान में डटे रहने वाले हो तो आपको मेरी जरूरत ही नहीं पड़ेगी" -बम्भू "आप अगर मैदान छोड़कर भागने वाले हो तो मैं आपके साथ नहीं और अगर आप मैदान में डटे रहने वाले हो तो आपको मेरी जरूरत ही नहीं पड़ेगी" -बम्भू
sachin kor
घर से भागने वाले लड़के, अक्सर, अपने सपने के लिए छोड़ जाते हैं। घर परिवार और सपने सब टूट जाते हैं, मजबूरियां अपनो से दूर एक अच्छे को ले जाते हैं। सोचा नहीं था की गांव के लड़के रोते नहीं हैं किया करे,घर से भागने वाले लड़के, अक्सर, अपने सपने के लिए छोड़ जाते हैं। by.. saatvikor ©saatvikor घर से भागने वाले लड़के,#ज़िंदगी के किस्से#,❤️
shayar_dillwala
दुनिया से इतना दूर भागने वाले हमेशा किसी गम का शिकार होते है। कोई बात हो तो आराम से बता दो। चलो मै भी हूं ना तुम्हारे साथ, आओ हम मिल कर रोते है। #दुनिया से इतना दूर #भागने वाले हमेशा किसी #गम का #शिकार होते है। कोई बात हो तो आराम से बता दो। चलो मै भी हूं ना तुम्हारे #साथ, आओ हम मिल कर
Shubham Saxena
वो मौज-मस्ती वाला वक़्त कबका निकल गया है, देखते-देखते ज़माना कितना बदल गया है, भागते हम तब भी थे भागते हम अब भी है, भागने वाले का बस वो 'बस्ता' बदल गया है। ©Shubham Saxena वो मौज-मस्ती वाला वक़्त कबका निकल गया है, देखते-देखते ज़माना कितना बदल गया है, भागते हम तब भी थे भागते हम अब भी है, भागने वाले का बस वो 'बस्
Shubham Saxena
वो मौज मस्ती वाला समय निकल गया है, देखते देखते वक़्त कितना बदल गया है। भागते हम तब भी थे भागते हम अब भी है, भागने वाले का बस वो 'बस्ता' बदल गया है।। ©Shubham Saxena वो मौज मस्ती वाला समय निकल गया है, देखते देखते वक़्त कितना बदल गया है, भागते हम तब भी थे भागते हम अब भी है, भागने वाले का बस वो 'बस्ता' बदल ग
Divyanshu Pathak
पूरा देश लक्ष्मी की पूजा करता है दीपावली पर। दुर्गा की पूजा करता है नवरात्रा में,नौ दिन। सरकारें अरबों रूपए चाट रही हैं- ‘बेटी बचाओ’,‘कन्या भ्रूण’,‘बेटी पढ़ाओ’,‘शादी करवाओ’, ‘उनको मुफ्त शिक्षा दो’,‘किताबें,यूनिफॉर्म, साइकिलें बांटों।’ और जब वो बड़ी हो जाएं तो सत्ता में बैठे मठाधीश ही सबसे पहले उनको भोग की वस्तु बना डालते हैं। दीपावली का पर्व लक्ष्मी- उल्लू और अंधकार का है। उल्लू को प्रकाश में दिखाई नहीं देता। इसीलिए पर्व रात में ही मनाया जाता है। आज रोशनी आधार बन
Pankaj Singh Chawla
हां सच कह रही हो तुम (Read in Caption) तू भी पहले जैसा कहाँ रहा... तू भी पहले जैसा कहाँ रहा हां, सच कह रही हो तुम मैं भी पहले जैसा कहाँ रहा, गुमसुम ख़ामोश रहने वाला 'पंकज', न जान
Divyanshu Pathak
"परिवार" स्वर्ग की अनुभूति......... इसी परिवार में इस स्त्री के कितने स्वरूप बनते-बिगड़ते दिखाई पड़ते हैं। पुरूष तो लगता है पत्नी के ठेलने पर ही चलता है। वरना तो वह बदलने को शा