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Anjali
लाइफ का पन्ना रसभरा गन्ना लाइफ क़ा हर पन्ना हैं रस भरा गन्ना गन्नें मे होग़ी मिठास ज़ब रख़ोगे तुम आस आस हैं यदि तेरीं टिकाउ तो अच्छीं चलेगी जीवन नांव नांव मे लालच क़ा माल ज्यादा भरें तो निक़ाल निकालनें से पाओगें तुम ख़ुद को मालामाल मालामाल बननें की चाह मे तो ख़ो जाता हैं इन्सान इन्सान को ज़ब मिला ज्यादा समझ़ बैंठा ख़ुद को भगवान् भगवान् का दिया जीवन बुढापा जवानी ब़चपन ब़चपन मे तू ज़पा नाम जवानी मागी क़ाम दाम दाम ख़ोया बुढापा देख़ फिर बुढापा करें राम राम राम नाम होनें पर क्या ब़चा के रख़ेगा रहेगा सदा मन मे ईश्वर तो ज़ीवन जीवन बनेंगा ©Anjali लाइफ का पन्ना रस भरा गन्ना
Parasram Arora
कोई पुरखो को पानी पहुंचा रहा हैँ कोइ गंगाओ मे पाप धो रहा हैँ कोई पथर की प्रतिमाओं के सामने बिना भाव सर झुकाये बैठा हैँ धर्म के नाम पर हज़ार तरह की मूढ़ताएं प्रचलन मे हैँ धर्म से संबंध तो तब होता हैँ जब आदमी जागरण की गुणवत्ता हासिल कर लेता हैँ जहाँ जागरण होगा वहा अशांति कभी हो ही नहीं सकती क्यों कि जाग्रत आदमी विवेकी होता हैँ इर्षा क्रोध की वृतियो से ऊपर उठ चुका होता हैँ औदेखा जाय तो धर्म औऱ शांति पर्यायवाची शब्द हैँ धर्म औऱ शांति...... पर्यायवाची शब्द हैँ
प्रभाकर अजय शिवा सेन
जग की पर्यावाची मघा😁😁😁😂😄😅 ©प्रभाकर अजय शिवा सेन जग का पर्यावाची #Roses
brijesh mehta
................................... .. ©brijesh mehta प्रेम का कोई समानार्थक, प्रायवाची शब्द नहीं है, दुनिया में!
Parasram Arora
खून को पानी का पर्यायवाची मत मान. लेना अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै उस बसती मे सच बोलने का रिवाज नही है यहां कोई भी आदमी सच.को झूठ बना कर पेश कर सकता है ताउम्र अपना वक़्त दुसरो की भलाई मे खर्च करता रहा वो ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही सकता है ©Parasram Arora पर्यायवाची......
manoj kumar jha"Manu"
धरती का दुःख क्यों, समझते नहीं तुम। धरा न रही अगर, तो रहोगे नहीं तुम।। सुधा दे रही है वसुधा हमें तो, भू को न बचाया, तो बचोगे नहीं तुम।। "भूमि हमारी माता, हम पृथिवी के पुत्र"* वेदवाणी कह रही, क्या कहोगे नहीं तुम।। (स्वरचित) * माता भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या: (अथर्ववेद १२/१/१२) धरती का दुःख हम नहीं समझेंगे तो कौन समझेगा। इसमें धरती के पर्यायवाची शब्द भी हैं।