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tehzibasheikh👩‍💻

संतुलित आहार मानव शरीर के लिए बहुत जरुरी है। यह शरीर में संतुलन बनाये रखता है। संतुलित आहार में हर तरह के तत्व मौजूद होते है जैसे फाइबर, कार

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संतुलित आहार मानव शरीर के लिए बहुत जरुरी है। यह शरीर में संतुलन बनाये रखता है। संतुलित आहार में हर तरह के तत्व मौजूद होते है जैसे फाइबर, कार

Saurav Dangi

#आहार

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जो हम खाते हैं, वह हम, 
बन जाता है, ज्यादा खाते हैं,
 तो हम वह,बन जाते हैं.. 

इसीलिए जितना हो सके निर्धारित कर निरंतर,हल्का,सुपाच्य और सात्विक आहार
 ही ग्रहण करें... saurabh #आहार

Rajeswari Rath

आहार

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आहार तीन(3) प्रकार के होते है-सात्विक,राजसिक और तामसिक ।आहार से ही आचरण और प्रवृत्ति को आकार मिलता है। आहार

VIKY KIWI

कविता पर कविता

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Âñmôĺ Jâiñ

!! हो गये आहार!!

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आदि को हो गये आहार, 
झूम उठा सारा संसार!

 देवों ने हीरे मोती पुष्प बरसाएं, 
मानव ने जयकारे लगाए,
जय हो आदि रटते-रटते,
 राजा श्रेयांश में आहार कराएं!,

चिड़िया चहक ने लगी,
प्रभु की भक्ति में बहक ने लगी!
 आकाश में दिव्य ध्वनियां बजी,
पूरी सृष्टि महक ने लगी!!

 अक्षय तृतीय का पावन दिन बन गया,
जब प्रभु ने एक वर्ष बाद आहार किए!
धन्य धन्य है वो राजा,
 जिसने पहली बार भगवान को आहार दिए!! 

आदि को हो गये आहार, 
झूम उठा सारा संसार!

                        -अनमोल जैन
!!अक्षय तृतीय की अनेकानेक शुभकामनाएं!! !! हो गये आहार!!

manoj kumar jha"Manu"

#गीता_ज्ञान राजस आहार

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राजस आहार
कड़वे, खट्टे, नमकयुक्त, बहुत गरम, तीखे, रूखे, जलन उत्पन्न करने वाले और दुःख, चिन्ता तथा रोगों को उत्पन्न करने वाले आहार अर्थात भोजन करने के पदार्थ राजस व्यक्तियों को प्रिय होते हैं।
-
श्रीमद्भगवद्गीता
अ०१७/९ #गीता_ज्ञान 
राजस आहार

Ek villain

आहार की शुद्धता #Society

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Ek villain

#संतुलित जीवन यात्रा #promiseday #Society

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जब हम जीवन यात्रा को संतुलित आहार देकर तभी हमारे जीवन में ना संप्रदायिकता होगी ना ही मैं तो नगर छावनी ना अमीर गरीब का भेद हो गाना ऊंच नीच का हो गाना गला कट प्रतिशत होगी ना अंधविश्वास होगा और ना ही अर्थ सुनने परंपराओं में क्यों ना हम जीवन को इस क्रम को जारी रखते हुए ऐसे जीवन की कल्पना को साकार करें अध्यात्मिक के क्षेत्र में अकेले जीने की बात आत्मविश्वास का एक सार्थक पर्यटन है क्योंकि वह सौदा आध्यात्मिक चिंतन रहता है व्यक्ति अकेले जन्नत है और अकेले मरता है जहां कोई अपना पराया नहीं है सुख-दुख भी स्वयं द्वारा कृत कर्म का फल है हम असंतुलित जीवन दर्शन को सामान रखकर जीवन को अधिक सार्थक बना सकते हैं ऐसा ही सोच को विकसित करते हुए हम एक नए जीवन की यात्रा कर उठे चले नई पदचिन्ह बनाते हुए जीवन के सार्थक मुकाम तक पहुंचे मैं जो कहता सत्य वही है तू जो कहता सत नहीं है आग्रह की इस वृद्धि को हम छोड़े भगवान महावीर का एकांत दर्शन हमारे जीवन का भी दर्शन हो हम सब आगरा और हम को हल्का कर कर रहे यात्रा करेंगे तभी जीवन अधिक सुखद और सार्थक होगा हमारी जीवन यात्रा को सार्थक बनाने के लिए जरूरी है प्रतिस्पर्धा की होड़ में ना दौड़े स्वयं को फूलों को ईमानदार से स्वीकार करें उतावले पन में गुणवत्ता को ना घटाएं समस्याओं से घबराएं नहीं समाधान खोजने में शक्ति लगाएं हर व्यक्ति नया सोच नहीं

©Ek villain #संतुलित जीवन यात्रा

#promiseday

Indra jit Singh

चंद्रजीत मत्स्य आहार विक्रेता #nojotophoto

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 चंद्रजीत मत्स्य आहार विक्रेता
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